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 एम्स में अब तक 21 किडनी ट्रांसप्लांट, 50 से अधिक आवेदन
-महासमुंद, गरियाबंद, कांकेर और उड़ीसा के निकटवर्ती जिलों से सबसे अधिक रोगी
-गर्मियों में अधिक से अधिक पानी के सेवन पर जोर, शुगर-बीपी पर नियंत्रण की आवश्यकता
- विश्व किडनी दिवस पर एम्स में कई कार्यक्रम, किडनी ट्रांसप्लांट के बाद भी सामान्य जीवन
 रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अब तक 21 किडनी ट्रांसप्लांट हो चुके हैं जबकि 50 से अधिक रोगियों ने ट्रांसप्लांट के लिए आवेदन दिया हुआ है। विशेषज्ञों ने छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों और उड़ीसा के निकटवर्ती क्षेत्रों में बढ़ते किडनी रोगियों को चुनौतीपूर्ण बताते हुए विशेष समन्वित प्रयासों पर जोर दिया है। इसके साथ ही किडनी की समस्या से बचने के लिए गर्मियों में नियमित रूप से पानी का सेवन करने और समय पर जांच कराने का अनुरोध किया है।
विश्व किडनी दिवस पर नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रमों में विशेषज्ञों ने महासमुंद, गरियाबंद, बालांगीर और उड़ीसा के निकटवर्ती क्षेत्रों में बढ़ते किडनी रोगियों की संख्या को चुनौतीपूर्ण बताते हुए विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयासों पर जोर दिया। विभागाध्यक्ष डॉ. विनय राठौर ने बताया कि एम्स में अब तक 21 किडनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं जिसमें 17 डोनर द्वारा दी गई जबकि 4 कैडेवर ट्रांसप्लांट हुए हैं।
उन्होंने बताया कि एम्स में प्रतिमाह 1500 किडनी रोगी आ रहे हैं जिनमें 200 नए रोगी होते हैं। इनमें से अधिकांश उक्त जिलों के हैं। उन्होंने बताया कि बढ़ती गर्मी में सामान्य व्यक्ति को नियमित रूप से 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए जबकि किसान और मजदूरी का कार्य कर रहे लोगों को कम से कम तीन लीटर पानी पीना चाहिए। इसके साथ ही ब्लड प्रेशर और शुगर का भी नियमित चेकअप कराना चाहिए। इससे किडनी संबंधी रोगों का समय पर पता चल सकता है।
इस अवसर पर किडनी दानदाताओं और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने रोगियों के बीच में क्रिकेट मैच हुआ। इसकी कप्तानी डॉ. राठौर और यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अमित शर्मा ने की। डॉ. राठौर की टीम ने जीत दर्ज की। मैच में किडनी दानदाताओं और किडनी प्राप्त करने वाले रोगियों ने श्रेष्ठ प्रदर्शन कर स्वयं के स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जीने का संदेश दिया। इसके अलावा सीएमई में दो कैडेवर रोगियों के परिजनों को सामाजिक सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। परिजनों का कहना था कि कैडेवर के माध्यम से भी देशसेवा का प्रकल्प पूरा किया जा सकता है।
कार्यपालक निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (रिटा) ने अपने संदेश में यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी के चिकित्सकों को संयुक्त रूप से 21 किडनी ट्रांसप्लांट कर रोगियों को नया जीवन प्रदान करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि अब तक आठ हजार से ज्यादा डायलिसिस हो चुके हैं। किडनी रोग संबंधी सभी उपचार सुविधाएं एम्स में निःशुल्क उपलब्ध हैं। रोगियों को समय पर जांच करवाकर अपना उपचार करवाना चाहिए।
एम्स में किडनी रोगियों के लिए प्रत्येक गुरुवार को पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजी, किडनी ट्रांसप्लांट और सीकेडी का विशेष क्लिनिक संचालित किया जा रहा है जिसमें रोगियों को विशेष उपचार प्रदान किया जाता है।

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