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 मुख्यमंत्री ने सन्ना पंडरापाठ में तीरंदाजी अकादमी बनाने के लिए एनटीपीसी के साथ किया अनुबंध

-20 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से आर्चरी सेंटर होगी स्थापित
-क्षेत्र के युवाओं को तीरंदाजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मिलेगा लाभ
 जशपुर नगर। मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कैम्प कार्यालय बगिया जशपुर में बगीचा विकास खंड के तहसील सन्ना पंडरा पाठ में  तीरंदाजी अकादमी बनाने के लिए एनटीपीसी के साथ एग्रीमेंट किया। सीएसआर फंड से 20 करोड़ 53 लाख की लागत से तीरंदाजी अकादमी बनाया जाएगा।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री रोहित व्यास एनटीपीसी के अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन श्री बिलाश मोहंती उप महाप्रबंधक श्री निशांत बंसल, वरिष्ठ प्रबंधक विधी गैरिक गुरु डिप्टी कलेक्टर समीर बड़ा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज एनटीपीसी द्वारा आर्चरी सेंटर स्थापित किये जाने के लिए 20 करोड़ 53 लाख रुपए की राशि सीएसआर के माध्यम से दी जा रही है मुझे इस बात की खुशी है। 
       उन्होंने कहा की जशपुर क्षेत्र के युवाओं में तीरंदाजी के लिए बड़ी संभावनाएं हैं। इसके लिए सेंटर आरंभ होने से युवाओं को काफी सुविधा होगी। वर्ष 2036 में भारत ने ओलंपिक खेलों के लिए दावेदारी प्रस्तुत की है। हमारी कोशिश होगी कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी भी अधिकतम संख्या में राष्ट्रीय टीम में हिस्सा लेकर पदक जीतें।  यह तब संभव होगा जब हम आर्चरी सेंटर की तरह ही नये प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेंगे, यहां प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को चिन्हांकित कर उन्हें हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने यह भी घोषणा की है कि जो खिलाड़ी ओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करेंगे, उन्हें तीन करोड़ रुपए दिये जाएंगे। ऐसे ही रजत पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को 2 करोड़ रुपए एवं कांस्य पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपए दिया जाएगा।
      मुख्यमंत्री ने लंबित राज्य खेल अलंकरण समारोह पुनः आयोजित कराए और इसके माध्यम से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सम्मानित करने की बात कही । उन्होंने कहा कि हमने खेलो इंडिया के नये सेंटर प्रदेश में आरंभ किये हैं। हमारी कोशिश है कि जनजातीय क्षेत्रों में खेलों की अधोसंरचना का विशेष रूप से विकास हो।
हमारा देश हमेशा से तीरंदाजी में अग्रणी स्थिति में रहा है। महाभारत और रामायण जैसे हमारे पवित्र ग्रंथों के नायक भी इस विधा में कुशल रहे हैं इसी परंपरा में आगे बढ़ते हुए प्रशिक्षित खिलाड़ी तैयार करें।
       उल्लेखनीय है कि सन्ना पंडरापाठ में 10.27 एकड़ भूमि में अकादमी बनाया जाएगा जहां आउटडोर तीरंदाजी रेंज, खिलाड़ियों के लिए छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर खिलाड़ियों की सुविधा के लिए भवन, जैविक खेती के लिए छायादार नर्सरी, पुस्तकालय, चिकित्सा केंद्र,कौशल विकास केन्द्र, हर्बल वृक्षारोपण, मैदान आदि शामिल हैं। आर्चरी एक खेल और कला है जिसमें धनुष और बाण का उपयोग करके लक्ष्य पर निशाना लगाया जाता है। यह एक प्राचीन गतिविधि है। धनुष यह एक लचीली वस्तु होती है जिससे बाण को छोड़ा जाता है। बाण नुकीला तीर जिसे लक्ष्य पर छोड़ा जाता है।
 लक्ष्य  जिस पर निशाना लगाया जाता है, आमतौर पर एक गोल आकृति होती है जिसमें अलग-अलग रंग और स्कोर क्षेत्र होते हैं। निशाना लगाने की तकनीक इसमें एकाग्रता, संतुलन और शरीर की स्थिरता बहुत ज़रूरी होती है। भारत में आरचेरी का गहरा इतिहास है। महाभारत और रामायण में भी धनुर्विद्या का उल्लेख है। आधुनिक खेलों में भारत के खिलाड़ी जैसे दीपिका कुमारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है।

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