यह मिट्टी चंदन सी महकी
लेखिका- डॉ. दीक्षा चौबे
- दुर्ग ( वरिष्ठ साहित्यकार और शिक्षाविद)
यह मिट्टी चंदन सी महकी ,
खेतों में सावन हँसता है ।
वंदन करते मातृभूमि को ,
हर दिल में भारत बसता है ।।
छाई हरियाली वन-उपवन ,
वसुधा ओढ़े चूनर धानी ।
पूजे जाते पर्वत पौधे ,
नदियों को माता मानी ।
गूँजे स्वर अजान गुरुबानी ,
वेद मंत्र पावन करता है ।।
हर दिल में भारत बसता है ।।
सहिष्णुता समुदायों में है ,
प्रेम समन्वय भाईचारा ।
संस्कृतियों की गंगा बहती ,
सुविचारों की निर्मल धारा ।
विपदा संबल धैर्य बढ़ातीं ,
वक्त कसौटी में कसता है ।
हर दिल में भारत बसता है ।।
त्यौहारों की धूम यहाँ पर ,
रंगोली घर के आँगन में ।
सोंधी खुशबू व्यंजनों की ,
झूले सजते हैं सावन में ।
तीज दिवाली होली राखी ,
लाती मन में समरसता है ।।
गौतम गाँधी सुभाष नेहरू ,
अनमोल रत्न भारत के हैं ।
विश्वगुरु बना शांति प्रणेता ,
किस्से कई शहादत के हैं ।
राम कृष्ण जन्मे जिस भू पर ,
मूल्य धर्म की सरसता है ।।
कबीर नानक रहीम तुलसी ,
संत हुए हैं ज्ञानी ध्यानी ।
महिमा राम नाम गुण गाए ,
समझें मूढ़ मति अज्ञानी।
ग्रंथ कई महान रच डाले ,
जीवन-शिक्षा पावनता है ।।
सीमा की रक्षा के प्रहरी ,
साहस शौर्य की मूरत हैं ।
मर-मिटने को तैयार सदा ,
त्याग समर्पण की सूरत हैं ।
इन वीर सैनिकों के आगे ,
दुश्मन न कोई भी टिकता है ।।
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