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रक्षाबंधन पर इस बार रात तक मुहूर्त

रायपुर। 15 अगस्त को श्रावण मास की पूर्णिमा है, यानी रक्षा बंधन का त्यौहार। बहनें अपने भाइयों की सलामती और उनकी लंबी उम्र की कामना के साथ उन्हें रक्षा सूत्र बांधेंगी। अच्छी चौघडिय़ा सुबह 05 बजकर 50 मिनट से सुबह 07 बजकर 28 मिनट तक है यानि ये राखी बांधने का अच्छा मुहूर्त है। इसके बाद राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर10 मिनट से रात 8 बजकर 10 मिनट तक है।
इधर, राजधानी रायपुर के बाजारों में राखी खरीददारी के कारण काफी रौनक रही। सुबह से ही गोलबाजार और मालवीय रोड की दुकानों में महिलाओं की जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। बाजार में जगह-जगह स्टॉल लगाए गए हैं, जहां रंगबिरंगी राखियां बिक रही हैं। इस बार डोरियां राखी और झूमर वाले लूंबा की मांग ज्यादा है। इसके अलावा मेहंदी लगाने वालों की दुकानों में भी बड़ी संख्या में महिलाएं दिखाई दीं। डिजाइन के हिसाब से मेहंदी लगाने की कीमत वसूली जा रही है। इस बार राखी के अलावा मेहंदी की कीमतों में भी अच्छा खासा इजाफा हुआ है।
सावन पूर्णिमा से ही श्रवण नक्षत्र की शुरुआत होगी। 15 अगस्त को गुरुवार का दिन होने से इसका महत्व और बढ़ गया है। माना जाता है कि इस दिन गंगापूजन, शिव पूजन और विष्णुपूजन करने से आयु, आरोग्य विद्या सहित हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए इस बार रक्षा बंधन के त्यौहार का महत्व और बढ़ गया है। सावन पूर्णिमा के दिन ही श्रवण नक्षत्र की शुरुआत होती है। इस बार रक्षाबंधन पर भद्राकाल भी नहीं पड़ रहा है और न ही किसी प्रकार का ग्रहण है। इसी कारण इस बार रक्षाबंधन शुभ संयोग लेकर आया है। इसे सौभाग्यशाली भी माना जा रहा है।
पूर्णिमा और राखी बांधने का मुहूर्त
सावन पूर्णिमा 14 अगस्त की रात 9 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इसका समापन 15 अगस्त को रात 11 बजकर 29 मिनट पर होगा। अच्छी चौघडिय़ा सुबह 05 बजकर 50 मिनट से सुबह 07 बजकर 28 मिनट तक है यानि ये राखी बांधने का अच्छा मुहूर्त है। इसके बाद राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर10 मिनट से रात 8 बजकर 10 मिनट तक है।
राहुकाल पर रखें ध्यान
ज्योतिष शास्त्री के अनुसार राहुकाल दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से शुरू होकर दोपहर 03 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इस अवधि के दौरान आपको राखी नहीं बांधनी चाहिए। राहुकाल में किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। अगर आपने भाई को राखी राहुकाल शुरू होने से ठीक 1 मिनट पहले भी बांध दी है तो आप आगे की क्रिया को जारी रखें इससे किसी तरह का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन राहुकाल शुरू होने के बाद राखी ना बांधें।

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