प्रवासी भारतीय अब एयर इंडिया के शत प्रतिशत शेयर खरीद सकेंगे
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज नागर विमानन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-एफडीआई नीति को भी स्वीकृति दी।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि एफ डी आई नीति में संशोधन का उद्देश्य एयर इंडिया में विदेशी निवेश को अनुमति प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि अप्रवासी भारतीय- एन आर आई स्वत: मंजूरी प्रक्रिया के द्वारा एयर इंडिया का शत प्रतिशत शेयर खरीद सकते हैं। श्री जावडेकर ने कहा कि इससे पहले, एन आर आई केवल 49 प्रतिशत तक ही शेयर खरीद सकते थे।
एयर इंडिया को 2018 में बेचने की पहली कोशिश असफल रहने के बाद केंद्र सरकार ने इस बार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया है। वर्ष 2018 में सरकार ने एयरलाइन में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया था। एयर इंडिया के लिए बोली जमा करने की आखिरी तारीख 17 मार्च तक है। इसमें रुचि रखने वाले बोलीदाताओं का नेटवर्थ 3,500 करोड़ रुपये होना चाहिए। बोली जमा होने के बाद आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
एयर इंडिया पर करीब 80 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। वित्त वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को 8,556 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। 7 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने एक मंत्री समूह (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) ने निजीकरण से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 पर्सेंट शेयर सरकार के पास ही हैं।
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