भोजन के समय कभी ना करे ये काम...उठाना पड़ सकता है नुकसान
भोजन हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। हर घर में भोजन करने, परोसने और पकाने का अपना तरीका होता है। शास्त्रों के अनुसार जब भी भोजन पकाएं, नहा धोकर शुद्ध होकर अच्छे मन से काम करें। प्रसन्न मन से भोजन परोसें। और ऐसा कोई काम न करें जिससे अन्न का अपमान हो। ऐसा करने से माता अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं और घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है।
आइये आज जानें कि हमें भोजन करते समय और भोजन के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- कुछ लोगों की आदत होती है कि खाना खाने के बाद थाली में हाथ धो लेते हैं। यह आदत कतई सही नहीं होती है। भूलकर भी कभी खाने खाने के पश्चात थाली में हाथ नहीं धोने चाहिए। खाना खाने के पश्चात थाली में कुछ अन्न के कण बचे रहते हैं। मान्यता है कि जब कोई थाली में जूठे हाथ धोता है तो अन्न का निरादर होता है। इससे मां लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा नाराज होती हैं। जो लोग ऐसा करते हैं, उनके घर में अन्न और धन की कमी होने लगती है।
- जब लोग खाना खाते हैं तो अक्सर ज्यादा परोस लेते हैं, जिसकी वजह से खाने के बाद थाली में जूठा खाना बचा रह जाता है। थाली में जूठन छोडऩा अशुभ तो माना ही जाता है साथ ही इससे अन्न की बर्बादी भी होती है। शादी समारोह आदि में अक्सर यह देखने में आता है कि लोग खाने के बाद बहुत सारा खाना ऐसे ही छोड़ देते हैं। अन्न का अत्यधिक उपभोग व्यक्ति को दरिद्रता की ओर ले जाता है।
- भारतीय संस्कृति में पहले भोजन की थाली रखने के लिए अलग से एक लकड़ी की पटरी होती थी। अब समय के साथ भोजन करने का तरीका भी बदल गया है। भोजन परोसते और किसी को देते समय थाली हमेशा चटाई, पाट या चौकट पर सम्मानपूर्वक रखना चाहिए। हो सकें तो जमीन पर बैठकर आराम से भोजन करें।
- भोजन की थाली को हमेशा सम्मान के साथ दोनों हाथों से पकडऩा चाहिए।
- भोजन करते समय सबसे पहले अपने इष्ट देव, माता अन्नपूर्णा और ब्रह्म देव को प्रणाम करना चाहिए।
- भोजन के समय ज्यादा बातचीत, क्रोध, अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए और न ही अपनी परेशानियों का दिक्कतों का बखान करते रहना चाहिए।
-मेहमानों को भोजन आग्रह करते खिलाएं. ताकि वे भूखें न उठें और तृप्त होकर जाएं।
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