इन बातों का रखें ख्याल, कम नहीं होगा पैसा, घर में खुद चली आएंगी लक्ष्मी!
अर्थशास्त्र के महान ज्ञानी चाणक्य ने मनुष्य के जीवन को सुखमय बनाने के लिए नीति शास्त्र की रचना की। इनकी नीतियों का अनुसरण करके कई राजाओं ने अपना राजकाज चलाया। चाणक्य की नीतियां हर वर्ग के लोगों के लिए हितकारी मानी गई हैं। इन्हें अपनाने से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। अपने नीति शास्त्र में वो कहते हैं कि मनुष्य अगर तीन बातों का ख्याल रखे तो वो हमेशा खुश रह सकता है और उसके घर में लक्ष्मी का वास हो सकता है
--आइए जानते हैं इस नीति के बारे में...
मूर्खा यत्र न पूज्यन्ते धान्य यत्र सुसंचितम्।
दंपतो: कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागता।।
चाणक्य नीति के तीसरे अध्याय के इस 21वें श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि जहां मूर्खों की पूजा नहीं होती, जहां अन्न-धान्य विपुल मात्रा में संचित रहते हैं, जहां पति-पत्नी लड़ाई नहीं करते, वहां लक्ष्मी बिना बुलाए स्वयं चली आती हैं।
उनके कहने का अर्थ है कि मनुष्य को मूर्खों की पूजा नहीं करनी चाहिए, उन्हें ज्यादा तवज्जो भी नहीं देना चाहिए. सम्मान सिर्फ ज्ञानियों का ही किया जाता है। बात भी उन्हीं की मानी जाती है, जहां मूर्खों की पूजा नहीं होती वहां लक्ष्मी का वास होता है।
आचार्य कहते हैं कि जिस घर में अनाज के भंडार भरे रहते हैं, लोग भूखे नहीं मरते हैं, अन्न का एक दाना भी न फेंका जाता हो और पति-पत्नी में कलह-क्लेश न रहता हो, वह लड़ाई-झगड़े न करते हों, ऐसे स्थान या ऐसे घर में लक्ष्मी बिना बुलाए स्वयं ही निवास करने के लिए चली आती हैं।
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