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 होम मतदान की सुविधा ने किया बुजुर्गों एवं दिव्यांगों के लोकतंत्र में अनिवार्य भागीदारी के सपने को साकार

-अपने घर में मतदान की सुुविधा मिलने से बुजुर्ग मैति बाई, 
-फेंकन बाई एवं दिव्यांग तरूण और नारायण ने प्रसन्नचित होकर किया मतदान
-निर्वाचन आयोग की नई व्यवस्था की भूरी-भूरी सराहना की
बालोद । भारत निर्वाचन आयोग के होम मतदान की नई सुविधा के फलस्वरूप बालोद जिले के 80 वर्ष से अधिक के आयु के बुजुर्गों तथा चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांगों एवं गंभीर रूप से बीमार लोगों के अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र में अनिवार्य भागीदारी का सपना साकार हुआ है। भारत निर्वाचन आयोग के इस नई व्यवस्था के तहत बालोद जिले के 80 वर्ष से अधिक की आयु के बुजुर्गों, चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांगों एवं गंभीर रूप से बीमार लोगों ने होम वोटिंग की सुविधा के अंतर्गत अपने घरों में मतदान किया। मतदान दल के अधिकारियों को देखकर बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं के साथ-साथ उनके परिजन भी बहुत ही प्रसन्नचित नजर आ रहे थे। इस दौरान गुरूर विकासखण्ड के ग्राम पेरपार की बुजुर्ग महिला श्रीमती मैति बाई पटेल, ग्राम पेण्डरवानी की बुजुर्ग महिला फेंकन बाई देवांगन, ग्राम अरकार के दिव्यांग युवक तरूण साहू एवं कोसागांेदी के नारायण साहू ने प्रसन्नचित होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इन सभी मतदाताओं को भारत निर्वाचन आयोग की नई व्यवस्था के तहत उनके घरों में ही मतदान की सुविधा मिलने से उनके चेहरे पर प्रसन्नता नजर आ रहा था। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें होम वोटिंग की सुविधा प्रदान नही की जाती तो इस समय उनके लिए अपने शारीरिक अस्वस्था के चलते मतदान केंद्र में पहुँचकर मतदान करना बिलकुल भी असंभव था। सभी लोगों ने उन्हें और उनके जैसे अनेक बुजुर्गों एवं दिव्यांगों को उनके घरों पर ही मतदान की सुविधा प्रदान करने हेतु भारत निर्वाचन आयोग के इस होम वोटिंग की नई व्यवस्था की भूरी-भूरी की सराहना की। 
होम वोटिंग की नई व्यवस्था के तहत आज अपने घर में मतदान की सुविधा मिलने से गुरूर विकासखण्ड के ग्राम पेरपार की 82 वर्ष की बुजुर्ग महिला श्रीमती मैति बाई पटेल बहुत ही प्रफुल्लित नजर आ रही थी। उन्होंने कहा कि उनके वृद्धावस्था एवं शारीरिक अस्वस्थता के कारण  उनके लिए मतदान केंद्र में पहुँचकर मतदान करना बिलकुल भी संभव नही था। लेकिन भारत निर्वाचन आयोग के इस नई व्यवस्था के कारण आज  उसे अपने घर में ही मतदान करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि विधानसभा आम निर्वाचन 2023 हेतु अपने मताधिकार का प्रयोग करने से अब उसे मताधिकार का प्रयोग नही कर पाने की कमी कभी नही खलेगी। भारत निर्वाचन आयोग की नई व्यवस्था के तहत आज अपने दादी को घर में ही मताधिकार की मिल रहे सुविधा की सराहना श्रीमती मैति बाई की पोती कुमारी ललिता पटेल ने भी की है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के इस नई व्यवस्था के फलस्वरूप उनके दादी के अलावा अब कोई भी दादा-दादी अपने मताधिकार के प्रयोग से वंचित नही होगा। भारत निर्वाचन आयोग की इस नई व्यवस्था की सराहना गुरूर विकाखण्ड के ग्राम पेण्डरवानी की 81 वर्षीय बुजुर्ग महिला श्रीमती फेंकन बाई देवांगन ने भी की है। उन्होंने कहा कि आज उसे अपने घर में ही मताधिकार का सुविधा मिलना उनके लिए किसी सपने का साकार होने जैसा है। श्रीमती फेंकन बाई ने कहा कि उन्होंने कभी कल्पना भी नही की थी कि अपने इस उम्र के इस पड़ाव एवं शारीरिक अस्वस्थता के कारण इस बार उसे मतदान करने का सौभाग्य भी प्राप्त होगा। लेकिन आज भारत निर्वाचन आयोग के बहुत ही नेक व्यवस्था के कारण उसे आज अपने घर पर ही मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर प्राप्त हुआ। इसी तरह भारत निर्वाचन आयोग की होम वोटिंग की सुविधा की सराहना ग्राम अरकार के 32 वर्षीय दिव्यांग युवक तरूण ने भी की है। तरूण ने बताया कि पोलियो ग्रस्त होने के कारण लगभग तीन वर्ष की आयु से ही दिव्यांग होने के कारण अपने शारीरिक परेशानियों के चलते मतदान केंद्र में पहुँचकर अपने मताधिकार का प्रयोग नही कर पाते थे। जिसकी कमी उसको हमेशा खलती थी लेकिन आज भारत निर्वाचन आयोग की इस नई व्यवस्था के परिणाम स्वरूप अपने घर में ही वोटिंग करने का सौभाग्य मिल रहा है। उन्होंने कहा कि होम वोटिंग की नई व्यवस्था के कारण आज उसे अपने जीवन में पहली बार मताधिकार का प्रयोग करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसके लिए उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को विनम्र आभार व्यक्त किया। इसी तरह भारत निर्वाचन आयोग के होम वोटिंग की नई व्यवस्था की सराहना ग्राम कोसागांेदी के दिव्यांग युवक नारायण साहू ने भी किया है। नारायण साहू ने बताया कि वर्ष 2012 में सड़क दुर्घटना के कारण उसका दोनों पैर खराब हो गया। जिसके कारण अब वे बिस्तर में ही लेटकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। नारायण साहू ने बताया कि पिछले विधानसभा एवं लोकसभा निर्वाचन में व्हीलचेयर में बैठकर अपने मताधिकार का प्रयोग के लिए मतदान केंद्र पहुँचे थे। लेकिन इस बार स्वास्थ्य बहुत अधिक खराब होने के कारण उनके लिए मतदान केंद्र में पहुँचकर मतदान कर पाना बिलकुल भी संभव नही था। जिसको लेकर वे बहुत ही परेशान रहते थे, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग के बहुत ही सराहनीय व्यवस्था के कारण उसे अपने घर में मतदान करने का अवसर मिला है। जिसके फलस्वरूप विधानसभा आम निर्वाचन 2023 में अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र के इस महापर्व में भागीदारी सुनिश्चित करने का उसका सपना भी साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के इस नई व्यवस्था के कारण उनके जैसे अनेक दिव्यांगों के अलावा चलने-फिरने में असमर्थ बुजुर्गों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में किसी प्रकार की कठिनाई नही होगी। उन्होंने सभी दिव्यांगजनों को अनिवार्य रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील भी की है। 

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