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 घर के प्रवेश द्वार पर आम के पत्तों का तोरण क्यों बांधा जाता है?
घर पर कोई शुभ कार्य हो या तीज-त्योहार, हिंदू परिवारों में घर के प्रवेश द्वार पर आम के पत्तों का तोरण बांधकर लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है। आम के पत्तों का तोरण सिर्फ उत्सव और शुभता का प्रतीक नहीं हैं बल्कि इनमें गहरा प्रतीकात्मक अर्थ भी छिपा हुआ है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि घर के बाहर मुख्य द्वार पर आम का तोरण लगाने से घर से नकारात्मकता दूर रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं, आम के पत्ते नकारात्मक ऊर्जा को सोखने के साथ सेहत जुड़े कई फायदे भी देते हैं। आइए जानते हैं कैसे।
आम के पत्तों का तोरण घर के बाहर लगाने से मिलते हैं ये 5 फायदे
वायु और पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं
आम के पत्तों से बने तोरण का सिर्फ धार्मिक परंपरा से ही जुड़ाव नहीं बल्कि वैज्ञानिक आधार भी है। आम के हरे पत्ते, तने सहित, तोड़ने के बाद भी कुछ समय तक प्रकाश संश्लेषण करते रहते हैं। यह पत्ते ऑक्सीजन छोड़ते हैं और हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं। ये पत्ते फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया के माध्यम से वातावरण को शुद्ध करते हैं। दरवाजे पर तोरण के रूप में लटकाए गए पत्ते हवा में ताजगी भरकर घर के प्रवेश द्वार पर स्वच्छ वातावरण बनाए रखते हैं।
एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण
आम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं। इनमें मौजूद प्राकृतिक रासायनिक यौगिक, जैसे कि मैंगीफेरिन हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करने में मदद करते हैं। आम के पत्तों को तोरण के रूप में दरवाजे पर जब लटकाया जाता है, तो ये हवा में मौजूद रोगाणुओं को कम करने में मदद करते हैं, जिससे घर में प्रवेश करने वाली हवा स्वच्छ और सुरक्षित बनी रहती है।
सकारात्मक ऊर्जा और तनाव से राहत
आम के पत्तों का हरा रंग मानसिक शांति और सकारात्मकता को बढ़ावा देता है। वैज्ञानिक रूप से, हरा रंग आंखों को सुकून देकर तनाव कम करने में मदद करता है।
कीड़ों को दूर भगाएं
आम के पत्तों में जीवाणुरोधी, रोगाणुरोधी और कीट-विकर्षक गुण होते हैं। लोग आमतौर पर मक्खियों, मच्छरों और अन्य कीड़ों को घर में घुसने से रोकने के लिए इन्हें दरवाजे पर लटकाते हैं। बता दें, आम के पत्तों में एल्कलॉइड, सैपोनिन और फ्लेवोनोइड जैसे यौगिक होते हैं, जो विभिन्न हानिकारक जीवाणुओं के विकास को रोकते हैं।
पर्यावरण के लिए सुरक्षित
आम के पत्ते प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल होने की वजह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। प्लास्टिक या कृत्रिम सजावटी सामग्री की तुलना में आम के पत्तों का उपयोग पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल है।

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