निर्यातकों को ऋण गारंटी योजना के तहत रियायती दर पर 50 करोड़ रुपये तक मिलेंगे
नयी दिल्ली. । निर्यातक ऋण गारंटी योजना के तहत रियायती दर पर 50 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त कर्ज प्राप्त कर सकते हैं। सरकार ने वित्त के मोर्च पर अल्पकालिक असंतुलन को दूर करने और नए संभावित बाजारों की खोज के लिए निर्यातकों के लिए बुधवार को ऋण गारंटी योजना शुरू की। इसका उद्देश्य अतिरिक्त कार्यशील पूंजी की आवश्यकता वाले निर्यातकों को दी जाने वाली अतिरिक्त ऋण सुविधा के लिए 100 प्रतिशत गारंटी प्रदान करना है। इस योजना के तहत, निर्यातक स्वीकृत निर्यात कार्यशील पूंजी सीमा के 20 प्रतिशत तक का उपयोग कर सकते हैं, जबकि अप्रत्यक्ष निर्यातकों को कार्यशील पूंजी सीमा का 20 प्रतिशत तक मिलेगा, जो 50 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। दिशानिर्देश जारी होने की तिथि पर ब्याज दर मौजूदा सुविधा से एक प्रतिशत कम होगी। योजना के तहत ऋण की अवधि पहली वितरण की तिथि से चार वर्ष होगी और इसमें एक वर्ष की ऋण लौटाने को लेकर स्थगन अवधि शामिल होगी। यह योजना राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लि. (एनसीजीटीसी) के दिशानिर्देश जारी करने की तिथि से 31 मार्च, 2026 तक या 20,000 करोड़ रुपये तक की गारंटी जारी होने तक, जो भी पहले हो, लागू रहेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्यातकों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से बुधवार को निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसई) शुरू करने को मंजूरी दे दी। इसके तहत एनसीजीटीसी द्वारा सदस्य ऋणदाता संस्थानों (एमएलआई) को 100 प्रतिशत ऋण गारंटी कवरेज प्रदान की जाएगी ताकि एमएसएमई सहित पात्र निर्यातकों को 20,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त ऋण सुविधाएं प्रदान की जा सकें। भारतीय निर्यात पर अमेरिका के भारी शुल्क के कारण निर्यातकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिका ने भारत से निर्यात होने वाले सामानों पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाया है। यह 27 अगस्त से प्रभावी है।

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