कार्तिक पूर्णिमा पर न करें ये गलतियां, पड़ेंगी भारी
कार्तिक महीने की अमावस्या पर दीप पर्व मनाते ही देवउठनी एकादशी और कार्तिक पूर्णिमा का इंतजार शुरू हो जाता है. कार्तिक पूर्णिमा को सभी पूर्णिमा में सबसे ज्यादा पवित्र और अहम माना गया है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान किया जाता है. विष्णु पुराण के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. इसके अलावा भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
...इसलिए कहलाती है त्रिपुरारी पूर्णिमा ..
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था इसलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन दान-पुण्य करना बेहद फलदायी माना जाता है. इस साल 19 नवंबर 2021 को कार्तिक पूर्णिमा है. कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने का शुभ मूहूर्त 19 नवंबर 2021, शुक्रवार को ब्रम्ह मुहूर्त से दोपहर 02:29 तक रहेगा.
कार्तिक पूर्णिमा पर न करें ये गलतियां....
धर्म और ज्योतिष के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करके उगते सूर्य को अर्ध्य देना बेहद फलदायी होता है. इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य करना कई पापों का नाश करता है. यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से बहुत लाभ होता है. इसके अलावा इस दिन दीपदान और तुलसी पूजा जरूर करें. कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए यह जानने के साथ-साथ ये भी जानना जरूरी है कि इस दिन क्या नहीं करना चाहिए. इसके लिए भी धर्म और ज्योतिष में कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं.
- कार्तिक पूर्णिमा जैसे पवित्र दिन किसी से बहस न करें. साथ ही किसी को अपशब्द कहने की गलती न करें.
- इस दिन नॉनवेज और शराब का सेवन करना जीवन में संकटों का बुलावा देना है.
-इस दिन किसी असहाय या गरीब व्यक्ति का अपमान करना पुण्यों को नष्ट करने के लिए काफी है.
- इस दिन नाखून और बाल काटने से भी बचना चाहिए.
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