दूरसंचार कंपनियों ने पिछले दो वित्त वर्ष में 4.26 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया: सिंधिया
नयी दिल्ली. केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि दूरसंचार कंपनियों ने पिछले दो वित्त वर्षों (2022-24) में 4जी और फिर 5जी में जाने के लिए 4.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पूंजीगत व्यय किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन की उपलब्धियों पर सिंधिया ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल 2025 के मध्य तक 4जी सेवा के लिए एक लाख टावर की स्थापना का काम पूरा कर लेगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय 4जी सेवाएं शुरू करने की समयसीमा और उनकी कारोबारी रणनीति के बारे में सरकारी दूरसंचार कंपनी के निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेगा। मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में वॉयस कॉल की दरें 94 प्रतिशत घटकर 51 पैसे प्रति मिनट से 3.5 पैसे रह गई हैं, तथा एक जीबी इंटरनेट डाटा की कीमत 97 प्रतिशत घटकर 297 रुपये प्रति जीबी से 8.75 पैसे रह गई है। मोबाइल सेवाओं पर शुल्क वृद्धि के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर सिंधिया ने कहा, “3जी से 4जी और 4जी से 5जी की ओर बढ़ते हुए, दूरसंचार कंपनियों ने पिछले दो वित्त वर्षों में ही 4.26 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पूंजीगत व्यय किया है। यदि आप अधिक निवेश करते हैं तो आपको लाभ अवश्य मिलेगा।” मंत्री ने कहा कि राजग सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में कनेक्टिविटी बढ़ी है, जबकि शुल्क में भारी कमी आई है। जुलाई में सभी निजी कंपनियों द्वारा शुल्क वृद्धि करने के बाद बीएसएनएल के ग्राहकों की संख्या में 29.47 लाख से अधिक की वृद्धि हुई, जबकि निजी दूरसंचार कंपनियों - एयरटेल, वीआईएल और जियो ने कुल मिलाकर 38.65 लाख मोबाइल ग्राहक खो दिए। सिंधिया ने कहा कि दूरसंचार मंत्रालय बीएसएनएल की कारोबारी रणनीति के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उच्चतम न्यायालय द्वारा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर वीआईएल की याचिका खारिज किए जाने के बाद दूरसंचार क्षेत्र की वित्तीय स्थिति के बारे में पूछे जाने पर सिंधिया ने कहा कि चार कंपनियों के साथ यह क्षेत्र बेहद मजबूत है। सिंधिया ने कहा कि भारत विश्वस्तर पर छठा देश बन गया है जिसने अपनी 4जी प्रौद्योगिकी स्थापित कर ली है।
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