नकली मिठाई की ऐसे करें पहचान
अक्सर त्योहार आते ही ऐसी खबरें भी सामने आने लगती हैं और हम खुद को ठगा हुआ तब महसूस करते हैं, जब किसी ऐसी दुकान का नाम सामने आता है, जिस पर हम सालों से भरोसा करते आ रहे थे। मिठाई या कोई भी अन्य खाद्य पदार्थ का सीधा संबंध सेहत से है। ऐसे में इनकी गुणवत्ता का ध्यान तो रखना ही होगा। त्योहार आते ही बाजार गरम हो जाता है और ऊंची दुकानों के भी पकवान नकली होने की खबरें आने लगती हैं। इस मामले में आपकी सतर्कता जरूरी है।
नकली कैसे?
फूड अडल्ट्रेशन यानी खाने में उन चीजों की मिलावट जिसे सेवन के लिए सुरक्षित नहीं माना गया है। उन चीजों की खाद्य पदार्थों में जरूरत से ज्यादा मिलावट, जिनके लिए एक मानक तय किया गया है, भी फूड अडल्ट्रेशन है! यह मानक खाद्य सुरक्षा विभाग और खाद्य मंत्रालय की तरफ से तय किया जाता है और इन पर खरा उतरने वाले खाद्य पदार्थों को एफएसएसएआई का प्रमाण पत्र मिलता है। इसे डिब्बा बंद फूड में तो देखा जा सकता है, लेकिन किसी आम दुकान से मिलने वाली मिठाई के डिब्बे या नमकीन के पैकेट में आपको यह प्रमाण छपा नहीं दिखता। अब ऐसे में जरूरी है कि आपको भी वे तरीके पता हों, जिनसे आप पहचान कर सकें कि आप जो खा रही हैं, वह आपके लिए सुरक्षित है या नहीं।
इनमें होती है सबसे ज्यादा मिलावट
त्योहार पर मिठाइयां धड़ल्ले से खरीदी-बेची जाती हैं। ये मिठाइयां सबसे ज्यादा खोए या मावा से बनती हैं। इसी में सबसे ज्यादा हेरफेर की आशंका भी होती है। कई बार दुकानदार नकली मावा इस्तेमाल करते हैं, जो दूध में मिलावट से बना होता है या वह सिंथेटिक मिल्क का होता है या फिर रिफांइड ऑयल से तैयार होता है। इसके अलावा मिठाइयों को आकर्षक बनाने के लिए फूड कलर या सस्ते रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। मिठाइयों पर लगी वर्क भी कई बार चांदी की न होकर एल्युमिनियम की होती है, जो एक भारी धातु है। कुछ लोग मिठाइयों या अन्य पकवान को बनाने के लिए नकली देसी घी का इस्तेमाल करते हैं।
यों करें जांच
मिठाई या अन्य कोई भी खाद्य पदार्थ लेते समय सबसे पहले अपनी नाक पर भरोसा करें। अगर मिठाई से महक सही नहीं आ रही है, तो उसे न खरीदें। ऐसा खासतौर पर जल्द खराब होने वाली चीजों जैसे छेना या उससे बने सामान के साथ होता है। इसके बाद उन खाने की चीजों से भी बचें, जो ज्यादा चटख रंग की हों। इनमें इस्तेमाल किया जाने वाला रंग सुरक्षित नहीं होता है।
चांदी का वर्क पहचानने के लिए मिठाई पर लगे वर्क को रगड़कर देखें। अगर रगड़ने से वर्क पूरी तरह हट जाता है, तो असली है और अगर हाथ में आता है या मिठाई में लगा रह जाता है, तो नकली है। खोए को सूंघ कर देखें। उससे देसी घी की महक आनी चाहिए। खोए पर आयोडीन डालकर भी देख सकती हैं। नकली खोया आयोडीन से रिएक्ट करके नीला पड़ जाता है।
ये बातें भी समझें
उन दुकानों से सामान न लें, जो सिर्फ त्योहार के लिए खुलती हैं या सिर्फ त्योहार के लिए ही मिठाई बेचती हैं। ये सिर्फ मुनाफा कमाने की जुगत में होते हैं।
कुछ मिठाइयां केवल एक या दो दिन चलती हैं। खरीदते वक्त यह पता कर लें कि उन्हें कब बनाया गया है।
किसी भी दुकान पर शक होने या खराब अनुभव होने पर फूड सेफ्टी के हेल्पलाइन नंबर 18001805533 पर शिकायत दर्ज कराएं।
घी या अन्य पैक किए खाद्य पदार्थों में बारकोड होता है। उसे स्कैन करके पता लगाएं कि वह असली है या नहीं।
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