अंतरिक्ष यात्रा के लिए बन रहा ‘स्पेसप्लेन’, रॉकेट्स की जरूरत होगी खत्म
अमेरिका की एक एयरोस्पेस कंपनी ने स्पेसफ्लाइट को लेकर एक ऐसा स्पेसप्लेन (Spaceplane) बनाने का खुलासा किया है. ये स्पेसप्लेन एक रनवे से उड़ान भर सकता है और फिर जमीन पर लैंड कर सकता है. वाशिंगटन में मौजूद रेडियन एयरोस्पेस (Radian Aerospace) ने दावा किया है कि इसका स्पेसप्लेन यात्रा को अंतरिक्ष और दुनियाभर में पूरी तरह से बदल लेगा.
अमेरिका की एक एयरोस्पेस कंपनी ने स्पेसफ्लाइट को लेकर एक ऐसा स्पेसप्लेन (Spaceplane) बनाने का खुलासा किया है. ये स्पेसप्लेन एक रनवे से उड़ान भर सकता है और फिर जमीन पर लैंड कर सकता है. वाशिंगटन में मौजूद रेडियन एयरोस्पेस (Radian Aerospace) ने दावा किया है कि इसका स्पेसप्लेन यात्रा को अंतरिक्ष और दुनियाभर में पूरी तरह से बदल लेगा.
कंपनी ने दावा किया है कि ये टूरिज्म मार्केट पर ध्यान केंद्रित नहीं करेगा. इसका फोकस रिसर्च, अंतरिक्ष में निर्माण और पृथ्वी के ऑब्जर्वेशन को आसान और सस्ता बनाने का एक तरीका ढूंढता है. रेडियन का कहना है कि उसने रेडियन वन एयरोस्पेस वाहन के डिजाइन और प्रारंभिक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए 'स्टील्थ मोड में संचालित' किया है. कंपनी ने कहा कि ये स्पेसप्लेन पारंपरिक वर्टिकल रॉकेट्स की जगह लेगा.
रेडियन एयरोस्पेस ने कहा, ये स्पेसप्लेन रिजूजेबल होगा और विमानों जैसे सिस्टम होने की वजह से कम इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत पड़ेगी. स्पेस्पेलन को एक उड़ान के 48 घंटे बाद फिर से उड़ाया जा सकता है. स्पेसप्लेन पृथ्वी की निचली कक्षा में उड़ान भर सकेगा. एक बार कक्षा में होने पर इसका मिशन पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाते हुए 90 मिनट तक से लेकर पांच दिनों तक का हो सकता है.
स्पेस से पृथ्वी पर वापस आने के दौरान स्पेसप्लेन के पंख इसे किसी भी 10 हजार फीट लंबे रनवे पर सुरक्षित लैंड करने में मदद करेंगे. इस तरह ये विमान दुनिया के किसी भी बड़े एयरपोर्ट पर आराम से लैंड कर सकेगा. कंपनी का कहना है कि स्पेसप्लेन अंतरिक्ष में एक बार पहुंचने पर कई प्रकार के कार्यों को करने में सक्षम होगा, जिसमें लोगों और हल्के कार्गो को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाना शामिल है.
रेडियन के सीईओ और सह-संस्थापक रिचर्ड हम्फ्री ने कहा, हम मानते हैं कि अंतरिक्ष तक व्यापक पहुंच का मतलब मानव जाति के लिए असीमित अवसर हैं. उन्होंने कहा, समय के साथ हम अंतरिक्ष यात्रा को विमान यात्रा की तरह लगभग सरल और सुविधाजनक बनाने का इरादा रखते हैं. उन्होंने आगे कहा कि उनका फोकस भी स्पेस टूरिज्म पर नहीं है.
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