जीव अगर भगवान की चर्चा तथा उनकी लीला का चिन्तन कर ले तो उसका उद्धार हो जायेगा
जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज के प्रवचनों से उद्धृत आत्मिक कल्याण के लिये 5 सार बातें :::::::
(1) जीव अगर भगवान की चर्चा तथा उनकी लीला का चिन्तन कर ले तो उसका उद्धार हो जायेगा।
(2) साधनाकाल में, भगवान की इच्छा में इच्छा रखकर जो जीव चलेंगे, वे ही शीघ्रता से आगे बढ़ सकेंगे।
(3) बिना भक्ति के कितना ही बड़ा ज्ञान हो, कैसा ही निष्काम कर्म हो, तो भी अंत:करण शुद्ध नहीं होगा।
(4) जहाँ तक उपासना की बात है, या तो गुरु की भक्ति करो अथवा गुरु और भगवान दोनों को बराबर मानों। केवल भगवान की भक्ति नहीं हो सकती।
(5) जो शरीर को 'मैं' मानते हैं वे शारीरिक सुखों का लक्ष्य बनाते हैं और जो आत्मा को 'मैं' मानते हैं वे आत्मा सम्बन्धी लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं।
(जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज के प्रवचनों से उद्धृत)
0 सन्दर्भ ::: अध्यात्म सन्देश पत्रिका, जुलाई 2001 अंक
0 सर्वाधिकार सुरक्षित ::: राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली के आधीन।
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