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 कृषि मंत्री  रामविचार नेताम  विकसित कृषि संकल्प अभियान में हुए शामिल

-किसानों को नवीनतम तकनीक के प्रति किया गया जागरूक
-कृषि रथ के माध्यम से किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं के संबंध में दी गई जानकारी
-स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से किसानों को अधिक से अधिक जैविक खाद का उपयोग करने के लिए किया गया प्रेरित
 महासमुंद / विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 अंतर्गत किसानों को नवीनतम तकनीक के प्रति जागरूक करने तथ किसानों से सीधा संवाद करने आज महासमुंद के सिरपुर और छपोराडीह में शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में राज्य के कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम औचक रूप से शामिल हुए।
इस अवसर पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, अरहर मिनी कीट, किसान क्रेडिट कार्ड, धान बीज का वितरण किया गया,साथ ही कृषि रथ के माध्यम से किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की गई।  
कृषक चौपाल में कृषि मंत्री श्री नेताम ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशन में विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज कृषि विभाग के अधिकारी एवं कृषि वैज्ञानिक गांव गांव पहुंचे रहे है। उन्होंने कहा कि किसान खेती के नवीनतम तकनीक व शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी लेकर लाभ ले सकते है। किसानों को जैविक खाद का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। रासायनिक खाद का अधिक उपयोग करने से भूमि की उर्वरता खत्म होते जा रही है। उन्होंने स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से किसानों को अधिक से अधिक जैविक खाद का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि फसल चक्र परिवर्तन करते हुए धान के बदले,रागी, मक्का एवं अन्य फसल ले सकते है। शासन की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसान, किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं किसानों के लिए हितकारी है। वही सरकार कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही है। उन्होंने जल संरक्षण एवं पौधरोपण के लिए सभी को प्रोत्साहित किया। 
 कृषि मंत्री ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान किसानों के लिए शासन की महत्वपूर्ण पहल है। आज कृषि विभाग एवं कृषि विभाग से जुड़े अन्य विभाग शासन की योजनाओं की जानकारी देने पहुंचे है। किसानों द्वारा फसल चक्र परिवर्तन करते रागी की फसल लगाई जा रही है, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में फसल चक्र परिवर्तन करते हुए यहां के अन्य किसान भी मक्के का रकबा बढ़ा सकते है। मक्का लगाने पर इसकी अच्छे मूल्य में ब्रिकी हो सकती है।
 उप संचालक कृषि श्री एफ आर कश्यप ने बताया कि कृषि रथ में प्रधानमंत्री किसान निधि, जैविक खेती, परंपरागत खेती, उन्नत बीज, उन्नत कृषि यंत्र, वैकल्पिक व संतुलित उर्वरक उपयोग, फसल चक्र परिवर्तन, जल संरक्षण, मूल्य संवर्धन प्रसंस्करण अंतर्गत लघु धान्य फसलों के संबंध में बताया गया। कृषि रथ में उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ ही मछली पालन विभाग, पशुपालन विभाग के योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। 
 उल्लेखनीय है कि शिविर में धान बीज, नमूना प्रदर्शन किया गया। साथ ही जैविक नीमास्त्र एवं अन्य डिकम्पोस्ट घोल के संबंध में बताया गया। कोदो, कुटकी, कुलथी, अरहर, सुगंधित काली कमोद, सुगंधित बासमति छोटा दाना, रेड राईस जैसी धान की विभिन्न वैरायटी के संबंध में किसानों को जानकारी दी गई। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को स्वाईल हेल्थ कार्ड का निर्माण करने तथा फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, पशुपालन विभाग के माध्यम से किसानों को विभागीय विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। शिविर में आसपास ग्राम पंचायत के सरपंच, अन्य जनप्रतिनिधि ,एसडीएम हरिशंकर पैंकरा,एवं बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित थे। 

 

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