खिड़कियां भी खोल देती हैं भाग्य... बस वास्तु के इन नियमों को जान लें.....
वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी घर में बनी हुई खिड़कियां उस भवन के वास्तु को प्रभावित करती हैं। इनके सही दिशा में होने से जहां सुख-समृद्धि की खिड़कियां खुल जाती हैं वहीं इनके गलत दिशा में होने से भाग्य बंद भी हो सकता है। वास्तुविज्ञान के अनुसार भवन में यदि खिड़कियों की संख्या एवं दिशा सही हो तो,यह जीवन में उजाला ला सकती हैं यदि ये गलत दिशा में हैं तो इनके कारण आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वास्तुविद अनीता जैन आज आपको बता रही हैं कि घर में खिड़कियां बनवाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
-सबसे पहले तो इनकी संख्या सम होनी चाहिए-जैसे 2 ,4 ,6 ,8 ,10 इत्यादि। बिषम संख्या में खिड़कियों का होना वास्तु में शुभ नहीं माना गया है।
-वास्तु में खिड़कियों के लिए दिशा भी निर्धारित की गई है । इसके अनुसार घर की पूर्व, पश्चिम एवं उत्तर दिशा में खिड़कियों का होना लाभकारी माना गया है। उत्तर,पूर्व एवं पश्चिम दिशा में खिड़की होने से घर में धन और समृद्धि के द्वारा खुल जाते हैं।
-पूर्व दिशा सूर्यदेव की दिशा है अत: इस दिशा में खिड़कियां अधिक होनी चाहिए। इस दिशा में बनी हुई खिड़कियों से न केवल सूरज की पहली किरण प्रवेश करती है अपितु इस रौशनी के साथ घर में सौभाग्य भी प्रवेश करता है। इससे परिवार के सदस्यों को यश, तरक्की मिलती है।
-उत्तर दिशा का संबंध धन के देवता कुबेर से है इस दिशा में खिड़कियां रखने से कुबेर देवता की कृपा बनी रहती है।
-दक्षिण दिशा में खिड़की होने से रोग और शोक की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी गई है अत: इस दिशा में खिड़कियां बनवाने से बचना चाहिए। नैऋत्य कोण में भी खिड़की नहीं होना चाहिए। अगर इस दिशा में खिड़कियां बनाना जरूरी हों तो इन्हें कम से कम खोलें।
-खिड़कियां दो पल्ले वाली होना चाहिए और इन्हें खोलने एवं बंद करने में आवाज नहीं होना चाहिए,ये नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती हैं। पल्ले अंदर की ओर खुलना चाहिए बाहर की ओर नहीं।
-शुभ प्रभाव के लिए खिड़कियां हमेशा साफ़ और स्वच्छ रखें ।कोशिश करें कि घर के मुख्यद्वार के दोनों तरफ समान आकार की खिड़कियां हों, ऐसा करने से चुंबकीय चक्र पूरा होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह लगातार बना रहता है। हवा और रौशनी के लिए खिड़की का आकार जितना बड़ा हो उतना अच्छा माना गया है।
अन्य वास्तु टिप्स
1 अगर प्रवेश द्वार के पास खिड़कियां टूटी-फूटी या गंदी या पुरानी होंगी,तो परिवार के सदस्यों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है ।
2 नया घर बनाते समय पुरानी खिड़कियों को नहीं लगाना चाहिए ,अन्यथा परिवार के सदस्यों को धन से जुड़ी समस्याओं को झेलना पड़ सकता है।
3 भवन निर्माण के समय खिड़कियों का आकार छोटा नहीं होना चाहिए वास्तु में यह अनुचित मानी गई हैं ।
4 शुभ एवं सकारात्मक परिणामों के लिए खिड़की के बाहर की तरफ छोटे-छोटे पौधे गमलों में लगाकर रखें । सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश के लिए सुबह के समय प्रतिदिन कुछ समय के लिए खिड़कियां जरूर खोल दें ।
5 यदि खिड़की के सामने कोई बिजली का खम्बा ,टावर या डिश एंटीना लगा हो तो बच्चों के करियर में बाधाएं उत्पन्न होती हैं ।ऐसी अवस्था में खिड़कियों पर मोटे परदे डालकर रहें ,ताकि नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश न कर सके ।
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