पूजा घर में इन बातों का रखें ध्यान... मिलेगा पूजा का संपूर्ण फल...
ज्यादातर घरों में पूजा घर में बहुत से भगवान की प्रतिमाएं या तस्वीरें देखने को मिलती हैं। जाने-अनजाने हम एक के बाद एक भगवान की तस्वीरें पूजा घर में रखते जाते हैं, लेकिन ऐसा करना शुभ नहीं होता है। साथ ही शास्त्रों के अनुसार पूजा करते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। पूजा करने की विधि कैसी हो इस प्रकार के विषय में अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं होती। इसलिए घर में पूजा स्थान पर होने वाले दोष आपको इससे मिलने वाले फल से वंचित रख सकते हैं। घर में की जाने वाली पूजा का सम्पूर्ण फल पाने के लिए आप पूजा स्थान से जुड़ीं जानकारियों को अच्छे से समझकर उनका उपयोग करें।
1. पूजागृह में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य प्रतिमा, तीन देवी प्रतिमा, दो गोमती चक्र या दो शालिग्राम का पूजन नहीं करना चाहिए।
2. घर में 9 इंच (22 सेंटीमीटर) या उससे छोटी प्रतिमा होनी चाहिए। इससे बड़ी प्रतिमा घर के लिए शुभ नहीं होती है। उसे मंदिर में ही स्थापित करना चाहिए।
3. देवी की 1 बार, सूर्य की 7 बार, गणेश की 3 बार, विष्णु की 4 बार तथा शिव की आधी परिक्रमा करनी चाहिए।
4. आरती करते समय भगवान विष्णु के समक्ष 12 बार, सूर्य के समक्ष 7 बार, दुर्गा के समक्ष 9 बार, शंकर के समक्ष 11 बार और गणेश के समक्ष 4 बार आरती घुमानी चाहिए।
5. पूजा करते समय बिना आसन के भूमि पर नहीं बैठना चाहिए।
6. शास्त्रों के अनुसार घर में पूजा करने का स्थान ईशान कोण में होना चाहिए। उत्तर दिशा और पूर्व दिशा के बीच का भाग ईशान कोण होता है। ईशान कोण को शुभ कार्यों के लिए सबसे उत्तम दिशा माना गया है। इस दिशा में पूजा के मंदिर को स्थापित करें।
7.पूजा स्थल में गणेश जी की स्थापना अवश्य करें। इसके लिए एक सुपारी पर लाल धागे (मौली) को लपेट लें और कुमकुम से तिलक कर एक कटोरी में थोड़े चावल रखकर स्थापित करें।
8. पूजा स्थल में एक कोने में बंद पात्र में गंगाजल अवश्य रखना चाहिए।
9. एक तांबे के छोटे से लोटे में जल को पूजा स्थल में अवश्य रखना चाहिए। प्रतिदिन इस पात्र का जल बदलना चाहिए व पुराने जल को पीपल के पेड़ या तुलसी के पौधे में डाल सकते हैं।ॉ
10. पूजा करने के स्थान पर भूलकर भी अपने पित्र देव (स्वर्गीय माता, पिता या गुरु) की फोटो न लगाए। उनका स्थान अलग रखें।
11. पूजा स्थल में कूड़ा-कचरा एकत्रित न होने दें। प्रतिदिन पूजा घर की सफाई करें।
12. अगर आपने पूजा घर में कोई मूर्ति की स्थापना की हुई है तो ध्यान दें, मूर्ति का कोई भी हिस्सा खंडित नहीं होना चाहिए। मूर्ति खंडित होने पर तुरंत उसे वहां से हटा दें। खंडित मूर्ति को बहते जल में विसर्जित कर सकते हैं।
13. पूजा के समय यदि संभव हो तो शुद्ध देसी गाय के घी का प्रयोग करें, व भोग लगाने के लिए अग्नि में गाय के गोबर के कंडो (ऊपलों) का ही प्रयोग करना उत्तम माना गया है।
14. पूजा-पाठ के समय दीपक कभी भी बुझना नहीं चाहिए, शास्त्रों में यह एक बड़ा अपशगुन माना गया है।
15. पूजा-पाठ के समय गुग्गल युक्त धूपबत्ती का प्रयोग करें। गुग्गल घर के वातावरण को शुद्ध और घर से नकारात्मक ऊर्जा या बुरे दोष को दूर करती है।
16. रात्रि को सोते समय पूजा स्थल को लाल पर्दे द्वारा ढंक दें व सुबह होने पर पर्दे को हटा दें।
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