शनिदेव कब से चलेंगे सीधी चाल? मार्गी शनि इन राशि वालों के जीवन में लाएंगे खुशियां
कर्मफलदाता शनिदेव बीते 5 जून को वक्री हुए थे। शनि की वक्री अवस्था का अर्थ है उनकी उल्टी चाल। शनि की वक्री चाल से सभी 12 राशियां प्रभावित हैं। शनि वक्री अवस्था में ज्यादा कष्टकारी होते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनि जब वक्री अवस्था में होते हैं तो इनकी चाल धीमी हो जाती है। शनि को सबसे धीमी गति का ग्रह माना गया है। यही कारण है कि शनि को एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का समय लगता है। वक्री शनि अब 141 दिन बाद मार्गी होंगे।
शनि कब होंगे मार्गी?
हिंदू पंचांग के अनुसार, शनि 23 अक्टूबर 2022, रविवार को सुबह 09 बजकर 37 मिनट पर मार्गी होंगे। यानी शनि फिर से अपनी सीधी चाल शुरू करेंगे।
मार्गी शनि का राशियों पर प्रभाव-
वर्तमान में कर्क व वृश्चिक राशियां शनि ढैय्या से पीड़ित हैं। मकर, कुंभ व मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। ऐसे में इन राशियों के जातकों को शनि की वक्री अवस्था के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। शनिदेव वृषभ, कन्या और धनु राशि वालों के लिए शुभ साबित हो सकते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन शनि मंदिर में शनि संबंधित चीजों का दान करना चाहिए। शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए।
शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय-
-गरीबों की मदद और ऐसे लोग जो असहाय है, अपने लिए कमा नहीं सकते, ऐसे लोगों की मदद करने से शनि प्रसन्न होते हैं।
-शनिवार के दिन गाय की सेवा करना और उसे चारा खिलाने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
-शनिवार को खासतौर पर भोजन करते समय अपने भोजन में से पहला निवाला निकाल कर कौवों को खिलाना चाहिए।
-अगर आप उच्च पद पर बैठें हैं तो आप अपने से नीचे काम करने वालों से अच्छा बर्ताव करें। ऐसा करने से शनि प्रसन्न होते हैं।
-शनिवार के दिन काला तिल और गुड़ चीटों को खिलाएं। इससे भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
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