घट स्थापना के साथ शुरू हुआ शारदीय नवरात्र
रायपुर। मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना के साथ ही आज से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है।
देवी मंदिरों में घट स्थापना प्रतिपदा तिथि सर्वार्थसिद्धि व अमृत सिद्धि योग में की गई । भक्तों ने सुबह स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहनें और पूजा का संकल्प लिया। मिट्टी की वेदी पर जौ को बोकर कलश की स्थापना की। जगहृ-जगह दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया।
कलश स्थापना के लिए आज सुबह 6.01 से 7.24 बजे तक का शुभ मुहूर्त था। वहीं अभिजीत मुहूर्त- 11.33 से 12.20 तक था।
इस बार नवरात्र पूरे 9 दिनों का है। दसवें दिन देवी विसर्जन के साथ नवरात्र का समापन होगा। यह एक दुर्लभ संयोग है, क्योंकि कई बार दो तिथियां एक ही दिन पडऩे के कारण नवरात्र की अवधि कम हो जाती है। इस बार नवरात्र 29 सितंबर से आरंभ होकर 7 अक्तूबर तक चलेगा। 7 अक्टूबर को नवमी की पूजा होगी और 8 अक्टूबर को देवी प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों में इस बार भी चौक चौराहों पर पूजा पंडालों में देवी मां की प्रतिमाएं विभिन्न रूपों में स्थापित की गई हैं। कई जगहों पर आकर्षक झांकियां भी प्रदर्शित की गई हैं। रंगबिरंगी लाइट्स से प्रमुख मार्गों को सजाया गया है। इस बार अब तक बारिश हो रही है, इसे देखते हुए पूजा पंडालों को पानी से सुरक्षित रखने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
नवरात्र में इन नौ देवियों का पूजन
1. पहले दिन- शैलपुत्री
2. दूसरे दिन- ब्रह्मचारिणी
3. तीसरे दिन- चंद्रघंटा
4.चौथे दिन- कुष्मांडा
5.पांचवें दिन- स्कंद माता
6.छठे दिन- कात्यानी
7.सातवें दिन- कालरात्रि
8. आठवें दिन- महागौरी
9. नवें दिन- सिद्धिदात्री
रास गरबा हो सकता है प्रभावित
सिंतबर महीने के आखिरी दिनों में भी रायपुर समेत प्रदेश के कई जगहों पर मानसून की सक्रियता से बारिश हो रही है। इससे रास गरबा के शौकीन और आयोजक जरूर निराश हो गए हैं, लेकिन युवा पीढ़ी का उत्साह और बारिश थमने की उम्मीद कायम है। बाजारों में रास गरबा के वस्त्रों की जहां खूब बिक्री हो रही है, तो वहीं किराए पर भी ये वस्त्र उपलब्ध हैं। महिलाओं और युवतियों में रास गरबा को लेकर काफी क्रेज होता है। पारंपरिक परिधानों के साथ इस नृत्य में हिस्सा लेने के लिए कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो गई हैं। कई बड़े मैदानों में रास गरबा के लिए पंडाल लग गए हैं।
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