ब्रेकिंग न्यूज़

 आध्यात्मिक मार्गी साधक क्यों अपनी साधना से नीचे गिर जाता है? जानिये साधक के पतन का सबसे बड़ा कारण क्या है?
जगदगुरु कृपालु भक्तियोग तत्वदर्शन - भाग 245

साधक का प्रश्न ::: महाराज जी, पतन का सबसे बड़ा कारण क्या है ?

जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज द्वारा उत्तर ::: साधक को एक क्षण का भी कुसंग उसे गिरा देने में पूर्ण समर्थ है, तथा साधक के पास ऐसी शक्ति तब तक नहीं आ सकेगी, जिससे कि उस पर कुसंग का प्रभाव ही न पड़े, जब तक कि 'साधक का योगक्षेम वहन करना' रूप उत्तरदायित्व भगवान् पर निर्भर नहीं हो जायेगा। 

मैं तो समझता हूँ कि साधक को भगवान् से विमुख करने वाला सबसे महान शत्रु 'कुसंग' ही है। अन्यथा, अनंत बार महापुरुष एवं भगवान् के अवतार लेने पर भी, जीव इस प्रकार माया में ही पड़ा सड़ता रहे, यह कदापि संभव नहीं। अतएव साधक को साधना से भी अधिक दृष्टिकोण, कुसंग से बचने पर रखना चाहिये। तुलसी के शब्दों में;

बरु भल बास नरक कर ताता,
दुष्ट   संग   जनि   देइ  विधाता..

वास्तव में जिस किसी प्रकार से भगवान में मन लगे, वही 'सत्संग' है, एवं जिस किसी भी प्रकार से मन न लगे वही 'कुसंग' है, किन्तु यह ध्यान रखना चाहिये कि दुर्भावना नास्तिक के प्रति भी न होने पाये।

०० प्रवचनकर्ता ::: जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज
०० सन्दर्भ ::: जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज साहित्य
०० सर्वाधिकार सुरक्षित ::: राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली के आधीन।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english