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 नई शिक्षा नीति से गुणवत्तापूर्ण शिक्षायुक्त मानव क्षमता होगी विकसित: शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल
-शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने 15 सदस्यीय स्पेशल टॉस्क फोर्स बनाने की दी सलाह 
-विद्यार्थियों के अंदर अन्वेषण तथा शोध कार्यों को मिलेगा बढ़ावा 
-युवाओं में तार्किक क्षमता संवर्धन के साथ उनका सर्वांगीण विकास होगा 
-राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में शिक्षा मंत्री हुए शामिल
 रायपुर /छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आज राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर एक दिवसीय कार्याशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। मंत्री श्री अग्रवाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभी के विशेष सहयोग से उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला सफलतापूर्वक सम्पन्न होने जा रहा है, तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षा कार्य करने की सुदृढ़ नींव स्थापित हो रही है। केन्द्रीय शासन एवं मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 छत्तीसगढ़ प्रदेश के उच्च शिक्षा में लागू करने की दृढ़ संकल्पित योजना के क्रियान्वयन की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। 
शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर प्रदेश के युवाओं के स्वर्णिम भविष्य निर्माण होगा, जो प्रदेश शासन का लक्ष्य है। जहाँ नई शिक्षा नीति द्वारा युवाओं में कौशल विकास, शोध एवं नवाचार में विकास कर उन्हे स्वावलंबन बनाना हमारा संकल्प है। प्रदेश के ऑटोनामस महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विगत सत्रों से लागू किया जा चुका है। जिसके सफलतापूर्वक संचालन से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे है। आगामी सत्रों से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में चरणबद्ध योजनांतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है। जिससे प्रदेश के उच्च शिक्षा में विकास करते हुए, उत्कृष्ट शिक्षा स्थापित किया जा सकेगा तथा प्रदेश के युवाओं का बेहतर भविष्य निर्मित किया जा सकेगा। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को राज्य में लागू करने के लिए 15 सदस्यीय स्पेशल टॉस्क फोर्स बनाने की सलाह दी। 
शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू किये जाने से युवाओं में तार्किक क्षमता संवर्धन के साथ उनका सर्वांगीण विकास होगा। एनईपी में प्रावधानित एकाधिक प्रवेश एवं एकाधिक निकास की सुविधा से युवाओं को परिस्थिति एवं आवश्यकतानुसार उच्च शिक्षा प्राप्त करने का विकल्प मिलेगा। ग्रेड आधारित निरंतर मूल्यांकन जिसमें एक अहम हिस्सा आंतरिक मूल्यांकन के होने से विद्यार्थियों को अंतिम परीक्षा के तनाव से मुक्ति मिलेगी, जो सकल दर्ज अनुपात संवर्धन हेतु प्रभावशाली भी होगा। उच्च शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक विस्तार से प्रदेश के युवाओं की पहुंच वैश्विक स्तर तक की हो जाएगी। यह उच्च शिक्षित युवा पीढ़ी प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाएगी।
शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि उच्च शिक्षा, मानव और समाज कल्याण हेतु सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वर्तमान में भारत विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है एवं सबसे अधिक युवा जनसंख्या भी भारत देश में ही है। भारत देश को युवाओं के आधार पर 21वीं सदी का विकसित देश बनाने के लिये उच्च शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सकल दर्ज अनुपात (जीईआर), गुणवत्तायुक्त शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, उच्च शिक्षा में अनुसंधान इत्यादि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जारी किया गया है, जिसको छत्तीसगढ़ राज्य में पूरी तरह लागू किया जाना हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में उच्च शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 6 मार्च 2024 को रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें अन्य राज्यों के राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विशेषज्ञ तथा सीमांत राज्यों के अधिकारीगण, जिनके द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया गया है, उनके द्वारा अनुभव को साझा किया गया। इस कार्यशाला में स्वागत उद्बोधन उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री आर. प्रसन्ना द्वारा दिया गया। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल, महात्मा गांधी हार्टिकल्चर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर.एस. कुरील, उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव श्रीमती मोनिका एस. गर्ग, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल कोठारी एवं छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संभावनाओं पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। 
इस महत्वकांक्षी एक दिवसीय कार्यशाला के आयोजन में राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों के 21 कुलपति, 25 कुल सचिव एवं 8 स्वशासी एवं 33 अग्रणी एवं 08 स्वशासी महाविद्यालयों के प्राचार्यों सहित 50 से अधिक शिक्षविद् के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में उच्च शिक्षा आयुक्त श्रीमती शारदा वर्मा द्वारा समस्त अतिथियों एवं प्रतिभागियों को आभार ज्ञापित किया गया।

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