अमेरिका ही नहीं शिमला मिर्च भी खोज कर लाए थे कोलंबस! जानिए भारत कैसे पहुंची ये सब्जी
मिर्च से जुड़ी दो बातें काफी प्रचलित हैं। पहला ये कि यह हमारे देश से कोई ताल्लुक नहीं रखती है यानी करीब 7 से 8 सौ साल पहले यह भारत आई थी और दूसरा ये कि दुनिया की सबसे तीखी मिर्च भी भारत में ही पाई जाती है। लेकिन एक मिर्च ऐसी भी है, जो बिल्कुल तीखी नहीं होती है। आप समझ ही गए होंगे कि हम शिमला मिर्च की बात कर रहे हैं।
शिमला मिर्च वैसे तो भारत में पांच सौ साल पहले ही आई थी, लेकिन इसके साक्ष्य साढ़े सात हजार ईसा पूर्व के मिले हैं। नेटिव अमेरिकंस इतिहास में शिमला मिर्च का जिक्र आता है। ऐसा माना जाता है कि यह मिर्च दुनियाभर में यहीं से फैली है। इस मिर्च से क्रिसोफर कोलंबस का नाम भी जुड़ा है। जी वही कोलंबस, जिन्होंने अमेरिका की खोज की थी। माना जाता है कि कोलंबस ही इस मिर्च को यूरोप तक लेकर आए थे।
भारत में पुर्तगाली अपने साथ कई सब्जियां और खाने का सामान लाए थे। उनमें से अधिकांश पूरे भारत में हर किचन में पाई जाती हैं। इनमें आलू, टमाटर, अनानास, पपीता और काजू शामिल हैं। इस सूची में शिमला मिर्च का भी नाम है। 1510 ई. में जब पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा किया, तो वे अपने साथ खास सब्जियां भी लेकर आएं। इसके बदले वे भारत से कई मसाले लेकर गए थे।
हमारे देश में कैप्सिकम के आते ही उसे भारतीय नाम दे दिया गया 'शिमला मिर्च'। शिमला मिर्च अब भारत के लगभग सभी राज्यों में उगाया जा रहा है। देश में अब अलग-अलग रंग की शिमला मिर्च भी बहुतायक में उगाई जाने लगी है, जैसे कि पीली, नारंगी आदि।
शिमला मिर्च में फाइबर, कार्ब, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के और प्रोटीन जैसे जरूरी तत्व पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें आयरन, मैग्निशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, कॉपर, मैगनीज आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए अब यह सब्जी भारतीयों की खास पसंद बन चुकी है।
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