राजाडेरा जलाशय का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त, आसपास के गांव में दहशत का माहौल
धमतरी। क्षेत्र के किसान को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से राजाडेरा जलाशय का निर्माण लगभग 25 वर्ष पूर्व किया गया। यह जलाशय की निर्माण के समय से ही कार्य में अनियमियता की शिकायत हो रही थी। मगर इस और शासन प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिसका खामियाजा आज करोड़ों रुपया की लागत से बने यह जलाशय लगभग 20 से 25 वर्ष में ही टूटने लगा। इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस जलाशय का गेट निर्माण कार्य के कुछ ही वर्ष में क्षतिग्रस्त हो गया जिसे लीपा पोती कर सुधार किया गया था। जब से इस जलाशय का निर्माण हुआ है, तब से वहां से पानी का रिसाव हो रहा है। इस रिसाव को बंद करने कासन प्रशासन द्वारा करोड़ों रुपया खर्च किया गया लेकिन सुधार नहीं आ पाया। रविवार को सुबह जलाशय के टेल एरिया के पास बांध टूट गया। जिससे बांध से लगे हुए नाला में बाढ़ की स्थिति आ गई। ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले बांध के उपरी भाग धंसा हुए प्रतीत हो रहा था मगर एकाएक बांध टूट जाएगा ऐसा किसी को अंदेशा नहीं था। राजाडेरा जलाशय टूट जाने से बांध के नीचे बसे गांव बेलोना, कोरगांव, शुक्लाभाठा, शुक्लाभाठा, आमाचानी सहित दर्जनों गांव के किसान चिंतित हैं। किसानों ने कहा कि नाला के आसपास किसानों के धान का फसल लगी हुई है, जो पूरी तरह पककर तैयार हैं। मौसम खराबी की वजह से फसल काटने में देरी हो गई हैं। अगर नाला में बाढ़ आएगा तो उनकी फसल पानी में बह जाएगी। राजाडेरा जलाशय टूट जाने की खबर फैल जाने से टूटे हुए बांध देखने आस पास के गांव के लोगों का भीड़ लग गई है।
इस संबंध में सिंचाई विभाग के एसडीओ रविन्द्र कुंजाम ने बताया कि टेल एरिया के पास बांध का कुछ हिस्सा धसा हुआ दिखाई दे रहा था जिसकी मरम्मत की तैयारी की जा रही थी मगर अचानक बांध का टेल एरिया टूट गया। जिसकी जानकारी उच्च अधिकारी को दे दी गई है।












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