मन-मंदिर में दीप जलाओ
- गीत
-लेखिका-डॉ. दीक्षा चौबे, दुर्ग ( वरिष्ठ साहित्यकार और शिक्षाविद)
हर पल गीत खुशी के गाओ
हर पल गीत खुशी के गाओ ।
मन-मंदिर में दीप जलाओ ।।
सद्भावों की पावन धरती ।
पीड़ा तन-मन जन की हरती ।
पुष्पित सुरभित यौवन डाली ।
नीति पत्र से रहे न खाली ।
दंभ-द्वेष के कलुष मिटाओ ।।
मन-मंदिर में दीप जलाओ ।। 1 ।।
जीवन-सरिता बहती जाए ।
बाधा पथ को रोक न पाए ।
मृदुल मंद शुचि मंथर लहरें ।
शुभ्र चंद्रिका आकर ठहरें ।
आभा मुख की दीप्त बनाओ ।।
मन-मंदिर में दीप जलाओ ।। 2।।
सुविचारों का बृहद गगन हो ।
सुखदा शीतल मंद पवन हो ।
शुचिता शुभता करें नमन हम ।
कुसुमित सुरभित करें चमन हम ।
शस्य-श्यामला धरा सजाओ ।।
मन-मंदिर में दीप जलाओ ।। 3 ।।
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