पौष अमावस्या तिथि पर ये उपाय कर देंगे मालामाल
पौष अमावस्या 13 जनवरी को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, पौष अमावस्या पौष माह कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है। शास्त्रों में अमावस्या तिथि के दिन पितरों के निमित्त उपाय किये जाते हैं। इस दिन दान-स्नान का विशेष महत्व है। ऐसा करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन कुछ विशेष उपाय करने चाहिए।
अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें और ? पितृभ्य नम: मंत्र का जाप करें। इससे आप पर पितरों का अशीर्वाद बना रहेगा।
पितरों के निमित्त भूखे लोगों में भोजन के रूप में मीठे चावल जरूर बांटें। साथ ही अमावस्या के दिन चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं। ऐसा करने से आपको सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी।
इस दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं और किसी तालाब या नदी के किनारे जाकर ये आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें। ऐसा करने से करने से आपकी सभी परेशानियों का अंत होगा।
यदि आप कालसर्प दोष से पीडि़त है तो आप अमावस्या के दिन चांदी के नाग नागिन की पूजा करें और इसे बहते जल में प्रवाहित कर दें। आपकी कुंडली से काल सर्प दोष दूर हो जाएगा।
इस दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए ब्राह्मणों को घर बुलाएं और आदर के साथ उन्हें भोजन कराएं और दक्षिणा देकर उन्हें विदा करें। ऐसा करने से आपकी पितृ प्रसन्न होंगे।
पितरों की आत्मा की शांति के लिए पौष अमावस्या के दिन गाय, कुते और कौए को भोजन अवश्य कराना चाहिए। अमावस्या पर काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से शत्रु का भय दूर हो जाता है और शत्रुओं पर विजय मिलती है।
अमावस्या के दिन शाम के समय घर के ईशान कोण में पूजा वाले स्थान पर गाय के घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपको सभी सुखों की प्राप्ति होगी। अमावस्या के दिन तुलसी की परिक्रमा अवश्य करें।
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