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गुवाहाटी मास्टर्स: सारस्वत ने पहला सुपर 100 खिताब जीता, तन्वी उप विजेता रहीं

गुवाहाटी.  राजस्थान के संस्कार सारस्वत ने रविवार को यहां गुवाहाटी मास्टर्स के पुरुष एकल फाइनल में मिथुन मंजूनाथ को तीन गेम में हराकर अपना पहला सुपर 100 खिताब जीता। जोधपुर के 19 वर्षीय खिलाड़ी ने स्मैश की बौछार करके पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन मंजूनाथ को 21-11, 17-21, 21-13 से हराया। भारतीय खिलाड़ियों के बीच यह फाइनल 50 मिनट तक चला। हालांकि विश्व जूनियर चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता तन्वी शर्मा को महिला एकल फाइनल में चीनी ताइपे की तुंग सिउ-टोंग से 18-21 18-21 से हार का सामना करना पड़ा जिससे वह उप विजेता रहीं। पंजाब की 16 साल की खिलाड़ी पिछले हफ्ते सैयद मोदी इंटरनेशनल सुपर 300 के सेमीफाइनल में पहुंची थीं। वह पिछले साल ओडिशा मास्टर्स के फाइनल में पहुंची थीं जबकि इस साल के अमेरिकी ओपन सुपर 300 और विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भी उप विजेता रही थीं। भारतीय पुरुष युगल जोड़ी पृथ्वी कृष्णमूर्ति रॉय और साई प्रतीक भी एकतरफा फाइनल में मलेशिया के कांग खाई जिंग और आरोन ताई की छठी वरीय जोड़ी से 13-21 18-21 से हारने के बाद दूसरे स्थान पर रहे। सारस्वत ने पिछले साल बेंगलुरु में अर्श मोहम्मद के साथ अपना पहला सीनियर राष्ट्रीय युगल खिताब जीता था और इससे पहले जूनियर एकल का खिताब भी जीता था। यह जोड़ी पिछले साल सितंबर में 31वें स्मिट कृष्णा खेतान मेमोरियल बैडमिंटन टूर्नामेंट में अंडर-19 इवेंट में उपविजेता भी रही थी। अपने दाहिने पैर पर टेप लगाकर खेलते हुए सारस्वत पहले गेम के शुरू में बढ़त बनाए थे। लेकिन मंजूनाथ ने 7-7 की बराबरी हासिल की। दोनों खिलाड़ियों ने एक-दूसरे की गलतियों का फायदा उठाया। सारस्वत ने ब्रेक तक 11-9 की मामूली बढ़त बनाई हुई थी लेकिन आक्रामक शॉट्स लगाकर इसे 14-10 तक बढ़ा दिया। मंजूनाथ अपने प्रतिद्वंद्वी के क्रॉस-कोर्ट और डाउन-द-लाइन स्मैश को समझने में संघर्ष कर रहे थे जिससे सारस्वत नौ गेम प्वाइंट तक पहुंच गए और आसानी से पहला गेम जीत लिया। दूसरे गेम में सारस्वत ने आक्रामक खेल जारी रखा और अपने तेज स्मैश से 8-2 की बढ़त बना ली जिससे मंजूनाथ दबाव में आ गए। हालांकि कर्नाटक के शटलर ने जोरदार वापसी की और लगातार पांच अंक जीतकर बराबरी की और ब्रेक तक 11-10 से आगे हो गए। मंजूनाथ ने हालांकि लय हासिल करते हुए पिछड़ने के बाद 18-16 की बढ़त हासिल कर ली। फिर सारस्वत की गलतियों ने उन्हें तीन गेम प्वाइंट दिए जिससे उन्हें निर्णायक गेम तक पहुंचने में मदद मिली। तीसरे गेम में सारस्वत आक्रामक इरादे से उतरे और 7-0 की बढ़त बना ली। मंजूनाथ कुछ समय के लिए अंतर कम करने में कामयाब रहे, लेकिन सारस्वत ने नियंत्रण बनाए रखा और ब्रेक तक 11-5 की बढ़त बना ली। फिर उन्होंने बढ़त को 14-6 तक बढ़ाया और आठ मैच प्वाइंट हासिल किए। सारस्वत ने अपने दूसरे मौके पर एक डीप रिटर्न के साथ मैच जीत लिया। सारस्वत अपने पिता राज की वजह से इस खेल में आए जो खुद एक राष्ट्रीय स्तर के एकल और युगल खिलाड़ी रह चुके हैं। वहीं महिला एकल में तन्वी और तुंग के बीच कुछ जोरदार रैलियां हुईं। भारतीय खिलाड़ी ने पहले गेम में ब्रेक तक 11-8 की बढ़त बनाई हुई थी। लेकिन ताइवान की शटलर धीरे-धीरे वापसी करती गई और 16-16 से बराबरी पर पहुंच गई। फिर वह 18-16 से आगे हो गई। तन्वी के दो गलत स्मैश से तुंग ने पहला गेम जीत लिया।
दूसरे गेम में दोनों खिलाड़ी 5-5 के बाद 6-6 पर बराबरी पर थीं। तन्वी ने ब्रेक तक एक बार फिर 11-8 की बढ़त बना ली जिसमें उन्हें प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी की गलतियों का फायदा मिला। लेकिन तन्वी जल्द ही लड़खड़ा गईं और कई गलतियां कर बैठीं जिसमें नेट में चार शॉट शामिल थे। इससे तुंग ने गेम 13-13 से बराबर कर दिया। हालांकि तन्वी ने कुछ शानदार क्रॉस-कोर्ट स्मैश लगाए लेकिन वह निरंतरता बनाए रखने में नाकाम रहीं जिससे तुंग 17-16 से आगे हो गईं। दो और गलतियों ने ताइवान की शटलर को तीन मैच प्वाइंट दिला दिए। तन्वी ने एक तेज क्रॉस-कोर्ट रिटर्न से एक प्वाइंट बचाया और एक और शॉट नेट से बाहर चला गया जिस वह उप विजेता रहीं।

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