माघ पूर्णिमा को बन रहा है खास संयोग.. इन उपायों से करें देवी लक्ष्मी को प्रसन्न...
हिंदू धर्म में पूर्णिमा की पूजा और व्रत का शुरू से ही खास महत्व रहा है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन देवी देवता धरती पर आते हैं, ऐसे में इस दिन पूजा-पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। हर माह के आखिरी दिन को पूर्णिमा होती है। हर माह की पूर्णिमा का अपना अलग-अलग महत्व होता है। ऐसे में इस माह माघ में पडऩे वाली पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा कहा जाता है, इस दिन स्नान-दान आदि का खास महत्व होता है। इस साल माघ माह की पूर्णिमा 16 फरवरी, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। ज्योतिषियों के मुताबिक इस बार माघ पूर्णिमा पर खास संयोग बन रहे हैं। अगर इन दिन खास उपाए किए जाएं तो मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।
माघ पूर्णिमा पर संयोग और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन स्नान दान करने का मुहूर्त 16 फरवरी को सुबह 9 बजकर 42 मिनट से रात 10 बजकर 55 मिनट तक है। स्नान के बाद दान करने खासा फलदायी होगा। ज्योतिष के अनुसार माघ पूर्णिमा को कर्क राशि में चंद्रमा और आश्लेषा नक्षत्र की युति होने से शोभन योग बन रहा है। ये योग काफी शुभ माना गया है। इस दिन ही दोपहर को 12 बजकर 35 मिनट से 1 बजकर 59 मिनट तक राहुकाल होता है। इस वक्त में शुभ कार्य नहीं होना चाहिए।
माघ पूर्णिमा पर करें ये उपाय
1- अगर आप मानसिक शांति चाहते हैं तो पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय उसको कच्चे दूध में चीनी और चावल डालकर “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमसे नम:” या ” ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:. ” के मंत्र का जप करते हुए अर्घ्य देना चाहिए।
2- अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं और इससे मुक्ति चाहते हैं तो इस दिन मां लक्ष्मी को 11 कौडिय़ां अर्पित करें। इन कौडिय़ों पर हल्दी से तिलक कर पूजा भी करें और अगले दिन इनको लाल कपड़े में बांधकर वहां रखें जहां आप पैसे रखते हों।
3- माघ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और पूजा के बाद मंत्रों का जाप आदि करें। इसके साथ ही तुलसी में घी का दीपक जलाएं।
4- शास्त्रों के अनुसार इस दिन पीपल के वृक्ष में लक्ष्मी का आगमन होता है। ऐसे में स्नान करके सुबह पीपल पर जल चढ़ाएं और पूजा करें, इससे मां लक्ष्मी सभी कष्टों को दूर करती हैं।
5- पूर्णिमा की रात को माता लक्ष्मी के आगमन के लिए पूर्णिमा की सुबह-सुबह स्नान कर तुलसी को भोग, दीपक और जल अवश्य चढ़ाएं और मां की आराधना व जाप करें।
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