हथेलियों की रेखाओं के अलावा इस तरह से जानिये अपनी उम्र....
सभी की मृत्यु निश्चित है, लेकिन हर कोई जानना चाहता है कि उसकी आयु कितनी होगी. भले ही व्यक्ति की जिंदगी बेहद खुशहाली में बीत रही हो या तमाम मुश्किलों के बीच कट रही हो, हस्तरेखा शास्त्र में जातक की आयु जानने के तरीके बताए गए हैं। इससे मोटे तौर पर पता चल जाता है कि व्यक्ति किस उम्र तक जिएगा। यह जानने में आयु रेखा समेत कुछ अन्य रेखाओं की स्थिति भी अहम होती है।
- हथेली में आयु रेखा का पूर्ण होना व्यक्ति को कम से कम 70 साल तक की आयु देती है। नीच मंगल स्थान से शुक्र पर्वत को गोल घेरते हुए मणिबंध तक पतली, स्पष्ट और अटूट रेखा के जाने को पूर्ण आयु रेखा माना जाता है. इस रेखा को कोई अन्य रेखा काटे या जीवन रेखा आगे तक बढ़ी हुई ना तो इसे अच्छा संकेत नहीं कहा जा सकता है। हालांकि रेखा कटने के बाद भी आगे बढ़ रही हो तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति के जीवन पर संकट तो आएगा लेकिन टल जाएगा।
- कलाई के पास कुछ गोल रेखाएं होती हैं, जिन्हें मणिबंध रेखा कहते हैं। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हर मणिबंध रेखा की आयु 25 वर्ष मानी गई है। इस हिसाब से कलाई में जितनी मणिबंध रेखा होंगी व्यक्ति की आयु उतनी ज्यादा होगी। बता दें कि किसी भी व्यक्ति के हाथ में इनकी संख्या ज्यादा से ज्यादा 4 हो सकती है।
- माथे की लकीरें भी आयु बताती हैं। माथे की हर रेखा 20 वर्ष की जिंदगी का संकेत देती है। इस लिहाज से जितनी रेखाएं होंगी, उतनी आयु होगी। यहां भी रेखाएं 4-5 से ज्यादा नहीं होंगी।
- उंगली की लंबाई से भी आयु का अनुमान लगाया जा सकता है। यदि व्यक्ति अपनी उंगली से शरीर की लंबाई नापे और उसकी लंबाई 108 उंगली या उससे ज्यादा निकले तो उसकी आयु कम से कम 70 वर्ष तक होती है। वहीं, शरीर की लंबाई 100 उंगली के बराबर होने पर व्यक्ति की आयु 50-55 साल की होती है। इससे कम लंबाई होने पर व्यक्ति अल्पायु होता है।
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