अप्रैल-जून में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 1.39 प्रतिशत घटकर 4.59 लाख करोड़ रुपये रहा
नयी दिल्ली. चालू वित्त वर्ष (2025-26) में अब तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह सालाना आधार पर 1.39 प्रतिशत घटकर 4.59 लाख करोड़ रुपये रहा। सरकार द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। कर संग्रह में गिरावट और ज्यादा रिफंड के कारण अग्रिम कर संग्रह नरम रहा। आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 19 जून, 2025 के दौरान अग्रिम कर संग्रह मात्र 3.87 प्रतिशत बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले साल में तुलनात्मक अवधि में, अग्रिम कर संग्रह में 27 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई थी। कॉरपोरेट्स द्वारा चुकाया गया अग्रिम कर 5.86 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.22 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि व्यक्तियों, एचयूएफ और फर्मों सहित गैर-कॉरपोरेट द्वारा चुकाया गया कर 2.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 33,928 करोड़ रुपये रह गया। अग्रिम कर का भुगतान चार किस्तों - जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च में में किया जाता है।
चालू वित्त वर्ष में 19 जून तक रिफंड जारी करने की राशि 58 प्रतिशत बढ़कर 86,385 करोड़ रुपये हो गई।
चालू वित्त वर्ष में अब तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 5.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि से 4.86 प्रतिशत अधिक है। कुल मिलाकर, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह एक अप्रैल से 19 जून, 2025 के दौरान लगभग 4.59 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2024 में इसी अवधि में एकत्र किए गए 4.65 लाख करोड़ रुपये से 1.39 प्रतिशत कम है। एक अप्रैल से 19 जून, 2025 के दौरान शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह में लगभग 1.73 लाख करोड़ रुपये की मंदी देखी गई, जो पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट है। गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह, जिसमें मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर शामिल है, 0.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 2.73 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस अवधि के दौरान प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 12 प्रतिशत बढ़कर 13,013 करोड़ रुपये हो गया।
चालू वित्त वर्ष (2025-26) में सरकार ने प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल की तुलना में 12.7 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने 19 जून तक अपने प्रत्यक्ष कर लक्ष्य का 18.21 प्रतिशत संग्रह किया है। सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में एसटीटी से 78,000 करोड़ रुपये एकत्र करना है।
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