ब्रेकिंग न्यूज़

नवरात्र में उपवास रखना होता है फायदेमंद

रायपुर। इस साल शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर से शुरू हो रही है। 7 अक्टूबर तक चलने वाले मां आदिशक्ति की आराधना का यह पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस नौ दिनों के दौरान जगह-जगह पंडालों में विभिन्न स्वरूपों में देवी प्रतिमाएं स्थापित कर भक्त गण विधि विधान से माता रानी की पूजा अर्चना करते हैं।
 इस दौरान बड़ी संख्या में लोग व्रत और उपवास रखते हैं। कोई शक्ति की पूजा पूरे 9 दिन का व्रत रखता है करता है, तो कोई उपवास रखता है।  कुछ लोग प्रथमा, पंचमी और अष्टमी का व्रत रखते हैं। कुछ लोग एक वक्त का खाना खाना खाकर व्रत रखते हैं, तो कोई केवल फलाहारी और लेकर व्रत पूरा करते हैं। कुछ लोग इन नौ दिनों में नमक का सेवन भी नहीं करते हैं और केवल तरल पदार्थों लेते हैं।  
 त्यौहारों के दिन व्रत- उपवास रखने की परंपरा भारत में सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। लोग इसे धर्म और आस्था का पर्याय मानते हैं, लेकिन अब विज्ञान ने भी साबित कर दिखाया है कि व्रत रखना फायदेमंद भी होता है। भारत में ज्यादातर लोगों का भोजन अनाज ही होता है। डॉक्टर थोड़ा- थोड़ा करके दिन में चार बार खाने की सलाह देते हैं। वहीं प्राचीन भारतीय परंपरा के अनुसार इंसान केवल एक वक्त का भोजन करके भी स्वस्थ रह सकता है, लेकिन इस दौरान उसे अपने भोजन में पोषक तत्वों और कैलोरीज का भी ध्यान रखना चाहिए।  वैज्ञानिकों का मानना है कि संयमित भोजन के साथ व्रत या उपवास रखने से आपका वजन भी कम होता है, बल्कि पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। यही नहीं दिमाग भी बेहतर तरीके से काम करता है।
 शोध से यह बात भी सच साबित हुई है कि उपवास शरीर के शुगर को कंट्रोल करता है। खासतौर पर यह बात उन लोगों पर साबित होती है,  जिन्हें डायबीटीज होने का खतरा है या फिर उनका ब्लड शुगर बार्डर पर है।  उपवास रखने से इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होता है, लेकिन इस दौरान खान-पान में संयम भी बरतने की सलाह दी जाती है, जैसे कि अधिक कैलोरी वाला भोजन, या फिर ज्यादा शक्कर का इस्तेमाल।  वैज्ञानिक हफ्ते में कम से कम एक दिन उपवास रखने की सलाह देते हैं। इसका कारण यह है कि ऐसा करने से दिल भी सेहतमंद होता है। इससे  शरीर में खराब कोलेस्ट्राल की मात्रा कम हो जाती है। इसके अलावा खून में मौजूद ट्राईग्लिसराइड्स भी 25 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं।
शोध से यह बात साबित हो चुकी है कि उपवास रखने से इंसान की उम्र बढ़ती है। शरीर और त्वचा पर बढ़ती उम्र के निशान भी कम होने लगते हैं।
कितने तरह के होते हैं व्रत या उपवास
1. पानी -इस दौरान केवल पानी का सेवन किया जाता है।
2. जूस- कुछ समय के लिए सिर्फ फलों या सब्जियों का जूस पीकर ही व्रत रखा जाता है।
3. इंटरमिटेंट फास्टिंग- कुछ देर या कुछ दिन के लिए खाने के बीच कम से 12 से 16 घंटे का अंतराल रखा जाता है।
4. आंशिक उपवास- इसमें खाने-पीने की कुछ चीजें, प्रोसेस्ड फूड, ऐनिमल प्रॉडक्ट्स, कैफीन आदि का सेवन नहीं करते।
5. कैलरी कंट्रोल- हर दिन कुछ हफ्तों तक कैलरी पर स्ट्रिक्ट कंट्रोल रखा जाता है।
---

संबंधित तस्वीर

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english