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शीर्ष क्रम के लिए भारत की तलाश पूरी हुई मनोविज्ञान की स्नातक प्रतिका रावल पर

 नई दिल्ली .दिल्ली की सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में केवल छह मैच ही खेले हैं लेकिन उनके रूप में शायद भारत को वह शीर्ष क्रम बल्लेबाज मिल गया है जिसकी उसे इस साल के अंत में घरेलू मैदान पर होने वाले महिला वनडे विश्व कप से पहले तलाश थी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अंपायर की बेटी और मनोविज्ञान की स्नातक प्रतिका ने छह पारियों में 74 के शानदार औसत से रिकॉर्ड 444 रन बनाकर भारत के लिए अपने करियर की शानदार शुरुआत की है। शीर्ष क्रम में अनुभवी शेफाली वर्मा की जगह लेने वाली 24 वर्षीय इस खिलाड़ी ने तीन हफ्ते पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण पर दबाव महसूस किया था। लेकिन विचारों की स्पष्टता और अपनी काबिलियत पर आत्मविश्वास ने उन्हें हर मैच के साथ बेहतर होने में सक्षम बनाया। अपने शुरुआती मैच में 60 से कम स्ट्राइक रेट से लेकर कुछ मैचों बाद 95.58 के औसत से रन बनाने तक प्रतिका ने कम समय में ही ऊंची उड़ान भरी है। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अमिता शर्मा ने दिल्ली की मुख्य चयनकर्ता के रूप में प्रतिका के करियर पर करीबी नजर रखी। वह वेस्टइंडीज और आयरलैंड के खिलाफ प्रतिका के शानदार प्रदर्शन से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं। भारत की ओर से अब तक की सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक अमिता ने कहा, ‘‘प्रतिका ने इस सत्र से रेलवे के लिए खेलना शुरू किया लेकिन मैंने उसे तब से खेलते देखा है जब वह पांच-छह साल पहले दिल्ली क्रिकेट में आयी थी। वह हमेशा अपने कौशल और कड़ी मेहनत के कारण सबसे अलग रही है। '' उन्होंने कहा, ‘‘उसके खेल की सबसे अच्छी बात यह है कि उसका रक्षण बहुत मजबूत है और अगर स्थिति की मांग होती है तो वह बड़े शॉट भी लगा सकती है जैसा उसने वेस्टइंडीज और आयरलैंड के खिलाफ किया था। हर पारी के साथ वह बेहतर होती गई। '' प्रतिका ने आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों में 50 से अधिक का स्कोर बनाया और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आखिरी वनडे के लिए बचाकर रखा जिसमें उन्होंने 129 गेंद में 154 रन बनाए और स्मृति मंधाना के साथ 233 रनों की साझेदारी कर भारत को पांच विकेट पर 435 रन के रिकॉर्ड स्कोर तक पहुंचाया। विकेट के चारों ओर उनके स्ट्रोकप्ले ने कई लोगों का ध्यान खींचा है। वह एक्स्ट्रा कवर से इनसाइड आउट ड्राइव खेलती हैं और साथ ही पुल और स्वीप का भी इस्तेमाल करती हैं। प्रतिका बास्केटबॉल में स्वर्ण पदक विजेता भी हैं। उनमें भले ही शेफाली जैसी ताकत नहीं दिखती हो लेकिन उनमें गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचाने की एक दुर्लभ क्षमता है। भारत के लिए 116 वनडे में 87 विकेट लेने वाली अमिता ने कहा, ‘‘उन्होंने टीम में शेफाली की जगह ली है इसलिए उनके साथ तुलना होगी। मुझे लगता है कि ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि वे दोनों बहुत अलग खिलाड़ी हैं। हालांकि इन दो श्रृंखला में वह छक्के जड़ने वाली हिटर के रूप में सामने नहीं आई है लेकिन मैं आपको बता सकती हूं कि वह शेफाली से ज्यादा लंबी दूरी तक गेंद मार सकती है। '' वह मनोविज्ञान की छात्रा रही है जिसने उसे स्पष्ट सोच के साथ खेलने में मदद की है जो उच्चतम स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।

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