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- महासमुंद / राज्यपाल श्री रमेन डेका शुक्रवार को पिथौरा विकासखंड अंतर्गत गोड़बहाल पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल, गोड़बहाल परिसर में “एक पेड़ मां के नाम“ अभियान के तहत नीम का पौधा रोपित किया। राज्यपाल द्वारा पर्यावरण संरक्षण और जन-जागरूकता के उद्देश्य से इस पौधरोपण कार्यक्रम में सहभागिता दी गई। इस दौरान उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों एवं जनसमुदाय को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
- -विकास कार्यों में तेजी व योजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश-सभी संकेतकों को पूर्ण करने के दिए निर्देशमहासमुंद / महामहिम राज्यपाल श्री रमेन डेका ने शुक्रवार को पिथौरा के गोड़बहाल में विकासखंड स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर पिथौरा में आकांक्षी विकासखंड के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों, शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कृषि, कौशल विकास, वित्तीय समावेश एवं बुनियादी ढांचे में सुधार को लेकर विभागीय प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा की और सभी विभागों को निर्देशित किया कि आकांक्षी विकासखंड के सभी संकेतकों को 90 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य करें। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकताओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए सभी विभाग समन्वित प्रयास करें।राज्यपाल श्री डेका ने जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए कहा कि प्रत्येक ग्राम में जल संचयन के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने डाबरी निर्माण, शोक पिट (सोखता गड्ढा), इंजेक्शन वेल जैसे संरचनात्मक कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि वर्षा जल का अधिक से अधिक संग्रहण और भूजल स्तर में सुधार हो सके।राज्यपाल ने पशुपालन को ग्रामीण आजीविका का सशक्त माध्यम बताते हुए इसे बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालन से न केवल आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह पोषण सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। इससे स्थानीय रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। सड़क सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी पहल की जाए और व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाए जाएं। उन्होंने हेलमेट और यातायात नियमों के प्रति सतत् जागरूकता के निर्देश भी दिए।राज्यपाल ने महिला स्व सहायता समूहों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समूहों की आर्थिक गतिविधियों का और विस्तार किया जाए। उन्होंने बैंकिंग सुविधाओं को सुदृढ़ और सुगम बनाने पर विशेष जोर दिया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को मजबूती मिले।स्वास्थ्य और पोषण को लेकर उन्होंने कुपोषित बच्चों की पहचान एवं सघन मॉनिटरिंग करने, न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती और पोषण ट्रैकर से निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मितानिन, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय से डाटा संकलन करने कहा। वार्षिक प्रशिक्षण कैलेण्डर के अनुसार शिक्षकों का नियमित प्रशिक्षण, राज्य एवं जिला स्तर पर विषय-विशेष प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों से आपसी समन्वय और सूचकांकों के सतत सुधार की रणनीति पर कार्य करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने अधिकारियों को योजनाओं की जमीनी स्तर पर जांच के लिए फील्ड विजिट करने और लाभार्थियों से फीडबैक लेने के निर्देश दिए। एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को मिशन बताते हुए राज्यपाल ने सभी को पेड़ लगाने और दूसरों को भी प्रेरित करने का आह्वान किया। सभी सरकारी कार्यालयों में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधरोपण के निर्देश दिए।इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने जिले की प्रगति और लक्ष्यों की पूर्ति को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जिले में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा, स्वच्छता, जल प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निरंतर विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा में नवाचार और सहभागिता से पिथौरा, बागबाहरा और महासमुंद विकासखंड के 40 चयनित ग्राम पंचायतों के 77 स्कूलों में पंचायतों के नेतृत्व में आधारभूत मूल्यांकन कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। विशेष रूप से कमजोर और पढ़ाई छोड़ चुके छात्रों के लिए अतिरिक्त अध्ययन समय की व्यवस्था की गई है। 213 शिक्षकों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रशिक्षित किया गया। 6 ग्राम पंचायत हाई स्कूलों में सामुदायिक पुस्तकालय स्थापित किए गए। जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में 18 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की।उन्होंने बताया कि 55 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्जा प्राप्त हुआ है और 98 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। ब्लॉक में 84 प्रतिशत परिवारों को फंक्शनल नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। सभी गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं। 100 पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत घोषित किया गया है 112 सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। 400 से अधिक एनीमिया पीड़ित किशोरियाँ अब स्वस्थ हो चुकी हैं। 51 बच्चे गंभीर कुपोषण श्रेणी से बाहर आ चुके हैं।महिला सशक्तिकरण और आर्थिक समृद्धि की दिशा में 6 स्वयं सहायता समूहों ने अपने उत्पादों के लिए ट्रेडमार्क प्राप्त किया है। अधिकांश स्वयं सहायता समूह आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से संलग्न हैं। कृषि के क्षेत्र में पिथौरा ब्लॉक के 27461 किसानों को केसीसी के माध्यम से 176.35 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। 23000 किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी हैं। 1160 मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए हैं। ब्लॉक में सभी पशुओं को एफएमडी टीका लगाया जा चुका है। डिजिटल और वित्तीय समावेशन के लिए 614 बैंकिंग टच पॉइंट (बैंक शाखा, बीसी केंद्र) ब्लॉक में कार्यरत हैं। पीएम डिजिटल साक्षरता अभियान के अंतर्गत 250 नागरिकों को डिजिटल प्रमाणन प्रदान किया गया है। 86 प्रतिशत से अधिक नागरिकों के आयुष्मान भारत कार्ड बनाए गए हैं। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला एवं बाल विकास, और अन्य विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
- -महिला सशक्तिकरण की दिशा में उत्कृष्ट कार्यों की सराहनामहासमुंद / राज्यपाल श्री रमेन डेका ने शुक्रवार को महासमुंद जिले के गोड़बहाल प्रवास के दौरान वहां के महिला स्व-सहायता समूहों से आत्मीय भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल ने महिला समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं जो भी व्यवसाय करें, पूरी लगन और गुणवत्ता के साथ करें। आपसी सहयोग बनाए रखें और आंतरिक प्रतिस्पर्धा से बचें।श्रीमती गायत्री यादव, श्रीमती राजश्री महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य ने राज्यपाल को बताया कि उनका समूह दुग्ध उत्पादन का कार्य कर रहा है। वहीं, लीलावती पटेल, जयश्री महिला समूह की सदस्य ने बैग निर्माण के अपने व्यवसाय की जानकारी दी। माधुरी पटेल ने हस्तकला में समूह की दक्षता को साझा किया, जबकि गोमती पटेल ने भी दुग्ध उत्पादन की विस्तृत जानकारी दी।महिला समूहों की ओर से राज्यपाल को स्मृति चिह्न स्वरूप हस्तशिल्प उत्पाद भेंट किए गए। राज्यपाल ने महिला समूह की कार्यों की सराहना की और महिला सशक्तिकरण की दिशा में हो रहे प्रयासों की प्रशंसा की। इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह एवं जिला पंचायत सीईओ श्री एस आलोक भी उपस्थित थे।
- रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में राष्ट्रीय छात्र पर्यावरण प्रतियोगिता के पोस्टर का विमोचन किया। यह प्रतियोगिता 1 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक आयोजित की जा रही है। इसका प्रमुख उद्देश्य स्वदेशी परंपराओं के पुनरुद्धार पर आधारित गतिविधियों को बढ़ावा देना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनमानस में जागरूकता का वातावरण तैयार करना है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए भावी पीढ़ियों को जागरूक और संवेदनशील बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्कूली और महाविद्यालयीन छात्र इस अभियान में सहभागी होकर न केवल अपनी रचनात्मक क्षमताओं का विकास करेंगे बल्कि पारंपरिक जीवन मूल्यों और पर्यावरणीय संतुलन को भी मजबूत करेंगे।इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संस्थान के प्रतिनिधि श्री अक्षय अलकरी, श्री मनोहर चंदेल, श्री आनंद पांडे और डॉ. अनुज नारद सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
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-मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन की पहल
-नए बच्चे के जन्म पर जिला प्रशासन द्वारा दिए जा रहे 5 फलदार पौधेरायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम उठाया है—"ग्रीन पालना अभियान"। इस अभिनव पहल के अंतर्गत अब सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों के साथ ही उनके माता-पिता को पांच फलदार पौधे—आम, अमरूद, कटहल, पपीता और मुनगा—सौगात स्वरूप भेंट किए जा रहे हैं।यह पहल सिर्फ पौधारोपण नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और जिम्मेदार जुड़ाव है, जिसमें हर माता-पिता अपने बच्चे की तरह ही इन पौधों की भी देखभाल करेंगे, उन्हें बड़ा करेंगे।कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में शुरू हुए इस अभियान में वन विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग बच्चों के जन्म के साथ ही माता-पिता को 5 फलदार पौधे तथा एक प्रमाण पत्र प्रदाय कर रही है। जो इस नए जीवन और हरियाली के रिश्ते की एक यादगार दस्तावेज़ होगा। यह अभियान न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता को जन्म देगा, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी प्रकृति से जुड़ाव और संरक्षण का मूल्य सिखाएगा। -
राजनांदगांव । मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सभी महत्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यक्रमों तथा समसामयिक विषयों की समीक्षा की। उन्होंने फसल चक्र परिवर्तन, आयुष्मान कार्ड निर्माण, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के क्रियान्वयन एवं प्रगति की विस्तृत समीक्षा कर जिला अधिकारियों, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। सीईओ जिला पंचायत ने आगामी रबी फसल में फसल चक्र परिवर्तन के संबंध में कार्ययोजना बनाकर धान की जगह अन्य फसल लेने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने पिछले वर्ष की भांति गांव-गांव में फसल संगोष्ठी का आयोजन कर व्यवहार परिवर्तन हेतु किसानों को प्रेरित करने के लिए कहा।
सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण की विकासखंडवार समीक्षा की। उन्होंने निर्माणाधीन आवास में तेजी लाने के निर्देश दिए। संबंधित अधिकारियों एवं अन्य मैदानी अधिकारियों को स्थल का सतत निरीक्षण करने कहा। सीईओ जिला पंचायत ने वय वंदन आयुष्मान कार्ड और सामान्य आयुष्मान कार्ड बनाने में तेजी लाने कहा। उन्होंने एएमसी जॉंच, संस्थागत प्रसव, एनिमिया की रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने कहा। स्वास्थ्य भवनों में अनिवार्यत: रेनवाटर हार्वेस्टिंग, फेल बोरवेल में नाली निकासी एवं सोख्ता गढ्ढा की व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देशित किया गया। बैठक में स्वच्छता सर्वेक्षण की विकासखंडवार समीक्षा की गई। बैठक मेंं ओडीएफ वेरिफिकेशन तथा फीडबैक के कार्य को पूर्ण कर अवगत कराने हेतु सभी को निर्देंशित किया गया। बैठक में व्यक्तिगत शौचालय का जियो टेग करने हेतु रोजगार सहायकों को इस कार्य में लगाने हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में एसएलडब्ल्यूएम सेंटर में रखे मशीनों को नियमित अवलोकन करने हेतु सभी को निर्देशित किया गया। साथ ही सार्वजनिक शौचालय, स्वास्थ्य केन्द्र, शासकीय भवनों की साफ-सफाई, नाली निकासी, तालाबों की सफाई, सार्वजनिक हैण्डपंप के आस पास स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने हेतु निर्देश दिए। बैठक में सभी योजनान्तर्गत चल रहे कार्यो को समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के सभी संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे। - - जल जीवन मिशन से ग्राम बंजारी एवं फत्तेगंज के 73 ग्रामीण परिवारों को घर पर मिल रही पेयजल की सुविधा- पानी की समस्या का समाधान होने से महिलाओं का जीवन हुआ आसानराजनांदगांव । डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम बंजारी एवं फत्तेगंज की कहानी उन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मिसाल है, जहां जल जीवन मिशन ने जीवन स्तर को ना सिर्फ सुधारा है, बल्कि वहां के ग्रामीणों को नयी उम्मीद भी दी है। जिला मुख्यालय राजनांदगांव से 50 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत चारभाठा के आश्रित ग्राम बंजारी में 39 एवं ग्राम फत्तेगंज में लगभग 34 परिवार निवास करते है। इन गांवों के ग्रामीणों की आजीविका का साधन मुख्यत: कृषि और मजदूरी पर ही निर्भर है। पहलेे इन गांव में पानी की काफी समस्या थी और पेयजल का एकमात्र स्रोत हैंडपंप था। गांव के सरपंच श्री मनोज कोर्राम बताते है कि ग्राम बंजारी एवं फत्तेगंज के ग्रामीण लम्बे समय से पेयजल के लिए संघर्ष कर रहे थे। हैंडपम्पों से पानी निकालने में काफी दिक्कते आती थी। गर्मियों के दिनों में जब जलस्तर नीचे चला जाता था, तब पानी निकालना और भी मुश्किल हो जाता था। कई बार पानी भरने के लिए ग्रामीणों को लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ता था। कई ग्रामीणों को दूर के क्षेत्रों से पानी भरकर लाना पड़ता था, जिससे उनका समय तो बर्बाद होता ही था, बल्कि मेहनत भी काफी लगती थी। पानी की कमी का सबसे ज्यादा प्रभाव गांव की महिलाओं पर पड़ता था। जिनके दिन का एक बड़ा हिस्सा पेयजल की व्यवस्था में बीत जाता था।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री अरूण साव की पहल से जल जीवन मिशन के तहत ग्राम बंजारी में 950 मीटर तथा फत्तेगंज में 750 मीटर की पाइप लाइन बिछाई गयी है तथा सोलर के माध्यम से 24 घंटे पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की अगुवाई में ग्राम को हर घर जल घोषित किया गया। अब प्रत्येक घर में नल के माध्यम से पेयजल पहुंचाया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों की दिनचर्या में बहुत बदलाव आया है। जो समय पानी की व्यवस्था में लग जाता था, अब अन्य कार्यों में समय का उपयोग किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों की उत्पादकता भी बढ़ी है और जीवन स्तर में सुधार भी हुआ है। ग्राम की निवासी श्रीमती निर्मला साहू एवं श्रीमती अंजू सिन्हा ने बताया कि पहले उनका समय दिन भर पानी जुटाने में लग जाता था एवं अपने बच्चों के देखभाल में भी पूर्ण समय नहीं दे पाती थी, लेकिन जल जीवन मिशन अंतर्गत घरों में नल की सुविधा मिलने से आज उनके बच्चों को भी पढ़ाई के लिए अधिक समय मिलने लगा है, जिससे बच्चों के शैक्षणिक स्तर में भी सुधार हुआ है।
- - खेती-किसानी के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज मिलने पर किसानों में प्रसन्नता- रामकुमार एवं रूपेन्द्र ने खाद मिलने पर संतुष्टि जाहिर की- किसान भूषण एवं रूपलाल के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना बनी मददगारराजनांदगांव। बारिश के साथ ही जिले में खेती-किसानी का कार्य जोरों पर है। अच्छी उपज की मंगल कामना के साथ किसान कृषि कार्य में जुट गए है। शासन की कृषक हितकारी योजनाएं उनके जीवन में खुशहाली एवं समृद्धि ला रही है। सरकार द्वारा धान के साथ ही कृषक उन्नति योजना का दायरा बढ़ाते हुए धान की फसल के साथ ही अब दलहन-तिलहन और मक्का की फसल लगाने वाले किसानों को भी लाभ मिलेगा। किसान सहकारी समितियों से खाद-बीज ले रहे है। जिले में खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता है। राजनांदगांव विकासखंड के नया ढाबा वार्ड क्रमांक 4 के किसान श्री रामकुमार साहू ने बताया कि उनके पास 2.68 एकड़ जमीन है और वे धान, सरसों, मसूर, चना की खेती कर रहे है। सहकारी समिति में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है और उन्होंने 3 बोरी यूरिया, 1 बोरी पोटाश एवं आर्गेनिक फार्मिंग के लिए खाद खरीदा है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित का ध्यान रख रही है और कृषक उन्नति योजना से किसानों को बहुत लाभ मिल रहा है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम मोहड़ के किसान श्री रूपेन्द्र साहू ने बताया कि उनके पास 2 एकड़ भूमि है, जिसमें वह मुख्यत: धान की फसल लेते है। उन्होंने सहकारी समिति से 2 बोरी यूरिया, 1 बोरी राखड़, 1 बोरी पोटाश रासायनिक खाद की खरीदी की है। उन्होंने बताया कि बोआई के लिए पर्याप्त वर्षा हो रही है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बरगाही के किसान श्री अशोक कुमार साहू के पास 1.5 एकड़ कृषि भूमि है। उन्होंने बताया कि वर्षा होते ही वह कृषि कार्य में जुट गए है। खेती के लिए सहकारी समिति से 3 बोरी यूरिया, 1 बोरी पोटाश, 1 बोरी राखड़ खरीदा है।राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बरगाही के किसान श्री भूषण साहू ने बताया कि उन्होंने सहकारी समिति में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि किसान के्रडिट कार्ड योजना के तहत उन्होंने शून्य प्रतिशत दर पर खेती-किसानी के लिए 47 हजार रूपए ऋण लिया है। जिससे उन्हें बहुत मदद मिल रही है। उन्होंने द्वारा सरकार द्वारा किसानों से कृषक उन्नति योजना के तहत 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही है, जो सराहनीय है। सहकारी समिति खाद खरीदने आए ग्राम बरगाही के किसान श्री रूपलाल साहू ने कहा कि आज उन्होंने 2 बोरी यूरिया, 1 सुपर फास्फेट खरीदा है। पर्याप्त मात्रा में खाद मिल रहा है। उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उन्होंने शून्य प्रतिशत दर पर 20 हजार रूपए की राशि ऋण ली है। जिससे खेती-किसानी के कार्यों के लिए राशि की कमी नहीं हो रही है। किसान क्रेडिट कार्ड होने से सेठ-साहूकार से कर्ज नहीं लेना पड़ता। सरकार की इस मदद से बहुत आसानी हुई।
- राजनांदगांव । जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र राजनांदगांव में 9 जुलाई 2025 को सुबह 10.30 बजे से प्लेसमेंंट कैम्प का आयोजन किया गया है। प्लेसमेंट कैम्प में फायर एण्ड सेफ्टी डिजास्टर मैनेजमेंंट इंस्ट्रीट्यूट राम नगर सुपेला भिलाई द्वारा फायरमेन के 20 पद केवल पुरूष, सिक्यूरिटी गार्ड के 150 पद, सिक्यूरिटी सुपरवाईजर के 50 पद केवल पुरूष, ड्राईवर हैवी लाईसेंस के 10 पद केवल पुरूष, होम केयर टेकर सर्विस के 100 पद एवं सनसूर श्रुष्टि इंटरप्राजेस बजरंग चौक तुलसीपुर राजनांदगांव द्वारा ब्रांच मैंनेजर के 33 पद, बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर के 10 पद तथा वृंदा इंजीनियरिंग प्राईवेट लिमिटेड टेड़ेसरा राजनांदगांव द्वारा फिटर के 50 पद, वेल्डर के 40 पद, गैस कटर के 35 पद, ग्राइंडर के 30 पद, हेल्पर के 50 पद, एसएपी ऑपरेटर के 3 पद, एनडीटी लेवल टू के 2 पद, असिस्टेंट इंजीनियर के 4 पद, सेफ्टी ऑफिसर के 2, क्यूए व क्यूसी इंजीनियर के 4 पद पर भर्ती की जाएगी।
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*पानी केवल प्राकृतिक संसाधन नहीं, बल्कि जीवन का आधार : कलेक्टर*
*जल संरक्षण के उपायों पर किया गया विचार-विमर्श*बिलासपुर/भू-जल संवर्धन एवं संरक्षण के लिए जिले में व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला पंचायत के सभागार में आयोजित किया गया। आज कार्यशाला के समापन अवसर में कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल शामिल हुए। कार्यशाला में सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल समेत संभाग के सभी जिलों के सीईओ जिला पंचायत ने भी भाग लिया। कार्यशाला में जल का बचाव कर भविष्य के लिए जल संरक्षण के उपायों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में भू-जल संरक्षण के विषय में रिजनल डायरेक्टर सी जी. डब्ल्यू, वी एनसीसीआर रायपुर से आये डॉ. प्रवीर के. नायक द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में भू-जल संवर्धन के लिए जनभागीदारी पर बल दिया गया। कैसे जन जागरूकता और प्रति व्यक्ति जिम्मेदारी के साथ इस समस्या का समाधान किया जाएगा, इस पर गहन चर्चा की गई।कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि पानी केवल प्राकृतिक संसाधन नहीं बल्कि जीवन का आधार है। जिस तेजी से भू-जल स्तर गिर रहा है। वह न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक खतरा बन चुका है। हमने आने वाले पीढ़ियों का पानी भी उपयोग कर लिया है। उन्होंने कहा कि जल संकट से बचने के लिए यदि अभी से ठोस कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। जिस तेजी से हम भूमिगत जल का दोहन कर रहे है। उसी हिसाब से नीचे पानी नहीं भेज रहे है। पुराने समय में शहर भी नदियों के किनारे बसते थे। हमारे यहां बहुत अच्छी बारिश होती है लेकिन हम इसका संरक्षण नहीं कर पाते है। कलेक्टर ने कहा कि हमें जनभागीदारी से भू-जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रयास करना होगा। राज्य में राजनांदगांव, धमतरी जिले में इस दिशा में सराहनीय कार्य किया गया है।कलेक्टर ने कहा कि बिलासपुर जिले में भी हम जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए लगातार काम कर रहे है। गांव का पानी गांव में रोकने का प्रयास हमें जनभागीदारी से करना होगा। हमने मोर गांव मोर पानी अभियान के तहत कच्चा नाला बंधान, सोख्ता गड्ढा, रिचार्ज पिट, इंजेक्शन वेल, डिफक्ट बोर वेल जैसे नवाचार अपनाया है। एक ही दिन में 40 हजार सोकपिट बनाए गए। गांव-गांव में अभियान को लेकर जन जागरूकता के लिए रैली और संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। अभी तक जन जागरूकता के लिए गांव में 486 रैली निकाली गई है। उन्होंने कहा कि जल ऐसी चीज है जिससे जीवन यापन के लिए हर चीज बनाई जाती है पर जल नहीं बनाया जा सकता। यह प्राकृतिक है और सीमित है।कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने वर्षा जल के संचय, संरक्षण और भू-जल को रिचार्ज करने के उपायों पर तीन दिन तक प्रशिक्षण दिया। विषय विशेषज्ञों ने कार्यशाला में कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्याप्त बारिश होती है इसके संरक्षण एवं संवर्धन से पानी की दिक्कतों को दूर किया जा सकता है। कार्यशाला में जन प्रतिनिधिगण, उद्योगपति, विभागों के कार्यपालन अभियंता और प्रबुद्धजन शामिल हुए। -
*केन्द्र और राज्य से मिल रही सब्सिडी*
*सरकण्डा निवासी शशांक दुबे का बिजली बिल हुआ शून्य*बिलासपुर/प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना एक ऐसी योजना है जिसमें सौर ऊर्जा के माध्यम से घरों तक रोशनी पहुंचाई जा रही है। योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत हितग्राहियों को केन्द्र सरकार की ओर से 78 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार तक की सब्सिडी दी जा रही है साथ ही प्रतिमाह 300 यूनिट फ्री बिजली का भी प्रावधान है। योजना के तहत अरविंद नगर सरकण्डा निवासी श्री शशांक शेखर दुबे ने अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाया है जिससे हो रहे बिजली उत्पादन से अब उन्हें महंगे बिजली के बिल से राहत मिल रही है और उनके घर का बिजली बिल शून्य हो गया है। इस महत्वपूर्ण योजना के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार जताया है।अरविंद नगर सरकण्डा निवासी श्री शशांक शेखर दुबे ने बताया कि जब से उन्होंने अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाया है, उनके घर का बिजली बिल शून्य हो गया है। सोलर पैनल के जरिए छत पर हो रहे बिजली उत्पादन से उनकी प्रतिमाह बिजली पर होने वाले खर्च की बचत हो रही है। श्री दुबे ने बताया कि उनकी छत पर 5 किलोवाट का सोलर पैनल लगा है, जिससे हो रहे बिजली उत्पादन से न केवल प्रतिमाह आने वाले बिजली बिल की अब चिंता नहीं रही, वहीं वे उत्पादक के रूप में भी बिजली की सप्लाई भी कर रहे हैं जो गर्व की बात है। सोलर पैनल लगवाने के बाद उनके घर का बिजली बिल शून्य हो गया है। उन्होंने बताया कि 5 किलोवाट सोलर पैनल लगवाने पर उन्हें लगभग 2 लाख की लागत आई है, जिसमें से केन्द्र सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में 78 हजार रूपए प्राप्त हो गए हैं और राज्य सरकार की ओर से भी जल्द ही 30 हजार रूपए की सब्सिडी मिलने वाली है।उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत केवल 1 बार निवेश करना है जिसके बाद 25 वर्षो तक बिजली की आपूर्ति होती रहेगी। लंबे समय के लिए यह एक बेहद किफायती योजना है जिसके लिए बैंक द्वारा कम ब्याज दर पर ऋण की भी सुविधा दी जाती है। उन्होंने बताया कि एक बार सोलर पैनल लगवाने के बाद इस पर किसी प्रकार का मेंटेनेन्स खर्च नहीं है और पैनल लगाने वाली कंपनी द्वारा 5 साल तक निःशुल्क सविर्सिंग की सुविधा दी जाती है। उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण की दृष्टि ये बेहद उपयोगी है। इस माध्यम से हम सौर ऊर्जा कर उपयोग कर बिजली का उत्पादन कर पा रहे हैं, जो ग्रीन एंनर्जी को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस योजना को अपनाकर सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनें और पर्यावरण संवर्धन में अपना योगदान दें।उल्लेखनीय है कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत शासन द्वारा शहरी एवं ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपने घरों की छतों पर रूफ टॉप सोलर प्लाण्ट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उक्त स्थापित प्लाण्ट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से जुड़ेगा जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आमदनी भी मिल जाती है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से अधिक आय, कम बिजली बिल और नवीन रोजगारों का सृजन होगा तथा नवीनीकृत ऊर्जा स्त्रोत के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। शासन द्वारा इस योजना में 30 हजार रूपये से लेकर 78 हजार रूपये तक अनुदान भी दिया जाता है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता पीएम सूर्यघर डॉट जीओव्ही डॉट इन वेब पोर्टल अथवा पीएम सूर्यघर एप्प में पंजीयन करा सकते हैं। -
बिलासपुर/जिले में किसान अब ऑयल पाम की खेती करेगें। उद्यानिकी विभाग किसानों को नए फसलों के लिए प्रोत्साहित करते हुए पाम की खेती की शुरुआत करने जा रही है। पहले चरण में 300 हेक्टेयर में ऑयल पाम की खेती की योजना बनाई गई है। उसके लिए विभाग किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। धान की तुलना में 3 से 5 गुना तक ज्यादा कमाई और सब्सिडी जैसी सुविधाएं मिलने से किसान तैयार भी होने लगे है। यानी जल्द ही जिले में ऑयल पाम की खेती होती नजर आएगी। जिले में तखतपुर ब्लॉक के ग्राम घोघाड़ीह में मेगा ऑयल पाम प्लानटेंशन ड्राइव के तहत 01 हेक्टे. (143 पौधे) रकबे के खेत में पौधरोपण किया जा चुका है।
योजना के अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर किसानों को भरपूर अनुदान, तकनीकी मार्गदर्शन और विपणन की गारंटी दे रही है। इससे किसानों की आय में स्थायी रुप से बढ़ावा मिलेगा और देश में खाद्य तेलों की आत्मनिर्भरता भी सशक्त बनेगी। भारत को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आयल पॉम पौध रोपण अहम कदम है। भारत में वर्तमान में 60 से 70 प्रतिशत खाद्य तेल का आयात किया जाता है. जिसमें अकेले पाम ऑयल की हिस्सेदारी लगभग 55-60 प्रतिशत है। इस चुनौती को देखते हुए ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देना रणनीतिक एवं आर्थिक दोनों दृष्टियों से अत्यंत आवश्यक हो गया है।ऑयल पाम एक ऐसी फसल है. जिसमें न्यूनतम मजदूर की आवश्यकता होती है। ऑयल पाम पौधे में बीमारी होने की संभावना कम होती है। इसकी विशेषता यह है कि एक बार पौधरोपण करने के बाद चौथे वर्ष से उत्पादन शुरु होकर लगातार 25-30 वर्षों तक उत्पादन लिया जा सकता है। प्रति हेक्टेयर 143 पौधे त्रिकोणीय विधि से लगाए जाते है, जिससे चौथे वर्ष में 4-6 टन और सातवें वर्ष के बाद 20-25 टन उत्पादन होने लगता है। यह फसल प्रति हेक्टेयर पारंपारिक फसलों की तुलना में 4 से 6 गुना अधिक तेल उत्पादन देती है। किसान प्रति हेक्टेयर 3 से 4 लाख तक की सालाना आय प्राप्त कर सकते है। यह धान के बदले अन्य फसलों के विकल्प के रुप में एक अच्छा फसल है। यह फसल ड्रीप के माध्यम से न्यूनतम सिंचाई में भी अच्छा उत्पादन का माध्यम है। पाम ऑयल की खेती न केवल फायदेमंद है, बल्कि देश की खाद्य तेलों पर आयात की निर्भरता को भी कम करेगी।उपसंचालक उद्यान डॉ कमलेश दीवान ने बताया कि किसानों के लिए इसमें आय बढ़ाने का एक और मौका रहता है। पौधे लगाने के बाद पेड़ बनने तक यानी तीन साल किसान पौधों के बीच में ग्राफ्टेड बैंगन, टमाटर, अदरक, हल्दी जैसी फसल लगा सकते है। ऑयल पाम क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की प्रचलित अनुदान प्रावधान न्यूनतम राशि 1.30 लाख के अलावा राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त अनुदान (टॉप-अप) के साथ अधिकतम 2.30 लाख प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है। इसमें प्रति हेक्टेयर उद्यानिकी विभाग की ओर से किसानों को रोपण सामग्री, मेंटनेंस, बोरवेल, पंपसेट, फेरािग, ड्रिप के लिए सब्सिडी दी जावेगी। जिले में प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमि. कंपनी का विभाग के साथ एमओयू हुआ है। इसमें कंपनी मौके से ही किसानों की फसल खरीदेगी। किसानों को कहीं भी जाने की जरुरत नहीं होगी।किसान योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए वरिष्ठ उद्यानिकी विभाग अधिकारी बिल्हा श्री अशोक कुमार परस्ते मो0न0 9617483390, उद्यानिकी विकास अधिकारी तखतपुर श्री जैनेन्द्र कुमार पैकरा मो0न0 6265981957, वरिष्ठ उद्यानिकी विभाग अधिकारी कोटा श्री साधूराम नाग मो0न0 9165490297, प्रभारी उद्यान अधीक्षक मस्तूरी श्रीमती निशा चंदेल मो0न0 7000441324, प्रबंधक प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमिटेड श्री संजीव गाईन मो0न0 9630053999 एवं प्रतिनिधि कंपनी क्षेत्रीय प्रतिनिधि प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमिटेड श्री शिव भास्कर मो0न0 9131004397 से संपर्क कर सकते है। -
- संयुक्त सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाएं रोकने की गई रायशुमारी*
दुर्ग/ जिला कार्यालय के सभा कक्ष में आज संयुक्त सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। सांसद श्री विजय बघेल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में विधायक श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, श्री ललित चन्द्राकर एवं श्री गजेन्द्र यादव तथा कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल भी सम्मिलित हुए। बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के कारणों और उसके रोकथाम के उपायों पर रायशुमारी की गई। बैठक को सम्बोधित करते हुए सांसद श्री विजय बघेल ने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं और असमय मौत को रोकने हेतु कारगर पहल करना समिति का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यातायात के संसाधन बढ़ने के साथ हमें सजगता के साथ ट्रैफिक नियमों का जनता से पालन करवाना जरूरी हो गया है। यातायात नियमों की उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई होना चाहिए, लेकिन यह ध्यान रखा जाए कार्रवाई के नाम पर आम जनता परेशान न हो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग में दुर्घटनाएं रोकने सभी आवश्यक पहल किया जाए। समयबद्ध ढंग से एक-एक करके अनावश्यक डिवाइडर को बंद करायी जाए। सांसद श्री बघेल ने आश्वस्त किया कि सड़क सुरक्षा और दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु जिला एवं पुलिस प्रशासन के कार्यों को यहां के जनप्रतिनिधिगण हर संभव सहयोग करेंगे।बैठक में एजेंडावार क्रमशः नेशनल हाइवे 53 में सर्विस रोड व मुख्य मार्ग के बीच सड़क बेरियर लगाने जाने, अतिक्रमण हटाने, रोड मार्किंग व समुचित प्रकाश व्यवस्था। ज्योति कटिंग/जनता कटिंग को बंद कर रेल नगर चरोदा कटिंग को खोलने, मार्केट एरिया व व्यवसायिक संस्थानों के सामने रोड को व्हाईट पट्टी से मार्किंग। शहर के प्रमुख चौक-चौराहे पर लेफ्ट टर्न बनाने, दुर्घटना में घायलों की प्राथमिक उपचार हेतु एम्बुलेंस की व्यवस्था। स्कूल के सामने संकेत बोर्ड, चेतावनी बोर्ड, साईन बोर्ड, नो पार्किंग एवं अन्य आवश्यक बोर्ड लगाने। राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे संचालित शराब दुकानों को अन्य जगह स्थांनांतरित करने। नो एन्ट्री जोन, गुरूद्वारा तिराहा से दुर्ग शहर की ओर एवं अंजोरा बायपास से पुलगांव दुर्ग शहर की ओर भारी मालवाहकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने। बस स्टैण्ड, सुलभ शौचालय के पीछे एरीकेशन विभाग के रिक्त भूमि पर पार्किंग स्पेस तैयार कराने। राजेन्द्र पार्क चौक, ग्रीन चौक एवं पुलगांव चौक से जेल तिराहा तक मीडियम साइज डिवाइडर बनाने। झरोखा बोगदा पुलिया से डी-मार्ट एवं आरोग्यम हॉस्पिटल से बोगदा पुलिया तक सड़क मार्ग की दोनों ओर सर्विस रोड का निर्माण। उतई पाटन एवं पाटन मोतीपुर अमलेश्वर, पुलगांव अण्डा रोड में रात्रि के समय समुचित प्रकाश की व्यवस्था। रेल चौक (ग्लोब चौक) में सिग्नल की स्थापना, खुर्सीपार रोलिंग मिल गेट से सिरसाकला चौक तक बीएसपी बाउण्ड्रीवॉल के किनारे-किनारे राष्ट्रीय राजमार्ग के पैरलर सड़क निर्माण। दुर्ग भिलाई शहरी क्षेत्र के प्रमुख चौक-चौराहों पर सुगम यातायात संचालन हेतु ट्रैफिक बूथ निर्माण और सड़क सुरक्षा मितान का चिन्हांकन व सहायता राशि के संबंध में चर्चा की गई।बैठक में विधायक श्री गजेन्द्र यादव, श्री ललित चन्द्राकर और श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा ने भी जिले में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु अपने महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किये। अधिकारियों ने सड़क सुरक्षा के संबंध में सौपे गये विभागीय कार्यों के अद्यतन प्रगति के संबंध में समिति को अवगत कराया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात सुश्री ऋचा मिश्रा ने पी.पी.टी. के माध्यम से वर्ष 2023-24 एवं माह जनवरी से जून 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं की माहवार तुलनात्मक जानकारी प्रस्तुत की। इसी प्रकार जनवरी से जून 2025 तक की मार्गवार, समयवार एवं थानेवार जानकारी प्रस्तुत की गई। उन्होंने मोटर व्हीकल एक्ट के प्रमुख धाराओं में चालानी कार्रवाई, ग्रे स्पॉट व ब्लैक स्पॉट, अधोसंरचना सुधार, सड़क बेरियर, राष्ट्रीय राजमार्ग में प्रमुख चौक-चौराहों पर रम्बल्ड स्ट्रिक, ई-रिक्शा एवं ऑटो चालकों के लिए रूट तथा स्टैण्ड व्यवस्था की ओर समिति का ध्यान आकृष्ट किया। बैठक में एडीएम श्री विरेन्द्र सिंह, जिला पंचायत के सीईओ श्री बी.के. दुबे, नगर निगम भिलाई के आयुक्त श्री राजीव पाण्डेय, नगर निगम दुर्ग के आयुक्त श्री सुमीत अग्रवाल, नगर निगम रिसाली की आयुक्त श्रीमती मोनिका वर्मा, एसडीएम श्री महेश राजपूत एवं श्री हितेश पिस्दा सहित पुलिस एवं समस्त विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। -
दुर्ग/ खरीफ 2025 सीजन के लिए जिले में किसानों को बीज की उपलब्धता को लेकर कोई समस्या नहीं है। कृषि विभाग द्वारा विभिन्न फसलों के लिए 28,167 क्विंटल बीज की मांग की गई थी, जिसके मुकाबले आज दिनांक तक धान, अरहर, सोयाबीन, उड़द, मूंग और रागी सहित कुल 29,649.78 क्विंटल बीज उपलब्ध कराया गया है। यह आंकड़ा मांग से 108% अधिक उपलब्धता को दर्शाता है, जिससे किसानों को पर्याप्त बीज उपलब्ध हो पाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उपलब्ध बीज में से 27,178.10 क्विंटल बीज जिले की 87 सेवा सहकारी समितियों द्वारा किसानों को वितरण हेतु उपलब्ध कराया गया है, जो कि उपलब्ध बीज का लगभग 94% है जिसका किसानों द्वारा उठाव किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, विभागीय प्रदर्शनों के लिए कृषि विभाग के पास 183 क्विंटल बीज मौजूद है, जबकि बीज उत्पादन कार्यक्रम और किसानों को नगद बिक्री हेतु प्रक्रिया केंद्र रुआबांधा से 1,952 क्विंटल बीज उपलब्ध कराया गया है। किसानों को उनकी मांग के अनुरूप बीज निगम द्वारा प्रमाणित, आधार और प्रजनक बीज उपलब्ध कराया गया है। इन बीजों का उपयोग सामान्य बोनी के साथ-साथ आगामी वर्ष हेतु बीज उत्पादन कार्यक्रम में भी किया जा रहा है, जिससे भविष्य के लिए भी गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। वर्तमान में, वितरण के उपरांत समितियों में 1,100 क्विंटल और बीज निगम में 530 क्विंटल बीज शेष है। इन बचे हुए बीजों का वितरण/विक्रय कार्य किसानों के बीच निरंतर जारी है। कृषि विभाग के मैदानी अमले भी किसानों को उनकी मांग के अनुरूप समितियों और बीज निगम में उपलब्ध बचे हुए बीज को खरीदने के लिए लगातार मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। जिले के किसान इस पर्याप्त उपलब्धता से बेहद संतुष्ट हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की किसान हितैषी निति के तहत किसानों को सहकारी समिति में जरूरत के अनुसार अच्छी गुणवत्ता का बीज आसानी से मिल गया हैं। बीज प्रबंधक श्री एस. के. बेहरा ने आश्वस्त किया है कि चालू खरीफ सीजन के दौरान जिले में किसी भी फसल के बीज की कोई समस्या या कमी नहीं है। यह सुनिश्चित किया गया है कि किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध हो सके, जिससे खरीफ की बुवाई सुचारु रूप से संपन्न हो सके और अच्छी फसल का लाभ मिल सके। -
*- गड्ढों को मलबे और मुरूम से भरे जा रहे हैं*
*- धान वाहन का परिवहन होगा सुगम*दुर्ग,/ कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देश के परिपालन में जिले के धान संग्रहण केन्द्र सेलूद और अरसनारा अंतर्गत सड़क मरम्मत का कार्य प्रारंभ हो गया है। संग्रहण केन्द्र के सड़कों में गड्ढे मलबे और मुरूम से भरे जा रहे हैं। जिससे अब धान परिवहन व्यवस्था सुगम हो जाएगी। धान से लोडेड ट्रक अब फंसेंगे नहीं, जिससे धान परिवहन में तेजी आएगी। वहीं संग्रहण केन्द्रोें से धान का उठाव भी तेज गति से होगी। ज्ञात हो कि विगत दिवस कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने धान संग्रहण केन्द्रों का निरीक्षण कर सड़कों के गड्ढे मलबों एवं मुरूम से भरने के निर्देश दिये थे। अरसनारा संग्रहण केन्द्र में नगर पालिका अहिवारा एवं जामुल से मलबे लाये जा रहे हैं। वहीं सेलूद संग्रहण केन्द्र में भिलाई-03 चरौदा निगम से मलबे लाये जा रहे हैं। संग्रहण केन्द्र में ट्रकों के आवाजाही हेतु गड्ढों में मलबे एवं मुरूम डालकर मार्ग मरम्मत किया जा रहा है। -
*- नव प्रवेशी बच्चों को तिलक लगाकर और मुंह मीठा कर किया गया स्वागत*
*- बच्चों को पाठ्यपुस्तक एवं गणवेश का किया गया वितरण**- मेघावी विद्यार्थियों को मेडल प्रदान कर किया गया सम्मानित**- मुख्य अतिथि सांसद श्री बघेल ने उल्लास नवभारत साक्षरता अभियान की दिलाई शपथ**- मुख्यमंत्री सरस्वती सायकल योजना के तहत 9वीं कक्षा के नव प्रवेशी छात्राओं को किया गया सायकल वितरण*दुर्ग,/ सांसद श्री विजय बघेल के मुख्य आतिथ्य में तथा विधायक दुर्ग ग्रामीण श्री ललित चंद्राकर, विधायक दुर्ग शहर श्री गजेन्द्र यादव की उपस्थिति में आज जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आयोजन स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम जे.आर.डी.बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला में आयोजन किया गया। जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह भी सम्मिलित हुए। बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि सांसद श्री बघेल और अन्य अतिथियों ने आंगनबाड़ी के नन्हे-मुन्ने बच्चों को तिलक लगाकर, माला पहनाकर एवं मिठाई खिलाकर स्वागत किया। इसके साथ ही पहली, छठवीं एवं नवमी कक्षा के नवप्रवेशी विद्यार्थियों को गणवेश और पाठ्यपुस्तकें भेंट की गईं। अतिथियों का स्वागत बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर किया गया।अतिथियों द्वारा विद्या की देवी सरस्वती की तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि सांसद श्री बघेल एवं अन्य अतिथियों ने नन्हे-मुन्ने आंगनबाड़ी बच्चों का तिलक लगाकर, माला पहनाकर व मिठाई खिलाकर स्वागत किया। इसके साथ ही विभिन्न शासकीय विद्यालयों से आए कक्षा पहली, छठवी और नवमीं के नवप्रवेशी विद्यार्थियों को भी तिलक लगाकर व मिठाई खिलाकर, गणवेश और पाठ्यपुस्तक भेंट कर जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की।शाला प्रवेश उत्सव को सम्बोधित करते हुए सांसद श्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि जे.आर.डी. स्कूल की ऐतिहासिक महत्ता रही है, जहां से पढ़कर कई छात्र आज उच्च पदों पर कार्यरत हैं। उन्होंने सरकारी स्कूलों की बदली छवि की सराहना करते हुए कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद ये स्कूल बेहतर परिणाम दे रहे हैं और प्राइवेट स्कूलों के समकक्ष खड़े हो रहे हैं। सांसद श्री बघेल ने कहा कि स्वर्गीय झाडू राम देवांगन की स्मृति में इस स्कूल का नाम रखा गया है। यह दुर्ग जिले का बहुत पुराना स्कूल है। उन्होंने सभी नवप्रदेश बच्चों को बधाई और शुभकामनाएं दी। सांसद बघेल ने कहा कि कुछ वर्षों पहले तक यह माना जाता था कि शासकीय स्कूलों में न तो पढ़ाई होती है और न ही पर्याप्त व्यवस्था होती है, लेकिन आज स्थिति पूरी तरह बदल गई है। उन्होंने विद्यालय के शिक्षक और प्राचार्य को धन्यवाद दिया कि उन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद इन स्कूलों ने बेहतर परिणाम दिए हैं, जो कि निजी स्कूलों के लिए भी एक प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा एक व्यवसाय बन गया है, जहां अधिक फीस लेकर भी जरूरी नहीं कि गुणवत्ता दी जा रही हो। जबकि शासकीय विद्यालयों में वही पाठ्यक्रम, सीमित संसाधन और कम फीस के बावजूद बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि शासकीय विद्यालयों को और मजबूत करने की दिशा में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय निरंतर प्रयासरत हैं, वहीं प्रधानमंत्री भी शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसे अमूल्य विषयों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सांसद बघेल ने कहा कि पीएमश्री योजना के माध्यम से शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव आया है और इसका लाभ आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा। यह नई पीढ़ी ही कल के भारत की रचना करेगी। उन्होंने कहा कि शासकीय विद्यालयों के बच्चे अब यह साबित कर रहे हैं कि वे किसी से कम नहीं हैं। इस अवसर पर विधायक ग्रामीण श्री ललित चंद्राकर ने भी शाला प्रवेश उत्सव को सम्बोधित किया। विधायक गजेन्द्र यादव ने भी अपने छात्र जीवन की यादें साझा कीं और शिक्षक व विद्यालय प्रशासन को उनकी सकारात्मक पहल के लिए धन्यवाद दिया।कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे न तो कोई चुरा सकता है, न ही खत्म किया जा सकता है। यह ऐसा अमूल्य संसाधन है जो बाँटने से और अधिक बढ़ता है। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि बच्चों की पहली पाठशाला उनका घर होता है, जहाँ उन्हें माता-पिता से शुरुआती ज्ञान प्राप्त होता है। इसके बाद जैसे ही उनकी उम्र बढ़ती है, वे विद्यालय में प्रवेश लेकर औपचारिक शिक्षा प्राप्त करते हैं और गुरूजनों के सान्निध्य में एक अच्छे नागरिक के रूप में तैयार होते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार गरीब-अमीर सभी को समान रूप से मिला है और आज के दौर में शिक्षा के बिना कोई भी राष्ट्र या समाज तरक्की नहीं कर सकता। शिक्षा से ही व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है और अपने परिवार, समाज और देश के लिए योगदान देता है।इस अवसर पर अतिथियों द्वारा मुख्यमंत्री सरस्वती सायकल योजना के तहत दूरस्थ अंचल में निवास करने वाले 11 छात्राओं को सायकल भी वितरित की गई। इसके अलावा कक्षा दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा उत्कृष्ट अंकों के साथ उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्राओं को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत 6 दिव्यांग बच्चों को व्हीलचेयर प्रदान की गई। वहीं दिव्यांग छात्रा मानसी को राइटर की सहायता से बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही मुख्य अतिथि सांसद श्री बघेल ने उल्लास नवभारत साक्षरता अभियान की तहत शपथ दिलाई। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री बजरंग दुबे, जिला शिक्षा अधिकारी श्री अरविन्द मिश्रा तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, विभिन्न स्कूलों के शिक्षक, विद्यार्थी एवं अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
बिलासपुर /जिले में किसान अब ऑयल पाम की खेती करेगें। उद्यानिकी विभाग किसानों को नए फसलों के लिए प्रोत्साहित करते हुए पाम की खेती की शुरुआत करने जा रही है। पहले चरण में 300 हेक्टेयर में ऑयल पाम की खेती की योजना बनाई गई है। उसके लिए विभाग किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। धान की तुलना में 3 से 5 गुना तक ज्यादा कमाई और सब्सिडी जैसी सुविधाएं मिलने से किसान तैयार भी होने लगे है। यानी जल्द ही जिले में ऑयल पाम की खेती होती नजर आएगी। जिले में तखतपुर ब्लॉक के ग्राम घोघाड़ीह में मेगा ऑयल पाम प्लानटेंशन ड्राइव के तहत 01 हेक्टे. (143 पौधे) रकबे के खेत में पौधरोपण किया जा चुका है।
योजना के अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर किसानों को भरपूर अनुदान, तकनीकी मार्गदर्शन और विपणन की गारंटी दे रही है। इससे किसानों की आय में स्थायी रुप से बढ़ावा मिलेगा और देश में खाद्य तेलों की आत्मनिर्भरता भी सशक्त बनेगी। भारत को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आयल पॉम पौध रोपण अहम कदम है। भारत में वर्तमान में 60 से 70 प्रतिशत खाद्य तेल का आयात किया जाता है. जिसमें अकेले पाम ऑयल की हिस्सेदारी लगभग 55-60 प्रतिशत है। इस चुनौती को देखते हुए ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देना रणनीतिक एवं आर्थिक दोनों दृष्टियों से अत्यंत आवश्यक हो गया है।
ऑयल पाम एक ऐसी फसल है. जिसमें न्यूनतम मजदूर की आवश्यकता होती है। ऑयल पाम पौधे में बीमारी होने की संभावना कम होती है। इसकी विशेषता यह है कि एक बार पौधरोपण करने के बाद चौथे वर्ष से उत्पादन शुरु होकर लगातार 25-30 वर्षों तक उत्पादन लिया जा सकता है। प्रति हेक्टेयर 143 पौधे त्रिकोणीय विधि से लगाए जाते है, जिससे चौथे वर्ष में 4-6 टन और सातवें वर्ष के बाद 20-25 टन उत्पादन होने लगता है। यह फसल प्रति हेक्टेयर पारंपारिक फसलों की तुलना में 4 से 6 गुना अधिक तेल उत्पादन देती है। किसान प्रति हेक्टेयर 3 से 4 लाख तक की सालाना आय प्राप्त कर सकते है। यह धान के बदले अन्य फसलों के विकल्प के रुप में एक अच्छा फसल है। यह फसल ड्रीप के माध्यम से न्यूनतम सिंचाई में भी अच्छा उत्पादन का माध्यम है। पाम ऑयल की खेती न केवल फायदेमंद है, बल्कि देश की खाद्य तेलों पर आयात की निर्भरता को भी कम करेगी।
उपसंचालक उद्यान डॉ कमलेश दीवान ने बताया कि किसानों के लिए इसमें आय बढ़ाने का एक और मौका रहता है। पौधे लगाने के बाद पेड़ बनने तक यानी तीन साल किसान पौधों के बीच में ग्राफ्टेड बैंगन, टमाटर, अदरक, हल्दी जैसी फसल लगा सकते है। ऑयल पाम क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की प्रचलित अनुदान प्रावधान न्यूनतम राशि 1.30 लाख के अलावा राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त अनुदान (टॉप-अप) के साथ अधिकतम 2.30 लाख प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है। इसमें प्रति हेक्टेयर उद्यानिकी विभाग की ओर से किसानों को रोपण सामग्री, मेंटनेंस, बोरवेल, पंपसेट, फेरािग, ड्रिप के लिए सब्सिडी दी जावेगी। जिले में प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमि. कंपनी का विभाग के साथ एमओयू हुआ है। इसमें कंपनी मौके से ही किसानों की फसल खरीदेगी। किसानों को कहीं भी जाने की जरुरत नहीं होगी।
किसान योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए उद्यानिकी विभाग में कार्यरत अधिकारियों एवं प्रतिनिधि कंपनी से संपर्क कर सकते है। इनमें वरिष्ठ उद्यानिकी विभाग अधिकारी बिल्हा श्री अशोक कुमार परस्ते मो0न0 9617483390, उद्यानिकी विकास अधिकारी तखतपुर श्री जैनेन्द्र कुमार पैकरा मो0न0 6265981957, वरिष्ठ उद्यानिकी विभाग अधिकारी कोटा श्री साधूराम नाग मो0न0 9165490297, प्रभारी उद्यान अधीक्षक मस्तूरी श्रीमती निशा चंदेल मो0न0 7000441324, प्रबंधक प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमिटेड श्री संजीव गाईन मो0न0 9630053999, क्षेत्रीय प्रतिनिधि प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमिटेड श्री शिव भास्कर मो0न0 9131004397 है। - रायपुर। , मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली "वॉटर वुमन" के नाम से विख्यात शिप्रा पाठक ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने शिप्रा पाठक के पर्यावरण संरक्षण और विशेष रूप से सिंदूर पौधरोपण को जन-जन तक पहुंचाने में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने शिप्रा पाठक को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि शिप्रा पाठक ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए किए गए कार्यों के लिए व्यापक स्तर पर पहचान प्राप्त की है। उनके नेतृत्व में पौधरोपण अभियान ने न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया है, बल्कि आम लोगों को पेड़ लगाने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित भी किया है।इस अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रोफेसर हरिशंकर सिंह भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिप्रा पाठक के पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए कार्य समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है और ऐसे प्रयासों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
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-राजस्व न्यायालयों की मजबूती और गुणवत्ता पर दिया जोर
-पक्षकारों को दो बार से ज्यादा पेशी में न बुलाएं
बिलासपुर /कमिश्नर श्री सुनील जैन ने शुक्रवार को वीसी के जरिए कलेक्टर्स कॉन्फरेंस लेकर राजस्व मामले एवं शासकीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने राजस्व न्यायालयों की मजबूती और सुव्यवस्थित करने पर जोर दिया। श्री जैन ने कहा कि किसी भी सूरत में पक्षकारों को दो बार से ज्यादा पेशी में बुलाया नहीं जाना चाहिए। जिस दिन प्रकरण सुनवाई के लिए नियत किया गया है, उस दिन पीठासीन अधिकारी जरूर बैठें। प्रोटोकॉल अथवा अन्य कोई जरूरी काम आकस्मिक रूप से आ जाये तो कोई अन्य अधिकारी इस काम को देखे। काम-काज में ऐसे सुधार करें कि लोगों का राजस्व कोर्ट के प्रति विश्वास सुदृढ़ हो। बैठक में संभाग के सभी आठों जिले के कलेक्टर शामिल हुए। लगभग दो घण्टे तक कमिश्नर ने एजेण्डा के अनुरूप राज्य सरकार की फ्लेगशीप योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की।
संभागायुक्त श्री जैन ने कहा कि राजस्व न्यायालय से जुड़े सभी प्रकरणों में सुनवाई ऑनलाईन होनी चाहिए। एक भी प्रकरण की सुनवाई ऑफलाईन तरीके से न हो। उपर के कोर्ट द्वारा कोई प्रकरण मंगाया जाता है, तो तुरंत उपलब्ध कराया जाये। राजस्व नियमों में समय-समय पर संशोधन होते रहते हैं, इन परिवर्तनों से अपडेट रहें और आदेश में इनका उल्लेख होना चाहिए। नये राजस्व अधिकारियों को आर्डर लिखने सहित राजस्व न्यायालय के काम-काज का प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने राजस्व निरीक्षकों को भी प्रकरण के निपटारे में उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने नक्शा बटांकन का विशेष जिक्र किया। इसकी धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए अभियान छेड़कर इस काम को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व विवाद और झगड़े का बड़ा कारण बटांकन का नही होना है। इस काम की महत्ता को राजस्व अधिकारी समझें। इसमें शिथिलता अथवा लापरवाई कदापि स्वीकार नहीं की जायेगी।
कमिश्नर ने कहा की भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा वितरण में तेजी लाया जाए। अभी तक संभाग में लगभग 30 प्रतिशत मुआवजा वितरण बचा हुआ है। उन्होंने कहा की मुआवजा वितरण के पहले अधिग्रहित जमीन का रिकार्ड दुरुस्त कर लिया जाए। शासन के नाम पर जमीन दर्ज कर लिया जाए ताकि बाद में विवाद की स्थिति ना बने। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग और भारत माला परियोजना की भी समीक्षा की। श्री जैन ने कहा की गलत बतांकन के आधार पर मुआवजा नहीं दिया जाएगा। स्वामित्व योजना की समीक्षा करते हुए इस पर तेज गति से काम करने के निर्देश दिए। बिलासपुर और रायगढ़ में योजना के तहत प्रगति संतोषजनक नहीं है। सीएम जनदर्शन के तहत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा की कलेक्टर स्वयं देखें कि निराकरण गुणवत्तापूर्ण हो । लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आवेदनों के अनावश्यक निरस्त ना करने के निर्देश दिए। मनरेगा की समीक्षा के दौरान कहा फिलहाल आवास निर्माण और पौधों पर फोकस करना है। इसके अलावा उन्होंने जल संरक्षण संबंधी कार्यों को इस योजना में प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री आवास योजना में अब तक अप्रारंभ कार्यों को शुरू करने के निर्देश दिए। पूरे संभाग में फिलहाल 58 हजार आवास निर्माण शुरू नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि हर आदमी का आयुष्मान कार्ड बने। बाहर गए लोग अभी वापस आ रहे हैं, उनसे संपर्क कर उनका कार्ड बनाया जाए। बुजुर्ग लोगों के लिए शुरू की गई वयवंदन आयुष्मान कार्ड योजना में एक भी बुजुर्ग छूटना नहीं चाहिए। उन्होंने दसवीं और बारहवीं बोर्ड की रिजल्ट बढ़ाने के लिए निर्देश दिए। श्री जैन ने कहा की कार्रवाई के बजाय शिक्षकों को मोटिवेशन दिया जाए कि वह इस काम को कैसे अच्छे तरीके से कर सकते हैं। -
- कलेक्टर ने की सभी से सहभागिता की अपील
बिलासपुर /कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल द्वारा बिलासपुर जिले में पर्यावरण संरक्षण और जल संवर्धन के लिए 05 जुलाई से महाअभियान का शुरूआत की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य जिले को हरा भरा पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और जल को संरक्षित करने की दिशा में अग्रसर करना है। शासन के सभी विभाग के समन्वय, स्थानीय समुदाय के सहयोग एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को महाअभियान में जोड़कर इस कार्य को विशेष रूप से किया जा रहा है। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।
वन उद्यान, पंचायती राज एवं शिक्षा विभाग के आपसी समन्वय से ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र के खाली शासकीय भूमियों पर नर्सरी निर्माण, स्कूलों में वृक्षारोपण, सड़क के किनारे वृक्षारोपण किया जाना है। साथ ही साथ गोठानो में सीएलएफ के माध्यम से फलदार एवं छायादार वृक्षो का रोपण किया जावेगा। वृक्षारोपण के लिए निर्धारित स्थानों पर गड्ढे की खुदाई कर ली गई है। जहां लोगों की भागीदारी से वृहद वृक्षारोपण का कार्य किया जाएगा।
अरपा नदी के किनारे वृक्षारोपण का विस्तार किया जावेगा। जून माह में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक पेड़ मॉ के नाम अभियान को बिलासपुर में उत्साहपूर्वक लागू किया गया। स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों और ग्राम पंचायतों में सामूहिक वृक्षारोपण आयोजित किए गए।
वृक्षारोपण महाअभियान के तहत् जिले के विकासखण्ड बिल्हा में 84 हजार, कोटा 54 हजार, मस्तूरी 60 हजार, तखतपुर 70 हजार एवं सभी उद्योगों से 1 लाख 50 हजार पौधा रोपण किया जाना है। विभिन्न समुदाय/संगठन एवं नागरिको के सहयोग से शासकीय भूमि पर 1 लाख 50 हजार पौधो का रोपण किया जाना है। प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण के तहत् निर्माणाधीन तथा निर्मित आवासों में वृक्षारोपण का कार्य स्वयं हितग्राहियों द्वारा किया जा रहा है, जिसके तहत् जनपद मस्तूरी में 1956 बिल्हा में 2051 कोटा 1986 एवं तखतपुर 1771 पौधे अभी तक रोपित किए जा चुके है। -
रायपुर । खौली के ग्रामीणों द्वारा जगह उपलब्ध न कराने की वजह से फिलहाल यहां शराब दूकान खोलने की प्रशासन की मंशा सफल नहीं हो पाया है पर सशंकित ग्रामीण शराब दूकान खोलने प्रशासन के किसी संभावित कदम के इन्तजार में बतौर ऐहतियात लगातार 10 वें दिन भी अपना धरना जारी रखा । आज शुक्रवार को भी हो रहे बरसात के बीच ग्राम के महिलाओं ने मोर्चा सम्हाले रखा ।
ज्ञातव्य हो कि खौली में प्रस्तावित शराब दूकान के लिये जगह उपलब्ध कराने किसी भी ग्रामीण द्वारा निविदा भरने की अंतिम तिथि 2 जुलाई को भी निविदा नहीं डालने से फिलहाल यहां दूकान खोलने के प्रशासन के इरादे पर पानी फिर गया है लेकिन ग्रामीणों को आशंका है कि प्रशासन यहां शराब दूकान खोलने और कोई कदम उठा सकता है । वैसे क्षेत्रीय विधायक गुरु खुशवंत सिंह ने ग्रामीणों को यहां किसी भी स्थिति में शराब दूकान न खुलने देने का वादा किया है फिर भी सशंकित ग्रामीण बतौर ऐहतियात धरना जारी रखने के पक्ष में हो धरना जारी रखे हुये हैं जो शुक्रवार को भी जारी रहा । आसन्न 7 जुलाई को होने वाले ग्रामीण सभा की बैठक में विचार-विमर्श विमर्श के बाद परिस्थितियों के मद्देनजर सामयिक निर्णय लेने की जानकारी मिली है । इधर क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य वतन चंद्राकर के साथ पंचायत प्रतिनिधियों ने आरंग के अनुविभागीय अधिकारी पुष्पेन्द्र शर्मा को ज्ञापन सौंप प्रस्तावित शराब दूकान के लिये ग्रामीणों द्वारा जगह न उपलब्ध कराने की जानकारी देते हुये शराब दूकान खोलने संबंधी आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया है । ज्ञातव्य हो कि क्षेत्रीय विधायक श्री गुरु ने बीते दिनों मिलने आये प्रतिनिधि मंडल में शामिल पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायत द्वारा शराब दूकान खोलने पारित कथित प्रस्ताव को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित कर अनुविभागीय अधिकारी को देने को कहा था । -
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा मार्गदर्शिका जारी
रायपुर। वर्षा ऋतु में बिजली के खंभों, एचटी-एलटी लाइनों, तारों, घरों आदि स्थानों पर विद्युत करंट से होने वाली दुर्घटनाओं में जानमाल का नुकसान होता है। इसके अनेक कारण होते हैं लेकिन यदि पर्याप्त सावधानी बरती जाए तो इन दुर्घटनाओं को तथा इससे होने वाली क्षति को रोका जा सकता है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस संबंध में आम जनता को जागरूक करते हुए एक मार्गदर्शिका जारी की है।छत्तीसगढ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के कार्यपालक निदेशक संचालन एवं संधारण श्री जेएस नेताम ने जनता को सचेत करते हुए कहा है कि जरा सी असावधानी की वजह से करंट बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है, इसलिए विद्युत लाइनों, ट्रांसफार्मर एवं उपकरणों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ न करें तथा सुरक्षित दूरी बनायें रखें। यदि आंधी-तूफान में खंबे, तार आदि टूटे हों, तो इसकी सूचना तत्काल कंपनी के टोल फ्री नं. 1912 पर, मोर बिजली एप एवं समीप के वितरण केन्द्र या जोन कार्यालय में दें।उन्होंने कहा कि बारिश में बिजली के खंभों, तारों, और ट्रांसफार्मर से दूर रहें और किसी भी क्षतिग्रस्त लाइन या उपकरण को न छुएं। यदि आपको करंट लगने की आशंका है, तो तुरंत बिजली विभाग को सूचित करें। जहां बिजली के तार या उपकरण हो वहां बारिश के पानी में करंट फैल सकता है, इसलिए पानी में न चलें या न तैरें। बिजली के उपकरणों का उपयोग करते समय, सुनिश्चित करें कि आपके पैर सूखे हों और आप रबर या प्लास्टिक के जूते पहने हों। इस तरह की सावधानियां को ध्यान में रखते हुए बरसात के मौसम में बिजली से सतर्कता बरतनी चाहिए। बरसात के मौसम की शुरुआत के साथ ही बिजली विभाग सतर्क हो गया है। विभाग द्वारा बारिश से पूर्व सभी फीडरों, ट्रांसफार्मरों और तारों की जांच की जा चुकी है। लेकिन नागरिकों की सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है।विद्युत दुर्घटनाओं से बचने के लिए घरों/खेतों आदि में बिजली के गुणवत्तापूर्ण उपकरणों का उपयोग करें। बाड़ी/खेतों की बाढ़ कंटीले तार आदि में विद्युत प्रवाहित न करें। यह अनाधिकृत है, इससे किसी की जान भी जा सकती है एवं विभाग द्वारा खेत या बाड़ी के मालिक पर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।विद्युत लाइनों, उपकरणों, ट्रांसफार्मर आदि में खराबी आने पर अनाधिकृत रूप से उनको सुधारने का प्रयास न करें। ऐसी स्थिति में विभाग के संबंधित कर्मचारी/अधिकारी को सूचित करें। बिजली की लाइनों के नीचे और उनके समीप बिलकुल स्थायी अथवा अस्थायी निर्माण ना करें। विद्युत लाइनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें। यदि बिजली का तार टूटकर जमीन पर गिरा पाया जाता है, तो उससे दूर रहे तथा अन्य व्यक्तियों को भी दूर रहने की सलाह दें। इसकी जानकारी तत्काल संबंधित लाईनमेन/कनिष्ठ अभियंता को देकर विद्युत प्रवाह बंद कराएं। नदी, नालों, तालाबों आदि में बिजली का तार टूटकर गिरा पाये जाने पर उनके अंदर न जाये, तथा पर्याप्त दूरी बनाये रखें। इसकी सूचना संबंधित लाईन कर्मचारी/कनिष्ठ अभियंता को तत्काल देकर विद्युत प्रवाह बंद करावें।विद्युत लाइनों से सीधे हुकिंग कर बिजली का अनाधिकृत उपयोग न करें, यह खतरनाक हो सकता है। कपड़े सुखाने के लिए बिजली के खंभे और स्टे तार आदि का उपयोग ना करें। कपड़े सुखाने वाले तार की विद्युत उपकरणों/लाइनों से पर्याप्त दूरी रखें। विद्युत लाइनों से छेड़छाड़ न करें एवं कटी-फटी सर्विस लाइनों का उपयोग न करें। अस्थायी कनेक्शन हेतु कटे-फटे वायर का उपयोग न करें। पर्याप्त लंबाई की बल्लियों का उपयोग करें, ताकि लाइन की जमीन से पर्याप्त ऊंचाई रहे। बच्चों को विद्युत उपकरणों/लाईनों के आसपास न खेलने दें।यदि प्रारंभिक तौर पर खतरा दिखाई पड़े तो पॉवर स्विच से विद्युत प्रवाह तुरंत बंद कर दें। यदि स्विच बंद न कर सकें तो दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी रस्सी, सूखा कपड़ा या सूखी लकड़ी की सहायता से तारों से अलग करें। ऐसा न करने से सहायता करने वाले को भी बिजली का झटका लग सकता है। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी जमीन या सूखे फर्श पर लिटायें एवं कृत्रिम सांस देकर उसका प्रथम उपचार करें एवं अस्पताल पहुंचाने की शीघ्र व्यवस्था करें। -
*बालाजी मंदिर के पास सामुदायिक भवन भव्य बनाने पश्चिम विधायक ने विधायक निधि से 25 लाख का स्वेच्छानुदान देने घोषणा की*
रायपुर/ रायपुर पश्चिम विधायक एवं प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री श्री राजेश मूणत और नगर पालिक निगम रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने नगर निगम सभापति श्री सूर्यकांत राठौड़ लोककर्म विभाग अध्यक्ष श्री दीपक जायसवाल, एमआईसी सदस्य श्री नंदकिशोर साहू, जोन 1 अध्यक्ष श्री गज्जू साहू, बाल गंगाधर तिलक वार्ड कमांक 18 के पार्षद श्री सोहन लाल साहू, पार्षद डॉ. मनमोहन मनहरे, श्रीमती अंबिका साहू, श्री राजेश कुमार देवांगन, श्रीमती परमिला बल्लाराम साहू, पूर्व पार्षद श्रीमती कामिनी पुरूषोत्तम देवांगन, जोन 1 जोन कमिश्नर डॉ. दिव्या चंद्रवंशी, कार्यपालन अभियंता श्री डी.के. पैकरा, श्री गजाराम कंवर सहित वार्ड निवासी गणमान्यजनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, महिलाओं, नवयुवको, आमजनो की बडी संख्या में उपस्थिति के मध्य श्रीफल फोडकर और कुदाल चलाकर नगर निगम जोन 1 क्षेत्र में रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 25 लाख रू. की लागत से बालगंगा.तिलक वार्ड कमांक 18 के क्षेत्र में श्री बालाजी कल्याण मंदिर परिसर के पास नया सामुदायिक भवन निर्माण करने और इसी वार्ड के तहत एकता नगर गुढियारी में दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर के पास नया सामुदायिक भवन और उद्यान विकास कार्य शीघ्र करने भूमिपूजन किया।रायपुर पश्चिम विधायक एवं प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री श्री राजेश मूणत ने इस अवसर पर श्री बालाजी कल्याण मंदिर परिसर के पास सामुदायिक भवन भव्य व सुन्दर बनाने विधायक निधि से 25 लाख रू. का स्वेच्छानुदान देने की घोषणा की। वार्ड पार्षद श्री सोहन लाल साहू ने वार्ड में 2 सामुदायिक भवनो और उद्यान निर्माण व विकास कार्य प्रारंभ करवाने पर सभी वार्डवासियों की ओर से रायपुर पश्चिम विधायक एवं प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री श्री राजेश मूणत महापौर श्रीमती मीनल चौबे को हार्दिक धन्यवाद दिया। पश्चिम विधायक और महापौर ने जोन अधिकारियों को तत्काल स्वीकृति अनुसार नये विकास कार्य स्थल पर प्रारंभकरवाकर उनकी सतत मॉनिटरिंग करते हुए गुणवत्ता युक्त तरीके से तय समय सीमा में जनहित में प्राथमिकता से पूर्ण करवाने के निर्देश दिये है। -
*-“मोर गांव मोर पानी“ अभियान की सराहना*
*-डॉक्टरों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करने दिए निर्देश**-जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक सम्पन्न*दुर्ग/ सांसद श्री विजय बघेल की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक कल जिला पंचायत के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई, जिसमें जिले में संचालित राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए सांसद श्री बघेल ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विकास कार्य समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण तरीके से संपन्न हों। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और कोई भी पात्र नागरिक इससे वंचित न रहे।सांसद श्री बघेल ने कहा कि विकास की राह पर आगे बढ़ने के लिए ईमानदारी, सक्रियता और जवाबदेही अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे नियमित रूप से स्थल निरीक्षण करें ताकि कार्यों की प्रगति की वास्तविक स्थिति का आंकलन किया जा सके। दिशा समिति की बैठकों का मुख्य उद्देश्य यही है कि कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी पर समय रहते कार्यवाही हो और लंबित कार्य शीघ्र पूर्ण हों। उन्होंने यह भी कहा कि जिले ने कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जो हमारी ईमानदारी और सक्रियता का परिणाम है।पर्यावरण संरक्षण और जल प्रबंधन पर विशेष बल देते हुए श्री बघेल ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वृक्षारोपण तथा सोखपीट निर्माण को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया जैसे एक वृक्ष मां के नाम पर लगाया जाता है, वैसे ही एक सोखता अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बनाएं, ताकि उन्हें कभी पानी की कमी न झेलनी पड़े।जिला पंचायत सीईओ श्री बजरंग दुबे ने मनरेगा, दीनदयाल अंत्योदय योजना, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, सांसद आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण), स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की जानकारी दी। सीईओ श्री दुबे ने बताया कि "मोर गांव मोर पानी" अभियान के अंतर्गत मिशन जल रक्षा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस अभियान के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों द्वारा स्वप्रेरणा से 1716 सोकपीट का निर्माण किया गया है, जो ग्रामीणों की जल संरक्षण के प्रति जागरूकता को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त जल बहाव क्षेत्र (ब्ंजबीउमदज ।तमं) में कुल 300 सोकपीट निर्माण की योजना है, जिनमें से 75 सोकपीट का निर्माण पूर्ण हो चुका है। सांसद श्री बघेल ने इस अभिनव प्रयास और स्वप्रेरणा से किए गए कार्यों के लिए जिला प्रशासन को बधाई दी।महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने आंगनबाड़ी भवनों की स्थिति की जानकारी ली। अधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 1551 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 1192 केंद्र अपने स्वयं के भवनों में हैं। हालांकि इनमें से 25 भवन जर्जर हालत में हैं। इस पर श्री बघेल ने निर्देश दिया कि नए भवनों की स्वीकृति मिलते ही पुराने, जर्जर भवनों को तत्काल ध्वस्त कर नए भवनों का निर्माण प्रारंभ किया जाए ताकि बच्चों और कार्यकर्ताओं को सुरक्षित और उपयुक्त वातावरण मिल सके।स्वास्थ्य विभाग के संबंध में भी बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। श्री बघेल ने स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए कहा कि डॉक्टरों की उपस्थिति हर अस्पताल में अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। डॉक्टरों के अभाव में मरीजों को ईधर-उधर भटकना न पड़े, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। इसके साथ ही उन्होंने सिकलसेल रोग के प्रति जनजागरूकता फैलाने हेतु विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विकासखंड स्तर पर आयोजित बैठकों में इस विषय को एजेण्डे में शामिल किया जाए ताकि इस बीमारी के प्रति आम जनता में समझ और सतर्कता बढ़े। स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि वर्तमान में जिले में 6 डायलिसिस मशीनें उपलब्ध हैं, जो गंभीर मरीजों के लिए राहतदायक हैं।कृषि क्षेत्र की चर्चा के दौरान श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा बताते हुए कहा कि धान की फसल के लिए अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है, जिसके कारण किसान जल स्रोतों पर निर्भर हो जाते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि किसानों को सूर्यमुखी जैसी वैकल्पिक फसलों की ओर प्रेरित किया जाए, क्योंकि यह फसल कम पानी में भी बेहतर उत्पादन देती है और आर्थिक रूप से भी अधिक लाभदायक सिद्ध हो सकती है।सांसद श्री बघेल ने अटल मिशन जीर्णोद्धार, प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वच्छ भारत मिशन की नगरीय निकायवार समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी नगरीय निकायों को निर्माणाधीन कार्यों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस संबंध में नगरपालिक निगम भिलाई-चरोदा की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों को वर्षा जल संग्रहण (वाटर हार्वेस्टिंग) को अपनाने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सांसद श्री बघेल ने कहा कि जैसे शहरी क्षेत्रों में घर-घर कचरा एकत्रित किया जा रहा है, उसी प्रकार सभी ग्रामों में भी नियमित रूप से कचरा संग्रहण किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्यरत स्वच्छग्राही दीदियों को ग्रामवासियों से कोई भुगतान नहीं मिलता, जिसके कारण वे कचरा एकत्र नहीं कर पातीं। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक ग्रामीण घर से प्रतिमाह 20 रुपए लिए जाएं, जिससे स्वच्छता दीदियों को प्रोत्साहन मिल सके और नियमित रूप से घर-घर कचरा संग्रहण सुनिश्चित किया जा सके। बैठक के समापन पर सांसद श्री बघेल ने कहा कि जिले को विकास के हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए सभी विभागों को समन्वय के साथ कार्य करना होगा। जनसेवा ही हमारा कर्तव्य है, और जब तक योजनाओं का लाभ ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुंचता, तब तक हमारा प्रयास अधूरा है।बैठक में कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह, विधायक श्री ललित चंद्राकर, विधायक अहिवारा श्री डोमनलाल कार्सेवाड़ा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सरस्वती बंजारे, जनपद पंचायत दुर्ग अध्यक्ष श्रीमती कुलेश्वर देवांगन, जनपद धमधा अध्यक्ष श्री लिनेन साहू, जनपद पाटन अध्यक्ष श्री कीर्ति नायक, नगर निगम दुर्ग आयुक्त श्री सुमित अग्रवाल, नगर निगम भिलाई आयुक्त श्री राजीव पाण्डेय, नगर निगम रिसाली आयुक्त श्रीमती मोनिका वर्मा सहित सभी विभाग के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। - 0- व्यक्तिगत कार्यों हेतु आने वाले नागरिकों को अधिकारी घुमाना फिराना बन्द करें और वार्डों को अतिक्रमण से मुक्त करके व्यवस्थित करेंरायपुर - गुरुवार को रायपुर दक्षिण विधायक श्री सुनील सोनी नगर निगम रायपुर के जोन 6 के भाठागांव बस स्टैण्ड परिसर स्थित जोन कार्यालय पहुंचे एवं रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के तहत जोन 6 के वार्डो के कार्यो की प्रगति की जानकारी लेकर समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिये। दक्षिण विधायक ने पूर्व में रायपुर नगर निगम आयुक्त की उपस्थिति में दक्षिण विधानसभा के कार्यो की समीक्षा कर दिये गये निर्देशों के पालन की स्थिति की जानकारी जोन कमिश्नर से ली एवं कुछ कार्यों के लंबित होने की जानकारी पर गहन नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल कार्यवाही करने के आवश्यक निर्देश दिये। इसमें विद्युत पावर कंपनी से संबंधित कार्यो के लंबित होने पर दक्षिण विधायक ने तत्काल संबंधित विद्युत पावर कंपनी अभियंताओं को मोबाईल पर चर्चा कर कार्यवाही हेतु आवश्यक निर्देश जनहित में दिये।दक्षिण विधायक श्री सुनील सोनी ने कहा कि वे नियमित रूप से हर माह नगर निगम जोन 6 कार्यालय आकर रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के कार्यो की प्रगति की जानकारी लेकर पार्षदो के साथ बैठकर वार्डवार आवश्यक समीक्षा जोन आफिस में बैठकर करेंगे एवं जनहित में स्वयं समीक्षा कर विकास कार्यो को गतिमान रूप प्रदान करवायेंगे। विकास कार्यो के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही व हीला हवाला कदापि सहन नहीं किया जायेगा।दक्षिण विधायक श्री सुनील सोनी ने जोन अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे व्यक्तिगत कार्यों आय प्रमाणपत्र, जाति प्रमाण पत्र, अन्य कार्यों हेतु जोन में आने वाले नागरिकों को घुमाना फिराना बन्द करें और उनके कार्यों को तत्काल प्राथमिकता से करें, वहीं वार्ड पार्षदो से समन्वय बनाकर आम जनता के सफाई पानी स्ट्रीट लाईट से संबंधित सभी कार्यो को जोन के अंतर्गत सभी वार्डो में जाकरतत्काल प्राथमिकता से करवाये। यह व्यवस्था करें कि वार्ड पार्षदो को वार्डो के नागरिकों को अपने व्यक्तिगत छोटे छोटे कार्यो हेतु नगर निगम एवं जोन कार्यालय के चक्कर ना लगाना पडे, उनके काम प्राथमिकता से हों, वहीं सभी वार्डों को अतिक्रमण से मुक्त करवाकर अच्छी व्यवस्था कायम करें ।दक्षिण विधायक ने निर्देशित किया कि दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के तहत नगर निगम जोन 6 के वार्डो में जनहित में किये जाने वाले बडे विकास कार्यो के उनके निर्देश अनुसार प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति हेतु शीघ्र राज्य शासन को भेजा जाये, दक्षिण विधायक द्वारा की गयी समीक्षा बैठक में निगम जोन 6 अध्यक्ष श्री बद्री प्रसाद गुप्ता, पार्षद श्रीमती स्वप्निल मिश्रा, श्रीमती अंजलि गोलछा जैन, रमेश सपहा, रवि सोनकर, प्रमोद कुमार साहू, जोन 6 जोन कमिश्नर श्री हितेन्द्र यादव सहित अन्य सम्बंधित जोन अधिकारियों की उपस्थिति रही।