ब्रेकिंग न्यूज़

 विशेषज्ञों ने बताया- "जल्दी साँस फूलने कि स्थिति में करें डायाफ्रैगमैटिक ब्रीदिंग, साँस लेने की प्रक्रिया हो जाएगी ठीक"
-शासकीय फिजियोथेरपी महाविद्यालय में फिजियोथेरेपी की अत्याधुनिक तकनीकों पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
 रायपुर । शासकीय फिजियोथेरपी महाविद्यालय रायपुर द्वारा 4 एवं 5 जनवरी 2024 को कार्डियोपल्मोनरी रिहैबिलिटेशन एवं बेसिक लाइफ़ सपोर्ट पर, दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार 4 जनवरी को मुख्य अतिथि संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. विष्णु दत्त, अधिष्ठाता पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. तृप्ति नागरिया एवं विशिष्ट अतिथि विभागाध्यक्ष रेस्पिरेटरी मेडिसिन (अम्बेडकर अस्पताल) डॉ. आर. के. पंडा, विभागाध्यक्ष सीटीवीएस (अम्बेडकर अस्पताल) डॉ. के. के. साहू एवं प्राचार्य शासकीय फिजियोथेरिपी महाविद्यालय डॉ. रोहित राजपूत की उपस्थिति में किया गया। 
   कार्यशाला में विशेष रूप से प्रशिक्षण देने के लिए दिल्ली से विषय विशेषज्ञ डॉ. सुमंता घोष को आमंत्रित किया गया है। डॉ. सुमंता घोष ने आईसीयू में भर्ती मरीजों को दी जाने वाली फिजियोथेरेपी की विभिन्न तकनीकों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। इन अत्याधुनिक तकनीकों में मैन्युअल हाइपर इंफ्लेशन, सक्शन, चेस्ट पर्कशन इत्यादि शामिल रहे। इन तकनीकों से फेफड़ों में जमे बलगम को श्वास नली के रास्ते बाहर निकालने की कोशिश की जाती है जिससे साँस लेने में आसानी हो सके और ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ सके। जल्दी साँस फूलने कि स्थिति में डायाफ्रैगमैटिक ब्रीदिंग करनी चाहिए जिसके अंतर्गत नाक से साँस लेकर, पेट में साँस भरकर, मुँह से धीरे-धीरे साँस छोड़ने से, साँस लेने की प्रक्रिया कुशल हो जाती है। नाक से साँस लेते हुए दोनों हाथ ऊपर उठाना और मुँह से साँस छोड़ते हुए हाथ नीचे करना, इस तरह से व्यायाम के साथ साँस के तालमेल से लाभ बढ़ जाता है। शरीर की मांसपेशियों की ताक़त बानाये रखने के लिए न्यूरोमस्क्यूलर इलेक्ट्रिकल स्टिम्यूलेशन का इस्तेमाल किया जाता है।
 कार्यशाला में पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एनेस्थीसिया विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रतिभा जैन शाह ने बताया कि बेसिक लाइफ़ सपोर्ट की मदद से हृदयघात होने पर समय रहते व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।  
  कल इस कार्यशाला के दूसरे दिन फिजियोथेरेपी की अन्य विधाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यशाला के आयोजन समिति में प्राचार्य डॉ. रोहित राजपूत, डॉ. राहुल जैन, डॉ. चानन गोयल, डॉ. बिंदु अब्राहम एवं डॉ. मनोज देशमुख सहित फिजियोथेरेपी महाविद्यालय के सभी अध्यापकगण शामिल हैं। इस कार्यशाला के पहले दिन लगभग 130 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया जिसमें शासकीय फिजियोथेरेपी महाविद्यालय के छात्रों सहित राज्य के अन्य फिजियोथेरेपिस्ट शामिल थे। गौरतलब है कि दिल और फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए फिजियोथेरेपी एक अत्यंत महत्वपूर्ण विधा है।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english