इस दिशा में बनी सीढिय़ां बन सकती है तरक्की में बाधक
वास्तु में घर, कार्यस्थल हर जगह पर निर्माण और सामान रखने से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए हैं। वास्तु के अनुसार घर में किसी भी चीज का निर्माण करते समय दिशाओं का ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है अन्यथा आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसी तरह से सीढिय़ों को तरक्की से जोड़कर देखा जाता है। वास्तु के अनुसार यदि सीढिय़ों की दिशा सही नहीं है तो व्यापार में नुकसान, आर्थिक तंगी और तरक्की में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। गलत तरह और गलत दिशा में बनी हुआ सीढिय़ों का बुरा प्रभाव घर के मुखिया पर पड़ता है। सीढिय़ों का निर्माण यदि वास्तु की बातों को ध्यान में रखकर किया जाए तो तरक्की और आर्थिक समृद्धि पाई जा सकती है।
सीढिय़ां बनाने की सही दिशा
वास्तु के अनुसार घर में सीढिय़ां हमेशा दक्षिण, पश्चिम या नैऋत्य कोण में बनाना चाहिए। वास्तु के अनुसार सीढिय़ों का निर्माण करने के लिए यह दिशाएं बहुत अच्छी रहती है।
इस दिशा में बनी सीढिय़ां बन सकती है तरक्की में बाधक
वास्तु में सीढिय़ों के निर्माण के लिए उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण को बिलकुल भी उचित नहीं माना गया है। घर के ईशान कोण में सीढिय़ां भूलकर भी नहीं बनानी चाहिए। इस दिशा में सीढिय़ों का निर्माण होने से वास्तु दोष लगता है जिसके कारण आर्थिक तंगी, नौकरी और व्यवसाय में हानि का सामना करना पड़ सकता है और उन्नति में बाधाएं आती हैं।
इस तरह करें सीढिय़ों का वास्तु दोष दूर
सीढ़ी में यदि किसी प्रकार का दोष है तो पिरामिड या फिर सीढिय़ां ईशान, उत्तर दिशा में बनी हुई हैं तो पिरामिड के द्वारा उसे संतुलित किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए वास्तु विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
सीढिय़ां बनवाते समय रखें इन बातों का ध्यान
सीढिय़ां बनवाते समय ध्यान रखें कि वे हमेशा विषम संख्या यानि 2,7,9,11 आदि इस तरह से होनी चाहिए।
आप सीढिय़ों का निर्माण करवा रहे हैं तो एक सीढ़ी से दूसरी के बीच नौ इंच का अंतर होना बहुत शुभ रहता है। सीढिय़ों का घुमाव हमेशा दक्षिणावर्ती यानि बाएं से दाएं ओर को होना चाहिए।
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