ऐसी जमीन पर कभी ना बनाए मकान... उठाना पड़ सकता है नुकसान
अपने मकान का सपना हर किसी का होता है, लेकिन नया मकान बनाते समय बहुत सी चीजों का ध्यान भी रखना होता है। वास्तुशास्त्र ने मकान निर्माण के लिए कुछ नियम बताएं हैं। मकान बनाने की शुरुआत जमीन के चयन से होती है। हर कोई चाहता है कि नए मकान में प्रवेश करने के साथ ही उसके जीवन में खुशी, शुभता और सकारात्मकता का भी प्रवेश हो, लेकिन कई बार देखने में आता है कि नए मकान में प्रवेश करने के बाद एक के बाद एक समस्याएं आने लगती हैं। इसके पीछे जमीन खरीदते समय वास्तु दोष भी एक कारण हो सकता है। आज हम जानते हैं कि किस प्रकार की जमीन पर मकान बनाने से बचना चाहिए।
ऐसी भूमि पर भूलकर भी नहीं बनाना चाहिए घर-
-जिस भूमि में खुदाई करते समय कोयला, हड्डियां, कपाल, भूसा आदि चीजें निकलें उस पर मकान नहीं बनाना चाहिए।
-भूमि खरीदते समय देख लें कि उस पर या उसके आस-पास कोई पुराना कुंआ, खंडहर, शमशान, या कब्रिस्तान आदि न हो।
-घर या प्लॉट खरीदते समय ध्यान रखें कि वह उत्तर मुखी या पूर्व मुखी होना चाहिए।
-दक्षिण मुखी घर शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए हो सके तो ऐसा मकान लेने से बचें।
-जिस जमीन पर कांटेदार वृक्ष या कंटीली झाडिय़ां उगी हुई हो उसे मकान बनाने के लिए नहीं खरीदना चाहिए।
-यदि जिस स्थान पर आप जमीन खरीद रहे हैं और उसके दक्षिण में हैंडपंप, कोई जलस्तोत्र जैसे तालाब आदि हो तो उसे खरीदने से बचना चाहिए।
-गड्ढे वाली जमीन पर मकान बनाने से धन संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए ऐसे स्थान पर मकान बनाने से बचें।
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