उत्तर और दक्षिण क्षेत्र ने दिया भाजपा का साथ
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आदिवासी बहुल उत्तर क्षेत्र सरगुजा और दक्षिण क्षेत्र बस्तर ने इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ दिया है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने इस क्षेत्र की 26 में से 25 सीटों पर जीत हासिल की थी।
राज्य के सरगुजा संभाग में 14 सीटें हैं, जिनमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए नौ आरक्षित हैं। वहीं बस्तर संभाग में 12 सीटें हैं, जिनमें से 11 सीटें अनुसूचित जनजाति के वर्ग के लिए आरक्षित हैं। राज्य गठन के बाद कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में पहली बार सरगुजा क्षेत्र की सभी 14 सीटों पर जीत हासिल की थी। राज्य में तब कांग्रेस ने 68 सीटें जीतकर 15 साल से सत्ता में रहे भाजपा को बाहर कर दिया था। इस बार के चुनाव में भाजपा ने सरगुजा क्षेत्र की सभी सीटें जीत ली हैं।
क्षेत्र के छह जिलों की 14 सीटों में से भाजपा ने भरतपुर सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, रामानुगंज, सामरी, लुंड्रा, अंबिकापुर, सीतापुर, जशपुर, कुनकुरी और पत्थलगांव सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव भाजपा के राजेश अग्रवाल से 94 मतों से पराजित हो गए हैं। वहीं आदिवासी नेता और मंत्री अमरजीत भगत सीतापुर सीट पर भाजपा उम्मीदवार और पूर्व सीआरपीएफ कर्मी राम कुमार टोप्पो से 17,160 के अंतर से हार गए हैं। भाजपा सांसद गोमती साय ने पत्थलगांव सीट पर कांग्रेस के रामपुकार सिंह को 255 वोटों से हरा दिया है। कांग्रेस ने इस बार क्षेत्र की प्रतापपुर, सामरी, रामानुगंज और मनेंद्रगढ़ सीटों से अपने चार मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया था, लेकिन उसने नए चारों उम्मीदवार भी चुनाव हार गए। इसी तरह कांग्रेस ने 2018 में बस्तर संभाग की 12 में से 11 सीटें जीती थी, लेकिन इस बार उसकी सीटें घटकर चार रह गईं, जबकि वह एक सीट पर पीछे चल रही है। इस बार भाजपा ने क्षेत्र में सात सीटों पर जीत हासिल की है और एक सीट पर आगे चल रही है।
2018 में, दंतेवाड़ा एकमात्र सीट थी जो इस क्षेत्र में भाजपा ने जीती हासिल की थी लेकिन उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस ने जीत ली थी। यहां तक कि अलग-अलग कारणों से हुए उपचुनाव में कांग्रेस अपनी दो सीटें- चित्रकोट और भानुप्रतापपुर बरकरार रखने में कामयाब रही। चित्रकोट से कांग्रेस विधायक दीपक बैज ने 2019 के संसदीय चुनाव में बस्तर लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद विधायक पद छोड़ दिया था। भानुप्रतापपुर सीट पिछले साल तत्कालीन विधायक और राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज मंडावी की मृत्यु के बाद खाली हो गई थी। कांग्रेस ने मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी वर्मा को मैदान में उतारा था, जिन्होंने उपचुनाव जीता। इस क्षेत्र में भाजपा ने अब तक जो सीटें जीती हैं उनमें अंतागढ़, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, जगदलपुर, चित्रकोट और दंतेवाड़ा शामिल हैं, जबकि नारायणपुर पर वह भारी अंतर से आगे चल रही है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज चित्रकोट सीट पर भाजपा के विनायक गोयल से 8,370 वोटों के अंतर से हार गए, जबकि कांग्रेस मंत्री मोहन मरकाम को कोंडागांव सीट पर भाजपा की लता उसेंडी से 18,572 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। इस क्षेत्र से जीतने वाले कांग्रेस के चार उम्मीदवार मंत्री कवासी लखमा (कोंटा) और तीन मौजूदा विधायक - विक्रम मंडावी (बीजापुर), लखेश्वर बघेल (बस्तर) और सावित्री मंडावी (भानुप्रतापपुर) शामिल हैं। कांग्रेस ने क्षेत्र के अंतागढ़, कांकेर, दंतेवाड़ा, चित्रकोट और जगदलपुर से अपने पांच मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया था। लेकिन पार्टी सभी सीटों पर हार गई। 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए दो चरणों में सात और 17 नवंबर को मतदान हुआ था। वोटों की गिनती रविवार को की गई।





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