बिलासपुर ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 11 हुई, 20 घायल
बिलासपुर . बिलासपुर रेलवे स्टेशन के करीब मंगलवार को हुए रेल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है, जबकि 20 लोग घायल हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि घटना मंगलवार शाम लगभग चार बजे हुई, जब ‘मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट' (एमईएमयू) यात्री ट्रेन कोरबा जिले के गेवरा से पड़ोसी जिले बिलासपुर जा रही थी। रेलवे के अधिकारियों ने कहा, ‘‘ दुर्घटना में छह महिलाओं सहित 11 लोगों की मौत हुई है तथा 20 अन्य घायल हो गए हैं।'' उन्होंने बताया कि 11 मृतकों में से पांच की पहचान रेलगाड़ी के लोको पायलट विद्या सागर (53), लवकुश शुक्ला (41), रंजीत प्रभाकर (40), शीला यादव (25) और प्रिया चंद्र (21) के रूप में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में से चार महिलाओं और दो पुरुषों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। 20 घायलों में नौ महिलाएं और दो वर्षीय बच्चा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यात्री ट्रेन की सहायक लोको पायलट रश्मि राज (34) और ट्रेन मैनेजर अशोक कुमार दीक्षित (54) तथा मालगाड़ी के गार्ड शैलेश चंद्र (49) भी अस्पताल में भर्ती हैं। अधिकारियों ने बताया कि टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि रेलगाड़ी का एक डिब्बा मालगाड़ी के एक डिब्बे के ऊपर चढ़ गया। बचाव दल को रेलगाड़ी के टूटे-फूटे डिब्बे को काटकर शवों को निकालने के लिए घंटों मेहनत करनी पड़ी, क्योंकि कई शव मलबे में बुरी तरह फंसे हुए थे। उन्होंने बताया, ''रेल प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य तत्काल प्रारंभ कर दिए थे तथा घायलों को नजदीकी अस्पतालों में समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। घायल यात्रियों को बिलासपुर के अपोलो अस्पताल, छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बचाव और मरम्मत का काम सुबह करीब साढ़े पांच बजे पूरा हो गया। जहां दुर्घटना हुई थी, उस लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है। रेलवे ने एक बयान जारी कर बताया है कि घटना में घायल हुए लोगों को त्वरित अनुग्रह सहायता राशि के अग्रिम के रूप में 50-50 हजार रुपये दिए गए हैं। घायलों का उपचार विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में किया जा रहा है। बयान में कहा गया है, ''रेल प्रशासन द्वारा सभी अस्पतालों से लगातार संपर्क बनाए रखा गया है तथा प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति के लिए चिकित्सा, परिवहन एवं आवश्यक सहयोग सुनिश्चित किया गया है। वरिष्ठ रेल अधिकारी निरंतर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।" रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘यात्री गाड़ी रेड सिग्नल तोड़ते हुए आगे बढ़ गई और इसने 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी।'' अधिकारी ने बताया, ‘‘ इस बात की जांच की जा रही है कि लोको पायलट ने रेड सिग्नल क्यों तोड़ा और समय पर इमरजेंसी ब्रेक क्यों नहीं लगाया, जबकि मालगाड़ी दिखाई देने वाली दूरी पर थी।'' अधिकारी ने बताया कि मालगाड़ी का गार्ड आखिरी समय में कूद गया, उसे मामूली चोटें आईं है।
एक बयान में कहा गया है कि रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है, जबकि मामूली रूप से घायल लोगों को एक-एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। बयान में कहा गया है कि इस घटना की विस्तृत जांच रेलवे सुरक्षा आयुक्त स्तर पर करायी जाएगी, जिससे घटना के कारणों की समुचित जांच करके आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जा सके। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दुर्घटना पर दुख जताया है तथा मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है .

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