डेल ने 6 हजार कर्मचारियों की छंटनी की
नई दिल्ली। डेल टेक्नोलॉजिस्ट ने दो साल में दूसरी बार अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है और लगभग 6 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी में वर्तमान में लगभग 1 लाख 20 हजार कर्मचारी हैं, जो एक साल पहले 1 लाख 26 हजार थे।
डेल ने हाल ही में अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है। यह कटौती कंपनी की लागत कम करने की योजना का हिस्सा है। डेल नए कर्मचारियों की भर्ती भी कम कर रहा है और कर्मचारियों को अलग-अलग विभागों में ट्रांसफर कर रहा है। कंपनी ने यह निर्णय पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) की कम मांग के कारण लिया है। पिछले वर्ष की अंतिम तिमाही में डेल के राजस्व में 11% की गिरावट आई थी। चुनौतियों के बावजूद, डेल को उम्मीद है कि इस साल उसके क्लाइंट सॉल्यूशंस ग्रुप (सीएसजी) में शुद्ध राजस्व में वृद्धि होगी। सीएसजी में डेस्कटॉप, लैपटॉप और टैबलेट जैसे उत्पाद शामिल हैं। हालांकि, डेल को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। डेल को कच्चे माल और अन्य घटकों के लिए अधिक भुगतान करना पड़ रहा है। डेल वीएमवेयर से अलग हो रहा है, जिससे डेल के राजस्व में कमी आ सकती है।
इसके अलावा, डेल ने एक नई रिटर्न-टू-ऑफिस पॉलिसी भी पेश की है। इस पॉलिसी के तहत, कर्मचारियों को दो कैटेगरी में बांटा गया है। हाइब्रिड: ये कर्मचारी कार्यालय और घर से काम करेंगे। रिमोट: ये कर्मचारी पूरी तरह से घर से काम करेंगे। रिमोट कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिलेगा न ही उनका रोल बदलेगा।
डेल अपनी हाइब्रिड वर्क कल्चर के लिए जाना जाता था, लेकिन कंपनी ने हाल ही में अपनी पॉलिसी बदल दी है। अब, रिमोट काम करने वाले कर्मचारियों को प्रमोशन पाने के लिए सप्ताह में कम से कम तीन दिन ऑफिस से काम करना होगा। इसका मतलब है कि प्रमोशन पाने के लिए रिमोट कर्मचारियों को हाइब्रिड मोड में स्विच करना होगा। इस बदलाव से कर्मचारियों में उनकी करियर ग्रोथ और कम फ्लेक्जिबिलिटी को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं। दूसरी ओर, ब्लूमबर्ग द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि घर से काम करने के विकल्पों की पेशकश करने वाली कंपनियों ने अपने राजस्व में उन कंपनियों की तुलना में तेजी से वृद्धि देखी है जो ऐसा नहीं करती हैं। 2020 और 2022 के बीच, WFH ऑफर करने वाली कंपनियों ने सेल में 21% की वृद्धि दर्ज की। हाइब्रिड या पूरी तरह से वर्क फ्रॉम ऑफिस वाली कंपनियों ने इसी अवधि के दौरान केवल 5% राजस्व वृद्धि दर्ज की।
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