अलविदा, मेरे प्यारे लाइटहाउस! रतन टाटा के सहायक शांंतनु नायडू ने अपने ‘दोस्त’ के लिए लिखा भावुक संदेश
नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े उद्योग समूहों में से एक, टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा का बुधवार रात को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। रतन टाटा पिछले कुछ समय से बीमार थे। उनके विश्वस्त सहायक शांंतनु नायडू ने आज सुबह एक भावुक पोस्ट साझा कर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।उद्योग और समाजसेवा के क्षेत्र के दिग्गज रतन टाटा के निधन को देशभर में एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है। उनके जाने पर आनंद महिंद्रा और हर्ष गोयनका जैसे बड़े व्यापारियों ने शोक जताया है। हालांकि, उनके करीबी लोगों के लिए यह व्यक्तिगत दुख भी है।
रतन टाटा के करीबी सहयोगी शांतनु नायडू (30) ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए उनके व्यावसायिक योगदान से अधिक उनकी दोस्ती पर जोर दिया।
शांतनु नायडू ने अपने दोस्त के लिए लिखा भावुक संदेश
रतन टाटा के ऑफिस में 30 वर्षीय जनरल मैनेजर ने लिखा, ‘इस दोस्ती से जो खालीपन अब मेरे साथ है, उसे भरने में मैं अपनी पूरी जिंदगी लगा दूंगा। दुख ही प्यार की कीमत है। अलविदा, मेरे प्यारे लाइटहाउस।’ इसके साथ ही उन्होंने एक पुरानी तस्वीर भी साझा की, जिसमें वे दोनों एक साथ नजर आ रहे हैं।
कैसे हुई रतन टाटा और शांतनु की दोस्ती?
शांतनु नायडू और रतन टाटा की अनोखी दोस्ती उनके जानवरों के प्रति साझा प्रेम से विकसित हुई। दोनों की मुलाकात 2014 में हुई, जब नायडू ने रात में गाड़ियों से कुत्तों को बचाने के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाए। उनकी इस पहल से प्रभावित होकर टाटा सन्स के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा ने नायडू को अपने साथ काम करने का निमंत्रण दिया।पिछले 10 वर्षों में शंतनु नायडू, रतन टाटा के करीबी और विश्वासपात्र दोस्त बन गए। रतन टाटा, जिन्होंने कभी शादी नहीं की और उनकी कोई संतान नहीं है, अपने आखिरी कुछ वर्षों में सार्वजनिक कार्यक्रमों में नायडू के साथ अक्सर देखे जाते थे।
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