मनीषा को स्वर्ण, रीतिका दूसरे स्थान पर रहीं, सरिता मोर ने कांस्य पदक जीता
बिश्केक. छोटे ड्रा का पूरा फायदा उठाते हुए मनीषा ने शनिवार को यहां स्वर्ण पदक जीता जबकि रीतिका तीन पहलवानों की स्पर्धा में दूसरे स्थान पर रहीं और सरिता मोर को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा जिससे भारतीय महिला पहलवानों ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में अभियान तीन पदक से समाप्त किया। सरिता ने 59 किग्रा सेमीफाइनल तक एक भी अंक नहीं गंवाया था, उन्होंने तुर्की की एब्रु डागबासी को 4-0 और कजाखस्तान की डायना कायुमोवा को 7-0 से शिकस्त दी। सेमीफाइनल भी करीबी रहा लेकिन वह यूक्रेन की सोलोमिया विनिक से 4-5 से हार गयीं।
तीसरे स्थान के प्लेऑफ में विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता ने कायुमोवा को फिर हराया और इस बार उन्होंने तकनीकी श्रेष्ठता से जीत दर्ज की और एक भी अंक गंवाये बिना महिला स्पर्धा में भारत का पहला पदक जीता। वहीं 65 किग्रा के ड्रा में पांच पहलवान थी जिसमें मनीषा ने सभी तीनों मुकाबले तकनीकी श्रेष्ठता से जीतते हुए फाइनल में प्रवेश किया जिसमें उन्होंने यूक्रेन की युलिया लेस्कोवेट्स को 6-2 से मात दी। तीन पहलवानों की 72 किग्रा स्पर्धा में रीतिका ने इटली की डालमा कानेवा को 7-0 से हराया लेकिन कजाखस्तान की झामिला बाकबरजिनोवा से 0-4 से हार गयीं जिससे उन्हें रजत पदक मिला। नीलम 50 किग्रा वर्ग में चीन की जिकी फेंग से हार गयी।
विनेश फोगाट के टूर्नामेंट में नहीं खेलने से 53 किग्रा में पूजा ने प्रतिनिधित्व किया जिसमें वह चीन की मेयिंग जियांग के खिलाफ एक भी अंक नहीं जुटा सकीं और क्वालीफिकेशन मुकाबले में 0-4 से हार गयीं। सिटो 55 किग्रा वर्ग में एक भी मुकाबला नहीं जीत सकीं। पुरुषों की फ्रीस्टाइल स्पर्धा में दीपक (97 किग्रा) और अनिरूद्ध कुमार (125 किग्रा) पदक दौर में पहुंचने में विफल रहे। भारत ने अभी तक टूर्नामेंट से चार पदक जीत लिये हैं जिसमें मंजीत (55 किग्रा) ने ग्रीको रोमन स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था।
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