जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज के प्रवचनों से नि:सृत साधना-स्मरण सम्बन्धी 5-सार बातें (भाग - 1)
जगद्गुरु कृपालु भक्तियोग तत्वदर्शन - भाग 120
जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज के प्रवचनों से नि:सृत साधना-स्मरण सम्बन्धी 5-सार बातें (भाग - 1) :::::
(1) भगवान कहते हैं विश्वास करो, मेरा स्मरण करो और कुछ न करो। बस। मैं सब कुछ करुँगा तुम्हारा। तुम खाली स्मरण करो, बाकी सब काम मैं करुँगा और सदा के लिए अपना बना लूँगा। बस तुम उनको न भूलो.
(2) अपने को अच्छा कहलवाना, उसको बंद करना होगा। अच्छा बनने का प्रयत्न करना होगा, अच्छा कहलवाने का नहीं। अच्छा बनने का प्रयत्न करो और किसी के किसी वाक्य को फील न करने का अभ्यास करो।
(3) दान करना बहुत आवश्यक है। अगर दान नहीं करोगे तो अगले जन्म में दरिद्री बनोगे। दरिद्र बनकर पेट के लिये पाप करोगे। तो जब पाप करोगे तो मरने के बाद फिर दरिद्री बनोगे, फिर पाप करोगे, ये लिंक बन जाती है उसकी दु:ख भोगने की।
(4) कोई सेवा कार्य हो, तो सेवा कार्य को करो लेकिन उसमें भावना सब वही भरी रहे, जो तुम्हारे लक्ष्य की है कि हम श्यामसुन्दर की प्रसन्नता के लिये कर रहे हैं।
(5) चाहे अनंतकोटि काल तक तुम साधक बने रहो, एक क्षण को भी अगर तुमने ये भुला दिया हमारे श्रीकृष्ण नहीं है, गुरु नहीं है, बस अपराध कर जाओगे। बच नहीं सकते।
00 सन्दर्भ ::: जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज साहित्य
00 सर्वाधिकार सुरक्षित ::: राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली के आधीन।
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