क्यों लगाती हैं महिलाएं सिंदूर?
उत्तर भारतीय शादीशुदा महिलाएं सुहाग की निशानी के रुप में सिंदूर को अपनी मांग में धारण करती हैं। जबकि दक्षिण में ये परंपरा नही हैं। उत्तर भारतीय नारियों के लिए सिंदूर सबसे बड़ा गहना होता है, जिसका संबंध पूर्ण रूप से पति से होता है। सिंदूर महिलाओं के लिए सौभाग्यवती चिन्ह होने के साथ साथ इसके अन्य लाभ भी हैं।
परंपरागत रुप से सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की उम्र के लिए मांग में सिंदूर भरने का रिवाज माना जाता है। शादी में फेरों पर पति खुद अपने हाथ से अपनी पत्नी की मांग में सिंदूर भरता है, जिसके बाद महिला तब तक माथे में सिंदूर भरती है जब तक वह सुहागिन रहती हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लाल रंग से सती और पार्वती की उर्जा को व्यक्त किया जाता है। सती को हिंदू समाज में एक आदर्श पत्नी के रूप में जाना जाता है जो अपने धर्म अपनी शक्ति के दम पर भगवान से भी अपने वचन मनवाने की शक्ति रखती है। मान्यता यह भी है की सिंदूर लगाने से मां पार्वती महिलाओं को अखंड सौभाग्यशाली होने का आशीर्वाद भी देती हंै। सामाजिक रीत रिवाजों के अनुसार जब किसी लड़की की शादी होती है तो उस पर एक नए परिवार को सम्हालने के बहुत से दायित्व आते हैं, जिनके कारण उसे शारीरिक और मानसिक थकान महसूस होती है। माना जाता है कि मांग में सिंदूर लगाने से मन शांत रहता है और तनाव दूर होते हैं। इसीलिए शादी होने के बाद सिंदूर धारण करने की परंपरा चली आ रही है।
परंपरागत कारणों के साथ साथ सिंदूर धारण करने के वैज्ञानिक कारण भी है। सिंदूर बनाने में अक्सर हल्दी, चंदन और हर्बल रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। मान्यता है कि इसे सिर के बीचो बीच लगाने से दिमाग शांत रहता है और घर में सुख शांति बनी रहती है। सिंदूर लगाने से शरीर के उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण रहता है। इसके साथ साथ महिलाओं में काम भावना को जागृत करने में भी सिंदूर का विशेष महत्व होता है। मांग में जहां सिंदूर भरा जाता है वह स्थान ब्रह्मरंध और अध्मि नामक मर्म के ठीक ऊपर होता है। सिंदूर मर्म स्थान को बाहरी बूरे प्रभावों से बचाता है। इसके साथ ही माना जाता है कि सिंदूर में पारा जैसी धातु अधिक होने के कारण चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं पड़ती। इसके अलावा इससे स्त्री के शरीर से निकलने वाली विधुतीय उर्जा को भी नियंत्रित किया जाता है।
सिंदूर लगाने का सही तरीका
वैसे तो सभी विवाहित महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर लगाती हंै मगर क्या आपको पता है की सिंदूर लगाने का सही तरीका क्या है? हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जो महिला सिंदूर को अपने बालों में छुपा लेती है उनके पति समाज में कट सा जाता है, मतलब उसका सामाजिक महत्व कम हो जाता है। इसलिए सलाह दी जाती है की सिंदूर लंबा लगाएं और उसे बालो में छुपाए नहीं।
-सिंदूर लगाने का सही स्थान मांग के बीचो बीच होता है, मान्यता ये है की जो स्त्री सिंदूर को किनारे पर लगाती हैं उनके पति उनसे किनारा कर लेते हैं। जिसके मतलब पति- पत्नी के रिस्तों में खटास आ जाती है और मतभेद बढ़ते हैं।
-जैसा की माना जाता है की सिंदूर का संबन्ध पति की आयु से जुड़ा होता है, इसलिए कहा जाता है कि सुहागिन महिलाओं को लंबा सिंदूर लगाना चाहिए जिस से पति की आयु लंबी हो।
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