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  देवउठनी एकादशी व्रत में क्या करें, क्या न करें......
- देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीपक अवश्य जलाना चाहिए। देवउठनी एकादशी के दिन आपको सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए। देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के नाम का कीर्तन भी करना चाहिए। 
- देवउठनी एकादशी के दिन निर्जल व्रत रखना चाहिए।
एकादशी पर किसी भी पेड़-पौधों की पत्तियों को नहीं तोडऩा चाहिए। 
- एकादशी वाले दिन पर बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए। 
-एकादशी वाले दिन पर संयम और सरल जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए। इस दिन कम से कम बोलने की किसी कोशिश करनी चाहिए और भूल से भी किसी को कड़वी बातें नहीं बोलनी चाहिए।
- हिंदू शास्त्रों के अनुसार एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। एकादशी वाले दिन पर किसी अन्य के द्वारा दिया गया भोजन भी नहीं करना चाहिए। 
- एकादशी पर मन में किसी के प्रति विकार नहीं उत्पन्न करना चाहिए । 
- इस तिथि पर गोभी, पालक, शलजम आदि का सेवन न करें। 
-देवउठनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए
- दक्षिणावर्ती शंख से करें विष्णु जी की पूजा- देवउठनी एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु की पूजा जरूर करनी चाहिए और शंख में गंगाजल भरकर भगवान विष्णु जी का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से आपके ऊपर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहेगी।
- प्रबोधिनी एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी को पीले रंग का प्रसाद जरूर चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि भगवान विष्णु को पीले रंग का प्रसाद और फल चढ़ाने पर जल्दी खुश होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।
- अगर आप भगवान विष्णु का आशीर्वाद चाहते हैं तो देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा जरूर करें ऐसा करने से धन लाभ होता है और आर्थिक जीवन आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- तुलसी विवाह का करें आयोजन- देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह की प्रथा है। इस एकादशी को तुलसी के पौधे और भगवान शालीग्राम का विधि अनुसार विवाह करें। संध्याकाल में तुलसी के पौधे पर एक घी का दीपक जरूर जलाएं। ऐसा करने से जीवन में सुख-संपत्ति और वैभव का आगमन होता है।
- कच्चे दूध से करें विष्णुजी का अभिषेक-माना जाता है कि  देवउठनी एकादशी के दिन एक लोटा जल में गाय के कच्चे दूध को मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करने से सारे पाप धुल जाते हैं। साथ ही यह उपाय शरीर के रोग-दोष को दूर सकता है।
- तुलसी विवाह की पूजा में मूली, शकरकंदी, आंवला, सिंघाड़ा, सीताफल, बेर, अमरूद और अन्य मौसमी फल चढ़ाएं। इसके अलावा तुलसी के पौधे को आंगन के बीचों-बीच चौकी पर रखें  और तुलसी जी को मेहंदी, फूल, चंदन, मौली धागा और सिंदूर जैसी सुहाग की चीजें अर्पित करें।  
-  एकादशी के दिन श्रीहरि को तुलसी चढ़ाने का फल दस हज़ार गोदान के बराबर है।   जिन दंपत्तियों के यहां संतान न हो वो तुलसी नामाष्टक पढ़ें। तुलसी नामाष्टक के पाठ से न सिर्फ शीघ्र विवाह होता है बल्कि बिछुड़े संबंधी भी करीब आते हैं। नए घर में तुलसी का पौधा, श्रीहरि नारायण का चित्र या प्रतिमा और जल भरा कलश लेकर प्रवेश करने से नए घर में संपत्ति की कमी नहीं होती।   
 -नौकरी पाने, कारोबार बढ़ाने के लिये गुरुवार को श्यामा तुलसी का पौधा पीले कपड़े में बांधकर, ऑफिस या दुकान में रखें। ऐसा करने से कारोबार बढ़ेगा और नौकरी में प्रमोशन होगा।  
-जिन दंपत्तियों के यहां संतान नही है उन्हें देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी नामाष्टक का पाठ अवश्य करना चाहिए। 
-देवउठनी एकादशी के व्रत में नमक का प्रयोग बिल्कुल भी न करें हो सके तो इस दिन फलाहार से ही अपने व्रत का पारण करें। 
- देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को जगाने के लिए घंटा बजाया जाता है। इसलिए इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को पूजन के घंटा बजाकर भगवान विष्णु को जगाना चाहिए। 
-देवउठनी एकादशी पर गाय को भोजन अवश्य कराएं और किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को भी इस दक्षिणा अवश्य दें।  

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