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-18 जुलाई तक एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय, दुर्ग में कर सकते हैं आवेदन
दुर्ग/जिले के एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के पद हेतु विज्ञप्ति जारी किया गया था। परियोजना अधिकारी ने बताया जारी विज्ञप्ति में राजीव नगर केन्द्र क्रं. 04, वार्ड क्रं. 04 को राजीव नगर केन्द्र क्रं. 04, वार्ड क्रं. 02 पढ़ा जावे। इच्छुक आवेदिका द्वारा 18 जुलाई 2023 तक कार्यालयीन समय में एकीकृत बाल विकास परियोजना, दुर्ग (पांच बिल्डिंग, बाल संरक्षण गृह परिसर, महिला एवं बाल विकास विभाग, दुर्ग) में सीधे अथवा पंजीकृत डाक के माध्यम से जमा किये जाएंगे। -
-अधिकारियों को दिए निराकरण हेतु आवश्यक निर्देश
- जनदर्शन में प्राप्त हुए 210 आवेदन
दुर्ग/ जिला कलेक्टोरेट में आयोजित जनदर्शन में आज अपर कलेक्टर श्री अरविंद एक्का ने आमजनों की समस्याएं सुनी। उन्होंने प्राप्त आवेदनों का शीघ्र निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। जनदर्शन में 210 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें अवैध कब्जा, बंटवारा, आर्थिक सहायता, सीमांकन, स्वामी आत्मानंद स्कूल में प्रवेश, राशन कार्ड से संबंधित आवेदन शामिल है।
जनदर्शन में ग्राम रीवागहन निवासी ने राशन कार्ड एवं बैटरी चलित ट्राय सायकल की मांग की। उन्होंने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब है। उनके परिवार में तीन सदस्य है। पहले उनके परिवार को गरीबी रेखा के तहत राशन प्रदान किया जाता था, किन्तु कुछ महीनों से उनकी बेटी का राशन प्राप्त नही हो रहा है। साथ ही गरीबी रेखा की सर्वे सूची में भी नाम दर्ज नही है, जिसके कारण शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त नही हो रहा है। चूंकि बेटी विकलांग है उसे पढ़ाई के लिए 3 किलोमीटर दूर स्कूल जाना पड़ता है। स्कूल आने जाने में बहुत ही कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बेटी के लिए बैटरी चलित ट्राय सायकल की मांग करते हुए अपर कलेक्टर को आवेदन सौंपा। इस पर अपर कलेक्टर ने समाज कल्याण विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।
कोहका वार्ड क्रमांक 13 के वार्डवासियों ने आवेदन सौपते हुए बताया कि उनके वार्ड में पक्की सड़क व गंदे पानी की निकासी के लिए नाली नही होने के कारण गंदे जल का जमाव बना रहता है। वार्ड में किसी भी प्रकार की स्ट्रीट लाईट नही होने के कारण वार्डवासियों को अनेक प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। उन्होंने वार्ड को सुरक्षित बनाने एवं गंदगी से बचने के लिए नाली वं स्ट्रीट लगवाने आवेदन दिया। इस पर अपर कलेक्टर ने संबंधित विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
सिरसाकला चरौदा के महिला आरोग्य समिति के लोगों ने प्रोत्साहन राशि प्रदाय किए जाने की मांग की। महिलाएं 8 वर्षो से महिला आरोग्य समिति से जुड़ी हुई है। उनके द्वारा समय समय पर नारा लेखन, रैली एवं विभाग द्वारा लगाए गए शिविर में सहयोग प्रदान किया जाता है। समिति सदस्यों उक्त कार्य के बदले प्रोत्साहन राशि की मांग की। इस पर अपर कलेक्टर ने सीएमएचओ को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
चंदखुरी निवासी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास स्वीकृत किए जाने के लिए आवेदन सौंपा। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा स्वयं की भूमि में कच्चा मकान बनाया गया है, जो कि अत्यंत जर्जर हो चुका है। रोजी मजदूरी कर अपने एवं परिवार का पालन पोषण करते हैं। ग्राम पंचायत द्वारा कई बार जर्जर घर का सर्वे किया जा चुका है किन्तु पंचायत द्वारा कोई भी कार्यवाही नही की गई है। मकान रहने की स्थिति में नही होने के कारण बारिश में मुझे और मेरे परिवार को आवासीय समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस पर अपर कलेक्टर ने संबंधित विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा। -
आत्मानंद स्कूल की शिक्षक भर्ती के अंतिम सूची में गड़बडी करने की हुई शिकायत
सार्वजनिक कुओं को कब्जा मुक्त कराने और आवासीय पट्टा बनाने का किया गया आग्रह
रायपुर/ कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज कलेक्टोरेट परिसर स्थित सभाकक्ष में आयोजित जनचौपाल में जामजनों की समस्याएं सुनी। जनचौपाल में 72 आवेदन आए जिसपर कलेक्टर ने अधिकारियों को जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री बी.बी पंचभाई, एसडीएम श्री देवेन्द्र पटेल उपस्थित थे।
जनचौपाल में संतोषी नगर निवासी सुश्री रीतु टंडन ने गड़बड़ी की आशंका जाहिर करते हुए बताया कि रायपुर जिले में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय संचालन समिति द्वारा आयोजित सहायक शिक्षक (अनु.जनजाति) के लिए आयोजित साक्षात्कार में वह शामिल हुई थी। अंतिम परिणाम की सूची के में 13 अभ्यर्थी शामिल थें जिनमें उनका नाम अंतिम स्थान पर है जबकि 11 लोग साक्षात्कार में उपस्थित थे। इस सूची में कुछ ऐसे नाम शामिल है जो संभवतः पूर्व की सूची में वह नाम शामिल नही थे। सुश्री टंडन के आवेदन पर जिला शिक्षा अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। ग्राम पंचायत चिचोली के सोमनाथ चक्रधारी ने उनके गांव में कुम्हारों के परंम्परागत व्यवसाय के लिए 5 एकड़ जमीन आरंक्षित करने का आग्रह किया। इस संबंध में कलेक्टर ने संबंधित राजस्व अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। गुढ़ियारी निवासी अविनाश घरडे ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने और पैसा वसूलने के संबंध में शिकायत करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने और राशि वापस दिलाने का आग्रह किया। ग्राम तिवरैया निवासी नारायण दास टंडन ने गांव कें सार्वजनिक कुओं को कब्जा मुक्त करने का आवेदन देकर कहा कि करीब 50 वर्ष पूर्व गांव में कुएं का निर्माण हुआ था, जिसका कुछ लोगों के द्वारा कुएं को पाटकर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे आम लोगों को परेशानी हो रही है इस पर श्री टंडन ने आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया।
इसी प्रकार अमरप्रसाद टंडन ने आवासीय पट्टा बनाने के लिए, सुश्री काजल नाग ने गृह निर्माण मण्डल कबीर नगर मे दोबारा कार्य में रखे जाने, गुढ़ियारी निवासी श्री शांति देवी ने बम्लेश्वरी नगर कॉलोनी गुढ़ियारी में सड़क बाधा हटाने, ग्राम नायकबांधा निवासी श्री किशोर साहु ने एक्सप्रेस-वे निर्माण के अंतर्गत घर का मूल्यांकन विषयक आवेदन दिया। -


रायपुर । अवैध शराब बिक्री से त्रस्त ग्राम असौंदा के ग्रामीणों का आक्रोश इसके खिलाफ मोर्चा खोलने की रणनीति बनाने के लिये आयोजित बैठक में फूट पड़ा । इस आक्रोश को आसपास के ग्रामों के मौजूद उन ग्राम प्रमुखों का भी समर्थन मिला जिनके ग्राम के ग्रामीण यहां के सडक़ मार्ग से गुजरते हैं और उन्हें इसकी वजह से अशोभनीय हरकतों का सामना करना पड़ता है । बैठक में असौंदा से लगे ग्राम मुड़पार व बिठिया में भी अवैध शराब बिक्री की बात सामने आयी ।
बैठक के तुरंत बाद असौंदा की महिलाओं व पुरुषों ने ग्राम प्रमुखों के साथ गांव के गली - कूचों में घूम इस अवैधानिक कृत्य में लिप्त तत्वों को इस अवैधानिक कृत्य से तौबा कर लेने की चेतावनी देते हुये ग्रामीण फरमान की अवहेलना करने पर ग्रामीण व्यवस्था के साथ - साथ प्रशासनिक कार्यवाही का भी सामना करने तैयार रहने के लिये आगाह किया । प्रतिदिन रैली निकाल चौकसी का भी निर्णय असौंदा के ग्रामीणों ने लिया है ।
ज्ञातव्य हो कि मंदिर हसौद से कोसरंगी व रायपुर से खरोरा सडक़ मार्ग को जोडऩे वाली अमेरी से माठ सडक़ पर पडऩे वाले ग्राम असौंदा में मुख्य सडक़ मार्ग सहित ग्राम के भीतर जगह - जगह बिक रही अवैध शराब की वजह से व्याप्त हो रही अशांति से ग्रामीणों में गुस्सा व्याप्त तो था ही , साथ ही इस मार्ग से गुजरने वाले आसपास के ग्रामीणों की परेशानियों को देख इन ग्रामों के ग्राम प्रमुख भी असौंदा के पंचायत प्रतिनिधियों सहित ग्राम प्रमुखों पर भी अवैध शराब बिक्री रोकने लगातार दबाव बना रहे थे ।
इसी के परिप्रेक्ष्य में सरपंच राजेश साहू ने ग्रामीणों से मशविरा कर बीते रविवार को ग्रामवासियों सहित आसपास के ग्राम प्रमुखों की बैठक आहूत की थी । बैठक में असौंदा से वर्तमान सरपंच सहित पूर्व सरपंचद्वय जितेन्द्र चंद्राकर व राजू टंडन , जल उपभोक्ता संस्था के अध्यक्ष रहे मुरली वर्मा , उपसरपंच श्रीमती कुमारी बाई वर्मा , पंच देवनाथ वर्मा , पूर्णिमा साहू , पुष्पा वर्मा , ग्राम प्रमुख सुरेन्द्र चंद्राकर , रामकुमार साहू , कुमार यादव , मुरारी वर्मा , जितेन्द्र चेला , इतवारी चेलक , बद्री वर्मा , शिवकुमार वर्मा , लुकेश्वर पाल , महेश्वर साहू , बहादुर साहू , महेत्तर ध्रुव , नारायण वर्मा , चिंताराम सहित महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं सहित महिला प्रमुख गण व आमंत्रित किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा , क्षेत्रीय जनपद सदस्य सुरेन्द्र वर्मा , तुलसी के सरपंच प्रतिनिधि देवकुमार वर्मा , कठिया के सरपंच रुपेन्द्र वर्मा , सकरी के सरपंच प्रतिनिधि विक्की वर्मा , बिठिया के सरपंच बलराम साहू , बुड़ेनी के सरपंच जनकराम यदु , मुड़पार के सरपंच दिलीप पोर्ते , तिल्दाडीह के सरपंच श्रीमती रंजन बाई पारधी आदि मौजूद थे ।
सरपंच श्री साहू ने बैठक आयोजित करने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला । आमंत्रित जनप्रतिनिधियों ने निकटतम ग्राम तुलसी , सोनभट्ठा, अमेरी , संकरी , कठिया , टेकारी , बुड़ेनी आदि में अवैध शराब बिक्री पर अंकुश लगे रहने की जानकारी दी । बिठिया व मुड़पार के सरपंच ने शासन - प्रशासन के ध्यानाकर्षण के बाद भी अपने ग्राम में अवैध शराब बिक्री न थमने की जानकारी देते हुये शराब विरोधी मुहिम में शामिल होने सहमति दर्शायी व असौंदा के अभियान को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की ।
क्षेत्रीय जनपद सदस्य सुरेन्द्र वर्मा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के 6 में से 3 ग्राम असौंदा , मुड़पार व बिठिया में शराब बिकने की पुष्टि करते हुये शराब विरोधी मुहिम में सक्रिय सहयोग का आश्वासन दिया । असौंदा की महिलाओं ने शराब की वजह से सर्वाधिक पीडि़त होने की जानकारी देते हुये अवैध शराब बिक्री रोकने व ग्राम प्रमुखों से सक्रियता दिखलाने व उसे अंजाम तक पहुंचाने अग्रणी भूमिका निभाने का वचन दिया । शराब विरोधी मुहिम में जुटे किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने बैठक में उपस्थित महिलाओं व पुरुषों की संख्या को देखते हुये कहा कि वे यदि प्रतिबद्धता दिखाएंगे तो असौंदावासियों को शराब बिक्री रुकवाने शासन - प्रशासन तक जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी । वर्तमान व पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों सहित ग्राम प्रमुखों के इस बैठक में मौजूदगी को ग्रामहित में एक सुखद कदम ठहराते हुये उन्होंने आशा व्यक्त की कि वे एकजुट रह ग्राम को हमेशा के लिये अवैध शराब बिक्री से मुक्ति दिला कर राहत की सांस लेंगे ।
पूर्व सरपंच श्री चंद्राकर ने आश्वस्त किया कि ग्रामीण एकजुटता दिखा अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने में सफल होंगे व शासन - प्रशासन तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी । ऐसी स्थिति आने पर मौजूद जनप्रतिनिधियों से सहयोग का आग्रह किया गया जिस पर सभी ने सहयोग का आश्वासन दिया । बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सबसे पहले इस अवैधानिक गतिविधि में लिप्त ग्राम के भूले भटके युवाओं को समझाईश दे उनसे अवैध शराब बिक्री न करने का आग्रह किया जाए । समझाईश के बाद भी अवहेलना करने वालों के खिलाफ ग्रामीण व्यवस्था के साथ-साथ प्रशासनिक कार्यवाही करने जिलाधीश व पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा जाए।
- -कृषि वैज्ञानिकों की किसानों को सलाहरायपुर । कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिकों ने प्रदेश के किसानों को बीज की बुआई से पहले बीजोपचार एवं अंकुरण परीक्षण करने की अपील की है। वैज्ञानिकों ने किसानों से अपील करते हुए यह भी कहा है कि वर्षभर फसल उत्पादन के लिए खरीफ की कार्ययोजना बनानी चाहिए। जब हम खेती की बात करते हैं, तब बीज की महत्ता बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि बीज के ऊपर हमारा पूरा कृषि कार्य निर्भर करता है। बीज अगर स्वस्थ होगा तो पौधे भी स्वस्थ होंगे। कीड़े बीमारी का प्रकोप कम होगा और उत्पादकता एवं उत्पादन में वृद्धि होगी। वहीं यदि बीज सही नहीं है, तो बीज का अंकुरण अच्छा नहीं होगा, प्रति इकाई क्षेत्र में पौध संख्या कम होगी और यदि अंकुरित हो जाता है, तो पौधे अस्वस्थ एवं कीड़े बीमारी का प्रकोप बढ़ जाने से रोकथाम हेतु फसल औषधि का अधिक उपयोग करने के कारण उत्पादन लागत बढ़ जाती है। अतः बीज का अंकुरण परीक्षण भी बहुत जरूरी है। वैज्ञानिकों ने किसानों को खेती-किसानी से पहले निम्नानुसार प्रक्रिया अपनाने की अपील की है।किस्म का चयन -धान की 10 वर्ष से अधिक पुरानी किस्म का चयन ना करें क्योंकि इनमें रोग, कीट व्याधि से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है। जिससे दवा आदि के रूप में खेती-किसानी की लागत में वृद्धि होती है। अधिक देर से पकने वाली किस्मों का चयन ना करें यह रबी फसल को प्रभावित करेगा।बीज का चयन -बीज विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त करें। गुणवत्ता युक्त बीज का चयन ना हो पाने की स्थिति में उत्पादन प्रभावित होता है। 17 प्रतिशत नमक के घोल का उपयोग कर हष्ट-पुष्ट बीज का चयन करें। पोचई एवं कीट व्याधि ग्रसित दानों को अलग कर लेना चाहिए। नमक घोल द्वारा बीज का चयन पश्चात बीजों को साफ पानी से धो लेना चाहिए, ताकि अंकुरण प्रभावित न हो।बीज उपचार -प्राप्त बीजों को उपचारित कर ही बोवे इसके लिए 10 ग्राम ट्राइकोडरमा विरीडी प्रति किलो बीज की दर से उपयोग करें या 2-3 ग्राम कार्बेंडाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी या मैनकोज़ेब 75 प्रतिशत डब्ल्यूपी का उपयोग प्रति किलो बीज की दर से करें।खेत की तैयारी -फसलों के अच्छे उत्पादन हेतु खेत की तैयारी बहुत आवश्यक है। अतः मिट्टी पलटने वाले हल से 2 से 3 जुताई कर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने हेतु 6 से 10 टन प्रति एकड़ गोबर की खाद या वर्मी खाद या मुर्गी खाद का भी उपयोग किया जा सकता है।थरहा उपचार -रोपा पद्धति से धान की खेती करने वाले कृषक रोपा लगाने से पूर्व थरहा का उपचार अवश्य करें। इस हेतु कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 50 प्रतिशत एसपी 3 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से या क्लोरोपारीफास् 20 ईसी ढाई मिली प्रति लीटर पानी की दर से थरहा का उपचार करें जो तना छेदक कीट नियंत्रण में कारगर साबित होगा।निरीक्षण पट्टिका -खेतों में रोपाई या बुवाई के वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि प्रत्येक 3 मीटर पश्चात डेढ़ से 2 फीट चौड़ी निरीक्षण पट्टीका अवशय छोड़ें जिससे खेत में होने वाले रोग व्याधि का निरीक्षण करने में आसानी होगी।खरपतवार नाशी का प्रयोग -खरपतवार नाशी की अनुशंसित मात्रा का ही प्रयोग सही समय पर करें खरपतवार नाशी का प्रयोग करते समय फ्लैट फेन नोजल का उपयोग करें। खेत में नमी बनाए रखें व पीछे चलते हुए छिड़काव करें। रोपाई करने वाले कृषक रोपाई पश्चात जल स्तर बनाए रखें ताकि खरपतवार ना उग पाये।
- -बेराजगारी भत्ते से युवाओं में जगा एक नया आत्मविश्वासरायपुर। गरियाबंद की सुश्री गुुुंजा ध्रुव अब निश्चिंत होकर अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर पा रही है। उसे अब पुस्तकें कॉपी और तैयारी संबंधित दूसरी जरूरतों के लिए घर पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। उन्होंने बताया की घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से काफी दिक्कतें होती थी, लेकिन राज्य सरकार द्वारा बेराजगारी भत्ता योजना लागू होने के बाद वह अब बिना फ्रिक के प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर पा रही है। सुश्री ध्रुव ने बताया कि वह इस योजना के माध्यम से मिले पैसों से उन्होंने वन विभाग और कर्मचारी चयन आयोग के अंतर्गत भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन किया है। साथ ही तैयारी के लिए जरूरी पुस्तकें भी खरीदी हैं।इसी तरह गरियाबंद के नहरगांव की रहने वाली बीएससी की छात्रा खुशबू नागेश और कोठीगांव गांव की रहने वाली भजेश्वरी ठाकुर ने बताया कि बेरोजगारी भत्ते की राशि से दैनिक जरूरत की चीजों की भी पूर्ति हो रही है। साथ ही बेफिक्र होकर आगे की पढ़ाई जारी रख प्रतियोगी परीक्षा पास करने का भी आत्मबल मिल रहा है। खुशबू और भजेश्वरी को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।बेरोजगारी भत्ता योजनांतर्गत गरियाबंद जिले में अभी तक 3678 हितग्राहियों को पिछले 3 महीनों में 2 करोड़ 39 लाख 85 हजार रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है। साथ ही 90 से अधिक हितग्राहियों का प्रशिक्षण सत्र भी जारी है। इसके अलावा 60 से अधिक हितग्राहियों को निजी क्षेत्र में जॉब भी ऑफर किया जा चुका है।
- रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने सोमवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर राजधानी के वीआईपी रोड स्थित भारत सेवा आश्रम पहुँचकर संत-दर्शन व संत-समागम के निमित्त स्वामी शिवरूपानंद के दर्शन किए और छत्तीसगढ़ प्रदेश की सुख-शांति, समृद्धि, परस्पर सद्भाव, सामाजिक समरसता की अक्षुण्णता के लिए आशीर्वाद लिया।स्वामी जी ने आश्रम परिसर स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का अवलोकन करवाया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष जी ने भारत माता की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
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-आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के साथ ही पार्टी के कार्यक्रमों की समीक्षा भी की गई
रायपुर। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास की तैयारियों की दृष्टि से प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मोर्चों की संयुक्त बैठक सोमवार को कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश कार्यालय में संपन्न हुई। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा के साथ ही पार्टी के कार्यक्रमों की समीक्षा भी की गई। बैठक में बैठक में प्रदेश भाजपा सह प्रभारी नितिन नवीन, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, संगठन महामंत्री पवन साथ, प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा ने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि हमारा कार्यक्रम ऐसा हो कि अपने कार्यकर्ता आगामी विधानसभा चुनाव में जीत का विश्वासपूर्ण संदेश लेकर जाएँ। श्री साव ने सभी मोर्चा पदाधिकारियों को सौंपे गए कार्यों की समीक्षा की और शेष कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में वैचारिक रूप से जुड़े लोगों को अधिकाधिक संख्या में प्रधानमंत्री श्री मोदी के कार्यक्रम में लाने की चर्चा हुई। मोर्चावार संख्या को लेकर भी बैठक में विमर्श हुआ। बैठक में प्रदेश सह प्रभारी श्री नबीन ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के कार्यक्रम में संख्या की मॉनीटरिंग के लिए अलग-अलग टीम बनाने के लिए निर्देशित किया। श्री नबीन ने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि वे सोशल मीडिया का सदुपयोग करें और भाजपा की विचारधारा से युवाओं को जोड़ने कॉलेज, कोचिंग सेंटर और खेल मैदानों तक पहुँचें।बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जनता से सीधा संवाद करता चाहते हैं। अत: उनके कार्यक्रम में अधिकाधिक संख्या में सबकी उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
संयुक्त मोर्चा की बैठक में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत, महिला मोर्चा अध्यक्ष शालिनी राजपूत, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष शकील अहमद, एसटी मोर्चा अध्यक्ष विकास मरकाम, किसान मोर्चा अध्यक्ष पवन साहू, एससी मोर्चा अध्यक्ष नवीन मार्कंडेय, किशोर महानंद, रामू अरोरा सहित रायपुर संभाग के सभी मोर्चा के जिला अध्यक्ष महामंत्री व प्रभारी गण उपस्थित थे। -
-कोरलापाल, हिरानार, छिंदनार, कमालूर जैसे संवेदनशील ग्रामों में खुले विकास के रास्ते
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में लगातार बन रही बारहमासी सड़कों ने ग्रामीणों के जीवन को सुगम बनाने का काम किया है। सड़कों की कनेक्टिविटी अधोसंरचना विकास के सबसे महत्वपूर्ण पहलू में से एक है। पहुंच विहीन क्षेत्र में विकास के समस्त संसाधनों को सुनिश्चित करने हेतु सड़कों की कनेक्टिविटी की ही भूमिका होती है । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अंदरूनी क्षेत्रों में भी मूलभूत अधोसंरचना के तहत पक्के रोड निर्माण को विकसित करने पर जोर दिया। इस कड़ी में दंतेवाड़ा जिले में भी ऐसे सीमावर्ती दुर्गम क्षेत्र थे जहां रोड कनेक्टिविटी की समस्या सर्वाधिक थी। इस वजह से ग्रामीणों को मुख्य मार्ग तक आने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पीडीएस जैसी सुविधाएं पहुंचाने में भी कठिनाई होती थी।इसे देखते हुए पीएमजीएसवाई (ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण) द्वारा जुलाई 2022 से जून 2023 तक जिले के सभी ब्लॉक में सड़क निर्माण कार्य पूर्ण किये गए इनमें फरसपाल रोड़ से मिड़कुलनार (8.50 किमी.), कवलनार से पाडेवार (5.10 किमी.), कटेकल्याण से लखारास (2.50 किमी.), कोरीरास से किडरीरास (7.85 किमी.), गाटम सूरनार से तोडेपारा (2.10 किमी.), गाटम सूरनार से पेनगुड़ीपारा (2.10 किमी.), टेकनार से राउतपार (2.60 किमी.), कारली से सरपंच पारा (2.10 किमी.), कटेपाल से ड़ोंगरीपारा (4.85 किमी.), बाजारपारा से केशापारा (1.27 किमी.), जबेली से बड़ेपारा (3.57 किमी.), बड़ेपारा से बिरकानपारा (2.36 किमी.), कमालूर से बासनपुर (2.30 किमी.), गंजेनार से गाटम व्हाया धनीकरका (21.20 किमी.), गीदम बारसूर रोड़ से छिंदनार (10 किमी.), कटेकल्याण रोड़ से नेलबट्टीपारा मेटापाल (5 किमी.) में किए गए सड़क निर्माण कार्य में यहां के ग्रामीण जनजीवन को आसान कर दिया और स्वास्थ्य, शिक्षा सहित ग्रामीणों तक पहुंचने वाली तमाम योजनाओं के रास्ते खोल दिए।इन समस्त ग्रामों में सड़क निर्माण का पूर्ण होना इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि इन क्षेत्रों के संवेदनशील होने के कारण यहां कामगारों को संसाधनों के अभाव जैसी समस्याओं से जूझना पड़ा था। इन सड़कों के निर्माण से अब सुचारू आवागमन शुरु हो गया है जिससे अस्पताल, स्कूल, हाट बाजार एवं मुख्यालय आने-जाने की सुविधा सुलभ हुई है। दंतेवाड़ा के इन अंदरूनी ग्रामों में रोड कनेक्टिविटी में इजाफा होने से यहां चहुंमुखी विकास के द्वार भी खुल गए हैं और ऐसे क्षेत्रों में भी शासन की योजनाओं की सुलभ उपलब्धता सुनिश्चित हुई है । - रायपुर, / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महान दार्शनिक और विख्यात आध्यात्मिक गुरू स्वामी विवेकानंद जी की 04 जुलाई को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। श्री बघेल ने अपने संदेश में कहा है कि स्वामी जी ने भारतीय दर्शन और अध्यात्म से पूरी दुनिया का परिचय कराया और मानवता के कल्याण का मार्ग दिखाया। छत्तीसगढ़ ने स्वामी जी के उदार, व्यवहारिक और सुधारवादी सिद्धांतों को अपनाया है। स्वामी जी के बचपन का कुछ समय रायपुर में बीता, यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। आज छत्तीसगढ़ स्वामी जी के दिखाए मार्ग और सिद्धांतों को लेकर आगे बढ़ रहा है। श्री बघेल ने कहा है कि स्वामी जी के अमूल्य विचार सदियों तक लोगों को प्रेरित करते रहेंगे। file photo
- रायपुर, / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भगवान शिव की आराधना के पवित्र श्रावण मास के 04 जुलाई से शुभारंभ पर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर उन्होंनेे प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। श्री बघेल ने कहा है कि सावन मास के प्रारंभ के साथ ही शिव जी की विशेष आराधना शुरू हो जाती है। श्रद्धालु पूरे भक्तिभाव से सावन सोमवार को शिवजी का व्रत रखते हैं। इस दौरान शिवालयों में भक्तों की भीड़ होती है, कांवर निकलते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान शिव जी की कृपा सदा सभी पर बनी रहे।
- -अत्याधुनिक मशीनों के द्वारा जांची जाएगी गाड़ियों की फिटनेस-सड़क हादसों को कम करने के लिये बड़ा कदमरायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार वाहनों के फिटनेस की जांच के लिए रायपुर में छत्तीसगढ़ का पहला ऑटोमेटिक फिटनेस टेस्टिंग सेंटर तैयार हो चुका है। इस सेंटर में अत्याधुनिक मशीनों द्वारा वाहनों की फिटनेस की जांच की जाएगी। सड़क हादसों को कम करने की दिशा में परिवहन विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की दिशा में इस सेंटर की स्थापना एक बड़ी उपलब्धि है।मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप परिवहन विभाग द्वारा व्यवस्थाओं के आधुनिकीकरण के दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। परिवहन विभाग से जुड़ी विभिन्न सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है। ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र को घर पहुंचा कर दिया जा रहा है। इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के फिटनेस निरीक्षण के कार्य को भी विभाग ऑटोमैटिक करने जा रहा है इस संबंध में सचिव परिवहन श्री एस.प्रकाश ने बताया कि अब फिटनेस निरीक्षण का कार्य मानवीय हस्तक्षेप के बिना स्वचालित मशीन के द्वारा किया जाएगा।आयुक्त परिवहन श्री दीपांशु काबरा ने बताया कि ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर में मशीन के द्वारा रोलर ब्रेक टेस्ट, एक्सल भार टेस्ट, सस्पेंशन टेस्ट, साइड स्लिप टेस्ट, जॉइंट प्ले टेस्ट, स्टीयरिंग गियर प्ले टेस्ट, स्पीडो मीटर टेस्ट, स्पीड गवर्नर टेस्ट, एग्जॉस्ट गैस टेस्ट, हेड लाइट टेस्ट किए जाएंगे।ट्रांसपोर्ट वाहन को 08 वर्ष की आयु से पूर्व प्रत्येक 02 वर्ष में फिटनेस प्रमाण निरीक्षण कराना होता है। 08 वर्ष से अधिक आयु के ट्रांसपोर्ट वाहन को प्रत्येक वर्ष फिटनेस निरीक्षण कराना होता है। यह नियम यात्री और माल यान दोनों के लिए होता है, जोकि यात्री या माल ले जाने के लिये कमर्शियल वाहन के रूप में प्रयुक्त होते हैं।पूर्व में फिटनेस निरीक्षण का कार्य आरटीओ ऑफिस में इंस्पेक्टर के द्वारा किया जाता रहा है। इंस्पेक्टर द्वारा अनुभव के आधार पर विजुवल इंस्पेक्शन करने के बाद फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी कर दिया जाता है। कई बार ऐसी परिस्थिति में वाहन-मालिक इस जांच से संतुष्ट नहीं हो पाते हैं। अनफिट वाहन यदि रोड में चलते हैं तो उनसे एक्सीडेंट की आशंका बनी रहती है। ट्रांसपोर्ट वाहन से एक्सीडेंट होने से जान-माल की हानि ज़्यादा होती है। इन्हीं सब तथ्यों को ध्यान रखते हुए हैवी गाड़ियों का फिटनेस 01 अप्रैल 2024 से ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर से अनिवार्यतरू कराये जाने हेतु अधिसूचना जारी की गई है।राज्य के द्वारा ऑटोमोबाइल सेक्टर को गति देने के लिए स्क्रैपिंग नीति भी लायी गई है, जिसके तहत पुरानी गाड़ी को स्क्रैपिंग कराने पर नई गाड़ी ख़रीदने के दौरान टैक्स में 25 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। इस छूट का लाभ लेने के लिए पहले गाड़ी को ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर से निरीक्षण कराने के पश्चात रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर में स्क्रैपिंग कराना होगा। स्क्रैपिंग कराने के बाद नयी गाड़ी ख़रीदने के लिए टैक्स में छूट हेतु सर्टिफिकेट ऑफ़ डिपाजिट दिया जायेगा जिससे की छूट का लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त यदि 15 वर्ष से अधिक आयु की ट्रांसपोर्ट गाड़ी ऑटोमेटेड फ़िटनेस सेंटर के फ़िटनेस परीक्षण में फेल हो जाती है तो ऐसी गाड़ी का पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा।
- -राज्य के 1753 गौठानों के तालाबों में हो रहा मत्स्य पालन-स्थानीय स्तर पर लोगों को मिल रहा रोजगार के अवसररायपुर /राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और लोगांे को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कृषि और उस पर आधारित व्यवसाय जैसे की मछलीपालन, पशुपालन आदि को परंपरागत तरीके से कार्य करने हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत ग्रामीण कृषि, पशुपालन, जल संसाधनों का उपयोग और उनके उत्पाद तथा अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग स्थानीय स्तर पर कृषि एवं उस पर आधारित कार्यों में किया जा रहा है।गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में ग्रामीण पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गोबर और 4 रुपए प्रति लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। जैविक खेती के लिए गोबर का उपयोग वर्मी खाद बनाने तथा गौमूत्र का उपयोग कीटनाशक दवाई बनाने में किया जा रहा है। राज्य की 8 हजार से अधिक गौठानों में 25 हजार बिहान समूह की लगभग 1 लाख 30 हजार से अधिक महिला विभिन्न आजीविका गतिविधियों में शामिल होकर इससे लाभान्वित हो रही हैं।गौठानों में इसके अतिरिक्त उपलब्ध संसाधनों के आधार पर बाड़ी, मुर्गीपलन, बकरीपालन, डेयरी, मछलीपालन आदि कार्यों से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। इन गौठानों के परिवृत्त में स्थित तालाबों में मत्स्य बीज संचय कर मत्स्य पालन किया जा रहा है। गौठान के ताजे गोबर का उपयोग तालाबों में प्राकृतिक मत्स्य आहार विकसित करने के लिए किया जाता है। गौठान ग्रामों के तालाबों में मल्टी एक्टिविटी अंतर्गत हितग्राहियों को प्रशिक्षण, मत्स्य विक्रय हेतु आइसबॉक्स, नाव जाल आदि भी वितरण किया जा रहा है। राज्य के 1753 गौठानों के तालाबों में मत्स्य पालन हो रहा है, जिसमें 8 हजार 775 रोजगार सृजित हो रहे हैं। इन तालाबों में सघन मत्स्य पालन, बायोफ्लांक आदि के माध्यम से समूहों को सहायता दी जा रही है।
- -मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर वन-विभाग कर रहा है तैयारी-वन विभाग के कार्यालयों और सी-मार्ट के जरिये की जाएगी बिक्री-स्थानीय स्तर पर इच्छुक लोग बसोड़ों से भी खरीद सकेंगे गेड़ियांरायपुर // इस बार हरेली त्यौहार पर शासन द्वारा आम-नागरिकों के लिए गेड़ी की सशुल्क व्यवस्था की जाएगी। वन-विभाग के कार्यालयों और सी-मार्ट में गेड़ियां उपलब्ध रहेंगी, जिन्हें आम लोग निर्धारित शुल्क देकर खरीद पाएंगे। स्थानीय स्तर पर इच्छुक लोगों को बसोड़ों के जरिये भी गेड़ी सशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। इससे बसोड़ों को भी आय प्राप्त होगी।प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री श्रीनिवास राव ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर वन-विभाग द्वारा गेड़ियों का निर्माण करके विक्रय किया जाएगा। हरेली तिहार के साथ गेड़ी चढ़ने की परंपरा अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। त्यौहार के दिन ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग सभी परिवारों द्वारा गेड़ी का निर्माण किया जाता है, परिवार के बच्चे और युवा गेड़ी का जमकर आनंद लेते हैं। गेड़ी चढ़कर ग्रामीण-जन और कृषक-समाज वर्षा ऋतु का स्वागत करता है। वर्षा ऋतु में के दौरान गांवों में सभी तरफ कीचड़ होता है, लेकिन गेड़ी चढ़कर कहीं भी आसानी से आया-जाया जा सकता है। गेड़ियां बांस से बनाई जाती है। दो बांस में बराबरी दूरी पर कील लगाई जाती है। एक और बांस के टुकड़ों को बीच से फाड़कर उसे दो भागों में बांटा जाता है, उसे रस्सी से फिर से जोड़कर दो पउवा बनाया जाता है। यह पउवा असल में पैरदान होता है, जिसे लंबाई में पहले काटे गए दो बांसों में लगाई गई कीलों के ऊपर बांध दिया जाता है। गेड़ी पर चलते समय रच-रच की ध्वनि निकलती है, जो वातावरण को और आनंददायक बना देती है।
- रायपुर /इस बार रायपुर जिले के कोसरंगी ग्राम के रीपा में हरेली तिहार को पारंपरिक रूप से मनाने के लिए एक अनूठी पहल की जा रही है। रीपा में गेड़ी एवं पूजा थाली का निर्माण किया जा रहा है। जिसे आमजन बाजार में खरीद सकेंगे और हरेली तिहार का उत्सव मना सकेंगे। इस थाली में स्व-सहायता समूह की महिलाओं एवं बंसोड़ जाति लोगों द्वारा पूजा में उपयोग होने वाले सामग्री जैसे काला तिल, हल्दी, सुपाड़ी, रुई-बाती, कपूर-कुवारी धागा, मौली धागा, चुनरी, उड़द दाल, जवा, दशांग, रोली, कुमकुम, गुलाल, चंदन, अगरबत्ती, हवन सामग्री, लकड़ी (पलास मदार, पीपल, बेल, फुड़हर, आम, गुलर, कुशा, खैर) एवं गेड़ी का निर्माण किया जा रहा है। पूजा थाली 85 रूपए एवं गेड़ी 120 रूपए प्रति नग की दर से खरीदा जा सकता है।हरेली तिहार छत्तीसगढ़ का सबसे पहला त्यौहार है, जो लोगों को छत्तीसगढ़ की संस्कृति और आस्था से परिचित कराता है। हरेली का मतलब हरियाली होता है, जो हर वर्ष सावन महीने के अमावस्या में मनाया जाता है। हरेली मुख्यतः खेती-किसानी से जुड़ा पर्व है। इस त्यौहार के पहले तक किसान अपनी फसलों की बोआई या रोपाई कर लेते हैं और इस दिन कृषि संबंधी सभी यंत्रों नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि के काम आने वाले सभी तरह के औजारों की साफ-सफाई कर उन्हें एक स्थान पर रखकर उसकी पूजा-अर्चना करते हैं। घर में महिलाएं तरह-तरह के छत्तीसगढ़ी व्यंजन खासकर गुड़ का चीला बनाती हैं। हरेली में जहां किसान कृषि उपकरणों की पूजा कर पकवानों का आनंद लेते हैं, आपस में नारियल फेंक प्रतियोगिता करते हैं, वहीं युवा और बच्चे गेड़ी चढ़ने का मजा लेते हैं।छत्तीसगढ़ की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए शासन द्वारा बीते साढ़े चार वर्षों के दौरान उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों के क्रम में स्थानीय तीज-त्यौहारों पर भी अब सार्वजनिक अवकाश दिए जाते हैं। इनमें हरेली तिहार भी शामिल है। जिन अन्य लोक पर्वों पर सार्वजनिक अवकाश दिए जाते हैं - तीजा, मां कर्मा जयंती, मां शाकंभरी जयंती (छेरछेरा), विश्व आदिवासी दिवस और छठ। अब राज्य में इन तीज-त्यौहारों को व्यापक स्तर पर मनाया जाता है, जिसमें शासन भी भागीदारी बनता है। इन पर्वों के दौरान महत्वपूर्ण शासकीय आयोजन होते है तथा महत्वपूर्ण शासकीय घोषणाएं भी की जाती है। वर्ष 2020 में हरेली पर्व के ही दिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना की शुरूआत की थी जो केवल 03 वर्षों में अपनी सफलता को लेकर अन्य राज्यों के लिए नजीर बन गई है।
- -दूरस्थ अंचलों के मरीजों की भी उनके जिले में ही डायलिसिस, मरीजों व उनके परिजनों के श्रम, धन और समय की बचत-सभी जिला अस्पतालों में होगा डायलिसिस सुविधा का विस्ताररायपुर। स्वास्थ्य सेवाओं के लगातार विस्तार से अब राज्य के 27 जिला चिकित्सालयों में डायलिसिस की सुविधा विकसित कर ली गई है। इससे किडनी रोगों से पीड़ितों को अब उनके जिला मुख्यालय में ही निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा मिल रही है। प्रदेश के दूरस्थ अंचलों के मरीजों को अब डायलिसिस के लिए बड़े शहरों का रूख नहीं करना पड़ रहा है। किडनी संबंधी रोग से ग्रस्त मरीज को लंबे समय तक बार-बार डायलिसिस कराना पड़ता है। इससे उन पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है। स्थानीय स्तर पर ही निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा मिलने से अब इसके मरीजों को बड़ी राहत मिली है।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव की पहल पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम ‘जीवन धारा’ और जिला खनिज न्यास निधि (DMF) से राज्य के 27 जिला मुख्यालयों तथा देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डायलिसिस की सुविधा प्रारंभ की जा चुकी है। ‘जीवन धारा’ के अंतर्गत दुर्ग, कांकेर, बिलासपुर, महासमुंद, कोरबा, सरगुजा, जशपुर, बीजापुर, रायपुर, जांजगीर, जगदलपुर, गरियाबंद, मुंगेली, धमतरी, बलौदाबाजार, बैकुंठपुर, सूरजपुर, कवर्धा, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही एवं सुकमा जिला चिकित्सालय तथा देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है।इन 24 अस्पतालों में कुल 106 डायलिसिस मशीनें स्थापित की गई हैं जहां अब तक 87 हजार 321 डायलिसिस सेशन किए जा चुके हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में इन अस्पतालों में किडनी रोगों से जूझ रहे मरीजों के कुल 46 हजार 679 डायलिसिस सेशन किए गए हैं। प्रदेश के चार अन्य जिला अस्पतालों दंतेवाड़ा, बलरामपुर, रायगढ़ और कोंडागांव में जिला खनिज न्यास निधि से डायलिसिस की मशीनें स्थापित कर यह सुविधा प्रदान की जा रही है। दंतेवाड़ा में चार, बलरामपुर और रायगढ़ में तीन-तीन तथा कोण्डागांव में एक डायलिसिस मशीन संचालित है।
- रायपुर। आज अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस के अवसर पर राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजभवन में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए ।राजभवन में उपयोग होने वाली किसी भी सामग्री के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े के थैले या जूट के थैले इस्तेमाल किए जाएं।उन्होंने कहा कि आज विश्व के सामने प्लास्टिक से हो रहा प्रदूषण सबसे बड़ी चुनौती है ।हम सबको सक्रिय रूप से इस इसका उपयोग कम करने और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए हम सबको अपना माइंड सेट बदलना होगा और जब भी बाजार जाएं तो अपने साथ कपड़े का या जूट का थैला अवश्य ले जाएं । प्रकृति हम सबका संरक्षण करती है अतः प्रकृति को बचाए रखने के लिए छोटे_ छोटे कदम आवश्यक हैं।राज्यपाल ने प्रदेश वासियों सहित देशवासियों से अपील की है कि आज से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का प्रण लें और इस धरती को और बेहतर बनाने के लिए एकजुट होकर प्रयास करें। हरिचंदन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजभवन में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए ।राजभवन में उपयोग होने वाली किसी भी सामग्री के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े के थैले या जूट के थैले इस्तेमाल किए जाएं।उन्होंने कहा कि आज विश्व के सामने प्लास्टिक से हो रहा प्रदूषण सबसे बड़ी चुनौती है ।हम सबको सक्रिय रूप से इस इसका उपयोग कम करने और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए हम सबको अपना माइंड सेट बदलना होगा और जब भी बाजार जाएं तो अपने साथ कपड़े का या जूट का थैला अवश्य ले जाएं । प्रकृति हम सबका संरक्षण करती है अतः प्रकृति को बचाए रखने के लिए छोटे_ छोटे कदम आवश्यक हैं।राज्यपाल ने प्रदेश वासियों सहित देशवासियों से अपील की है कि आज से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का प्रण लें और इस धरती को और बेहतर बनाने के लिए एकजुट होकर प्रयास करें।
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रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर बड़ी संख्या में शासकीय नौकरियों में युवाओं की भर्ती की जा रही हैं। इसी कड़ी में राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पर्यवेक्षक (सुपरवाईजर) के 440 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इन रिक्त पदों पर नियुक्ति छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल, रायपुर द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से की जाएगी।
पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा के लिए केवल छत्तीसगढ़ की मूल निवासी महिला उम्मीदवार ही पात्र होंगी। परीक्षा खुली सीधी भर्ती और परिसीमित सीधी भर्ती के माध्यम से ली जाएगी। खुली सीधी भर्ती के लिए कुल 220 पद हैं, जिसमें सभी वर्गों की महिलाएं आवेदन कर सकती है। इसी तरह परिसीमित सीधी भर्ती में भी 220 पद हैं, जिसमें कार्यरत पात्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आवेदन कर सकेंगी। -
सफल आयोजन के लिए समिति का किया गया गठन और जिला पंचायत सीईओ को बनाया गया नोडल अधिकारी
जगदलपुर। शासन के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक 2023-24 का आयोजन किया जाना है। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक आयोजन का दायित्व ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं नगरीय क्षेत्र में नगरीय प्रशासन विभाग को सौंपा गया है। आयोजन हेतु विकासखण्डों, नगरीय क्षेत्र के प्रत्येक राजीव युवा मिता क्लब (ग्राम पंचायत-वार्ड) में जोन व विकासखण्ड स्तर, नगरीय एवं जिला स्तर पर निर्धारित तिथियों में छत्तीसगढ़िया ऑलम्पिक 2023-24 का आयोजन किया जाएगा। जिसमें ग्राम पंचायत स्तर पर 17 से 22 जुलाई तक, जोन स्तर पर 26 जुलाई से 31 जुलाई तक, विकासखंड व नगरीय क्लस्टर स्तर पर 07 अगस्त से 21 अगस्त, जिला स्तर पर 25 अगस्त से 04 सितंबर और संभाग स्तर पर 10 सितंबर से 20 सितंबर 2023 तक आयोजन किया जाएगा।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री विजय दयाराम के. द्वारा जिला स्तरीय ओलम्पिक आयोजन हेतु जिला स्तरीय समिति बनाई गई जिसके अध्यक्ष कलेक्टर है, समिति के सदस्यों में पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, नगर निगम आयुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण के सहायक संचालक है। इसी प्रकार सभी विकासखंडों के लिए विकासखंड स्तरीय आयोजन समिति अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में गठित की गई है। साथ ही छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक 2023-24 के ग्राम पंचायत स्तर (राजीव युवा मितान क्लब), जोन स्तर विकासखण्ड स्तर, जिला स्तरीय एवं संभाग स्तरीय सफल आयोजन हेतु जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक आयोजन में महिला व पुरूष के लिए 3 वर्गों (18 वर्ष से कम, 18 से 40 वर्ष एवं 40 वर्ष से अधिक) में आयोजित किया जाना है। आयोजन सम्पादन के लिए स्थानीय व्यायाम शिक्षक, वरिष्ठ खिलाडियों का सहयोग लिया जाएगा, प्रत्येक स्तर पर चयनित खिलाड़ियों की चयन सूची विकासखण्ड स्तर एवं विकासखण्ड स्तर के आयोजन पश्चात जिला स्तर पर संकलित की जाएगी। -
कांकेर। जिले में प्रति सोमवार को ई-जनचौपाल का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा नरहरपुर, चारामा, भानुप्रतापपुर, दुर्गूकोंदल, अंतागढ़ एवं पखांजूर जनपद कार्यालय के वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीणों की समस्या व शिकायत सुनी जा रही है तथा कांकेर विकासखण्ड के ग्रामीण कलेक्टर से प्रत्यक्ष मुलाकात कर अपनी समस्या व शिकायत से अवगत करा रहे हैं, जिसका त्वरित निराकरण भी किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आज सोमवार को ई-जनचौपाल में 74 लोगों की समस्या सुनी तथा उसके निराकरण के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। आज सोमवार को आयोजित ई-जनचौपाल में अंतागढ़ विकासखण्ड से 03, भानुप्रतापपुर विकासखण्ड से 08, चारामा विकासखण्ड से 07, दुर्गूकोंदल में 04 और नरहरपुर विकासखण्ड से 02 लोगों ने अपने जनपद कार्यालय में उपस्थित होकर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से तथा 50 व्यक्तियों द्वारा जिला कार्यालय में उपस्थित होकर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला को अपनी समस्या से अवगत कराया, जिनका निराकरण करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर एस. अहिरवार, सहायक कलेक्टर प्रखर चंद्राकर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर जी.एस. नाग, एस.डी.एम. मनीष साहू, डिप्टी कलेक्टर अशोक मारबल, सीएसईबी के कार्यपालन अभियंता सतीश कुमार किण्डो, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता एस.पी. मंडावी, समाज कल्याण विभाग के उप संचालक सिनीवाली गोयल एवं खाद्य अधिकारी जे. नायक भी मौजूद थे।
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दंतेवाडा। ग्राम पंचायत कुआकोंडा के निवासी श्री मोतीराम के पास कुछ जमीन थी जिसमें वो सब्जी उत्पादन का कार्य करना चाहते थे किंतु उनके पास पर्याप्त पूंजी का अभाव होने के कारण वे खेत में मेढ़ बंधान कार्य नहीं कर पा रहे थे। इस प्रकार मन में कुछ करने की चाह होने के बावजूद वे खुद को असहाय महसूस कर रहे थे। फिर उन्हे ग्राम पंचायत की ग्राम सभा में पता चला की एफ.आर.ए. (वनाधिकार पट्टाधारी) हितग्राहियों को प्रशासन की ओर से खेती बाड़ी से जुड़े कार्यों में लाभान्वित किया जा रहा है। इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने अपने आवश्यक दस्तावेज पंचायत के माध्यम से जनपद कार्यालय को उपलब्ध कराया एवं कुछ ही दिनों में उनका कार्य स्वीकृत हो गया एवं मनरेगा योजना से इस कार्य को पूर्ण कर लिया गया। खेती में मेढ़ बंधान कार्य होने से खेत में पानी एवं खाद बीज के बह जाने की चिंता मुक्त होकर अपनी भूमि में साग-सब्जी उत्पादन का कार्य शुरू किया और उनकी मेहनत रंग लायी। आज उनके खेत में विविध प्रकार की सब्जियों को देखा जा सकता है जिसमें बरबट्टी, सेमी, पालक भाजी, लाल भाजी, सरसों आदि है। इन सब्जियों को वे स्थानीय हाट-बाजार में बेचकर मोतीराम महीने के लगभग 4500 से 6000 तक की भी आमदनी कर पा रहे है। निश्चित तौर पर योजना का लाभ पाकर वे खुश है तथा इसी प्रकार अन्य लोगों को भी योजनाओं का लाभ लेने प्रेरित कर रहे हैं। महात्मा गांधी नरेगा ग्रामीण लोगों के लिए आजीविका तथा रोजगार का एक प्रमुख साधन तो है ही इसके साथ-साथ हितग्राही मूलक कार्यों जैसे डबरी निर्माण, भूमि समतलीकरण, मेढ़ बंधान, मुर्गी शेड, बकरी शेड, गाय शेड निर्माण तथा अन्य खेती-बाड़ी से जुड़े कार्य भी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से किए जाते हैं इससे लाभ लेकर ग्रामीण भी विकास की ओर अग्रसर हो रहे है।
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रामलाल को मिला योजना का सहारा
दंतेवाड़ा। प्रधानमंत्री आवास योजना ने कई लोगों के सपने को सच कर दिखाया है। इसी तरह रामलाल को भी कच्चे मकान से मिला छुटकारा योजना का मिला सहारा। विकासखंड गीदम अंतर्गत ग्राम पंचायत हिरानार के गागरूपारा के निवासी श्री रामलाल एक निम्नवर्गीय परिवार से है। अपने परिवार के जीवन यापन के लिए कृषि एवं मजदूरी पर निर्भर रहता है। घर के एकमात्र कमाऊ पुरुष सदस्य होने के कारण घर की सारी जिम्मेदारी रामलाल के कंधे पर थी। मजदूरी एवं खेती की आय से जीवन यापन पर्याप्त नहीं होने के कारण रामलाल के परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय थी, जिससे उसकी अपने परिवार के लिये सर्व सुविधा युक्त पक्के आवास का सपना पूर्ण करना असंभव सा प्रतीत हो रहा था तथा वह जर्जर, कच्चा एवं घास फूस से बने घर में निवास करना अपनी नियति मान बैठा था। मिट्टी के घर में रहने वाले रामलाल का भी सपना रहा है कि पक्के मकान की छत हो कहीं न कहीं आर्थिक परिस्थिति उसका बाधा बनी हुई थीं लेकिन कहते है वक्त सबका बदलता है और देर से ही सही, बुरे वक्त के बाद अच्छे दिन की शुरुआत जरूर होती है ऐसा ही रामलाल के साथ हुआ उसे पता चला कि भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2019-20 में रामलाल को आवास की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त रामलाल को पक्के मकान का सपना साकार होने का मार्ग मिल गया। आवास के सपने को पूर्ण करने में रामलाल के बुजुर्ग पिता एवं पत्नि नें भी हर संभव सहायता प्रदान की। योजना के तहत रामलाल को मकान निर्माण के लिए रू.1 लाख 30 हजार, शौचालय के लिए रू. 12 हजार तथा मनरेगा के तहत 95 दिवस की मजदूरी की राशि रू. 16 हजार 720 भी शासन द्वारा रामलाल के बैंक खाते में स्थानांतरित की गयी साथ ही उज्जवला योजना अंतर्गत रसोई गैस भी प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री आवास के बन जाने के बाद अब रामलाल अपने परिवार की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति आश्वस्त है। अब रामलाल बहुत खुश है तथा इसके लिए रामलाल ने शासन के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहीर की। -
महासमुंद। जिले में अब तक जिले में 126 कटे-फटे होंठ एवं तालु, 195 क्लब फुट, 82 कंजेनाईटल केटेरेक्ट, 21 न्युरल ट्यूब डिफेक्ट, 450 जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का सफल उपचार
महासमुंद बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) से जन्म से ही स्वास्थ्य गत समस्याओं से पीड़ित बच्चों के लिए जीवन दायिनी साबित हो रही है। जिले में अब तक 874 बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ है। इसमें 126 कटे-फटे होंठ एवं तालु, 195 क्लब फुट, 82 कंजेनाईटल केटेरेक्ट 21 न्युरल ट्यूब डिफेक्ट, 450 जन्मजात हृदय रोग (कंजेनाईटल हार्ट डीसिस) से पीड़ित बच्चों का सफल उपचार किया गया है।
योजना का उद्देश्य बच्चों में 04 प्रकार की परेशानियाँ जैसे डीफेक्ट एट बर्थ, डिसएबिलिटी डेवलेपमेन्टल डिलेस, डेफिसिएन्सी की जाँच एवं उपचार कर रोगों को आगे बढ़ने से रोका जा सके। कार्यक्रम अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों जो कि आंगनबाड़ी व सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत है उन्हें शामिल किया गया है। कार्यक्रम अंतर्गत साल में 02 बार समस्त ऑगनबाडियों में दर्ज बच्चे एवं साल में 01 बार समस्त शासकीय विद्यालयों का भ्रमण कर समस्त बच्चों का प्रारंभिक स्वाथ्य जाँच किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पी. कुदेशिया ने बताया कि जाँच हेतु जिले में 09 समर्पित मोबाईल स्वास्थ्य टीम जिसमें 02 चिकित्सक, 01 फार्मासिस्ट, 01 लैब टेकनिशियन, 01 ए.एन.एम. की पदस्थापना की गई है जो कि कार्यक्रम अंतर्गत आने वाले 40 विभिन्न प्रकार की बीमारियों की जाँच कर धनात्मक प्रकरणों को जिला स्तरीय एवं सर्जिकल प्रकरणों को उच्च चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैय्या करायी जाती है।
ऐसे ही बालक नीलकंठ निषाद थैलेसीमिया व स्प्लेनोमेगाली नामक बीमारी से ग्रसित था जो कि ग्राम तमोरा विकासखण्ड अंतर्गत बागबाहरा शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में अध्ययन कर रहा था। चिरायु टीम द्वारा शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ग्राम तमोरा के समस्त बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान कक्षा 7 वीं के विद्यार्थी श्री नीलकंठ निषाद के स्वास्थ्य परीक्षण में पाया गया जिसमें हाथ पैर सामान्य के अपेक्षा पतले पाये गये व मरीज का पेट फुले होने के साथ आँखे थोड़ी बाहर की तरफ पायी गई। बालक के स्वास्थ्य संदेहास्पद स्थिति के देखकर चिरायु टीम कुछ विशेष द्वारा जिला अस्पताल में लाकर विशेष चिकित्सकीय दल द्वारा परामर्श व अन्य पैथोलॉजिकल जाँच करायी गई, जिसमें बालक के स्प्लीन बढ़े होने के साथ कठोर पायी गई व हीमोग्लोबिन की मात्रा भी कम पायी गई। सोनोग्राफी व अन्य सुक्ष्म परीक्षण के बाद बालक को थैलिसिमिया व स्प्लीनोमेगाली नामक रोग से ग्रसित पाया गया।
थैलेसीमिया व स्प्लेनोमेगाली एक गंभीर चुनौतीपूर्ण बीमारी है जिसे एक साधारण बी.पी. एल. परिवार को उच्च चिकित्सकीय संस्थान में इलाज कराया जाने के लिए एक विशेष मनोबल व शासन की तरफ से मिलने वाली विशेष सहायता दोनो ही आवश्यक है, ऐसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु योजना के अंतर्गत चिरायु टीम द्वारा समय-समय पर श्री नीलकंठ को जिला स्तर व राज्य स्तरीय चिकित्सकीय संस्थान ले जाया जाता था जहाँ टीम के धैर्य एवं लगन के साथ कोरोना काल में भी नियमित राज्य के डी.के. एस. अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में उपचार कराये जाने में कभी भी बाधा उत्पन्न नहीं होने दिया। जिसके चलते 18 जनवरी 2023 में बालक का सफलतापूर्वक सर्जरी करायी गई जिसे कुछ दिनों आईसीयू में रहने के पश्चात् डिस्चार्ज कर दिया गया। अब नीलकंठ अपनी सामान्य सभी बालकों की तरह कक्षा 7 वीं में अध्ययनरत है व दिनचर्या के सभी काम खेल-कुद करने में सक्षम व खुश है। -
दुर्ग. जिले में रविवार को एक ट्रक ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे मोटरसाइकिल पर सवार 40 वर्षीय एक व्यक्ति और उसके नाबालिग बेटे की मौत हो गयी, जबकि उसकी पत्नी और बेटी घायल हो गयी। पुलिस ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतक के परिजन को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। इसके अलावा, जिस खनन ठेकेदार का ट्रक था, वह भी प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपये की मुआवजा राशि देगा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अनंत साहू ने बताया कि दुर्घटना जिले के पाटन क्षेत्र के मोतीपुर गांव में अपराह्न करीब 12 बजे हुई, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने रायपुर को दुर्ग से जोड़ने वाली सड़क को जाम कर दिया । उन्होंने बताया कि एक कैप्सूल ट्रक ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे मोटरसाइकिल सवार राजेंद्र बारले और उनके छह वर्षीय बेटे प्रभात बारले की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद बारले की पत्नी लक्ष्मी और बेटी पुष्पा को भी चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। साहू ने बताया कि ट्रक चालक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों ने पर्याप्त मुआवजा, घायलों को मुफ्त इलाज, मृतक की बेटी के लिये मुफ्त शिक्षा और घटनास्थल पर स्पीड ब्रेकर के निर्माण की मांग करते हुए सड़क जाम किया था।
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विकास के नए रास्ते खोलेंगी छत्तीसगढ़ की सड़के : मुख्यमंत्री
बीते साढ़े चार वर्षों में सड़कें एवं पुलों के 7 हजार 406 कार्यों के लिए 16 हजार 670 करोड़ रूपए की स्वीकृति
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में विश्वास और विकास का जो रोडमैप तैयार किया है, वह अब आकार ले रहा है। छत्तीसगढ़ की सड़कें यहां की लाइफ लाइन हैं जो आने वाले समय में विकास के नए रास्तें खोलेंगी, व्यापार बढ़ेगा , पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों के विकसित होने के साथ आर्थिक तौर पर छत्तीसगढ़ के अंदरूनी इलाके समृद्धि की ओर बढ़ेंगे। यह सब कुछ संभव होगा सड़कों के उन कारिडोर से जिसे बढ़ाने का काम जारी है।
राज्य में बीते साढ़े चार साल में राज्य में विभिन्न योजनाओं में सड़क एवं पुल के 7406 कार्यों हेतु लगभग 16 हजार 670 करोड़ रूपए तथा इस दौरान भवनों के 419 कार्यों हेतु लगभग 908 करोड़ रूपए की स्वीकृति मिल चुकी है । विगत 4 वर्षों में राज्य मद के अंतर्गत 9884 कि.मी. सड़कों का उन्नयन किया जा चुका है। इनमें 4 हजार 41 कि.मी. सड़कों का नया डामरीकरण , 3 हजार 244 कि.मी. सड़कों का डामरीकृत नवीनीकरण, 1 हजार 113 कि.मी. सड़कों का चौडीकरण, 588 कि.मी. सड़कों का मजबूतीकरण तथा 898 कि.मी. सड़कों का सीमेंट कांक्रीटीकरण किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के अनुसार विश्वास, विकास एवं सुरक्षा ही सरकार का मूलमंत्र है। मुख्यमंत्री के अनुसार छत्तीसगढ़ के अंदरूनी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना सबसे जरूरी है। सरकार का लक्ष्य ग्रामीणों तक राशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार माध्यम, रोजमर्रा की चीजें, रोजगार व आजीविका के साधन उपलब्ध कराना है, जिसके लिए सड़क एक महत्वपूर्ण साधन है।
मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं बस्तर के अंदरूनी इलाके
बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बस्तर जैसे जिलों के दुर्गम इलाके धीरे धीरे मुख्य धारा में शामिल होते जा रहे हैं। सड़कों के निर्माण और मरम्मत से किसानों की पंजीयन संख्या बढ़ी है, इन क्षेत्रों में धान की बिक्री बढ़ी है, वनोपज संग्रहण एवं विक्रय कार्यों में तेजी आई है और छत्तीसगढ़ में रोजगार के साधन भी उपलब्ध हुए हैं।










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