भारतीय हेलीकॉप्टरों के लिये एचएएल, जर्मन कंपनी मिलकर बनाएंगे बाधा निवारण प्रणाली
बेंगलुरु। रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली जर्मन कंपनी हेन्सोल्ड्ट भारतीय हेलीकॉप्टरों के लिए बाधा निवारण प्रणाली (ओएएस) के निर्माण के वास्ते सरकार द्वारा संचालित एयरोस्पेस क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ महत्वपूर्ण तकनीकों की पूरी श्रृंखला साझा करने के लिए तैयार है। विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक, ओएएस एक महत्वपर्ण उपकरण है जो पायलटों की स्थितिजन्य जागरूकता में सुधार करने में मदद करता है और इस तरह दुर्घटनाओं की संभावना को कम करता है तथा मिशन के लक्ष्यों को हासिल करने की क्षमता बढ़ाता है। अधिकारियों ने कहा कि एचएएल उन्नत हल्के हेलीकाप्टरों (एएलएच) के लिए ओएएस के उत्पादन पर विचार कर रहा है। स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित एएलएच 5.5 टन वजन वर्ग में दो इंजन, बहुउद्देशीय व बहुमिशन में सक्षम नई पीढ़ी का हेलीकॉप्टर है। जर्मन कंपनी ने कहा कि यहां एयरो इंडिया 2023 से इतर कहा कि हेन्सोल्ड्ट और एचएएल ने भारतीय हेलीकाप्टरों के लिए बाधा निवारण प्रणाली के निर्माण और भविष्य में संभावित निर्यात के लिए डिजाइन और आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) को लेकर सहयोग की घोषणा की। इसके अलावा दोनों कंपनियों ने विमानन क्षेत्र से जुड़े कई अन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन के लिये भी सहयोग की घोषणा की है। अधिकारियों ने कहा कि हेन्सोल्ड्ट ओएएस के लिए 100 प्रतिशत महत्वपूर्ण तकनीकों को एचएएल को हस्तांतरित करेगा।
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