इस तरह की जमीन पर तो नहीं बना आपका घर, जरूर पता करें
जीवन में अपने घर के लिए व्यक्ति दिन-रात जुटा रहता है। वर्तमान में जमीन की कमी और अधिक लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए फ्लैट का चलन बढ़ा है। शहरों में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बन रही हैं। आवास में सुख-शांति और समृद्धि के लिए वास्तु के नियमों का पालन करना बहुत जरुरी है। मकान केवल चार दीवारों से घिरी हुई आकृति नहीं है। यदि घर में शांति नहीं है तो सब बेकार है। ऐसे में यदि आप भी फ्लैट लेने का विचार कर रहे हैं तो वास्तु के नियमों का आकलन अवश्य कराएं। जानिए फ्लैट खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।
-भूमि के बारे में पूरी जानकारी अवश्य लें। जमीन कैसी है, भवन निर्माण से पहले भूमि किस काम के लिए प्रयुक्त होती थी, इसका पता करें। बिल्डिंग बनाने से पहले जमीन पर कोई क्रब या कब्रिस्तान तो नहीं था। वास्तु नियमों के अनुसार बिल्डिंग के नीचे दबी वस्तु सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं। हालांकि तीन मंजिल से ऊपर फ्लैट पर इस तरह के दोष का असर नहीं होता। यानी तीन मंजिल से ऊपर का फ्लैट है तो फिर बिल्डिंग की जमीन की पूर्व स्थिति अधिक मायने नहीं रखती।
-घर में रसोई सबसे महत्वपूर्ण है। फ्लैट में रसोई की स्थिति को अवश्य जांच लें। आग्नेय कोण में बनी रसोई सबसे श्रेष्ठ होती है। इस दिशा में बिजली के उपकरण रखने में भी कोई परेशानी नहीं होती है। यदि फ्लैट वास्तु के अनुसान निर्मित है तो इस दिशा के स्वामी ग्रह प्रसन्न रहते हैं। इससे घर में सुख-समृद्धि और प्रसन्नता बनी रहती है।
-फ्लैट में ध्यान रखें बाथरूम और टॉयलेट नैऋत्य दिशा यानी दक्षिण-पश्चिम और ईशान कोण में नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा है तो घर में कलह और तनाव बना रहेगा। उत्तर-पूर्वी यानी ईशान कोण जल का प्रतीक है। यहां पीने के पानी का स्रोत होना चाहिए। वायव्य कोण में सेप्टिक टैंक एवं शौचालय हेाना उत्तम रहता है।
-भवन में बेडरूम पूर्व-दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। खुशियां प्रभावित होने लगती हैं।
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