भारत, बोत्सवाना ने चीता स्थानांतरण समझौते की घोषणा की; राष्ट्रपति मुर्मू ने अच्छी देखभाल की बात कही
गबोरोन (बोत्सवाना). भारत और बोत्सवाना ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राजकीय यात्रा के दौरान इस अफ्रीकी देश से आठ चीतों को स्थानांतरित किए जाने की योजना की औपचारिक घोषणा की। मुर्मू ने बोत्सवाना के राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको और दुनिया के सबसे बड़े हीरा उत्पादक देशों में से एक के लोगों को इस सद्भावना के लिए धन्यवाद देते हुए आश्वासन दिया, ‘‘हम उनकी (चीतों की) अच्छी देखभाल करेंगे।'' बोको ने कहा कि उनका देश बृहस्पतिवार को प्रतीकात्मक रूप से चीतों को “महामहिम (मुर्मू)” को सौंपेगा।
दोनों राष्ट्राध्यक्ष एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें पकड़े गए आठ चीतों को मोकोलोडी प्राकृतिक अभयारण्य में एक पृथकवास परिसर में छोड़ा जाएगा, जो इन्हें ‘प्रोजेक्ट चीता' के भाग के रूप में और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक पारस्परिक पहल के तहत बोत्सवाना द्वारा भारत को प्रतीकात्मक रूप से सौंपे जाने का साक्ष्य होगा। कालाहारी रेगिस्तान स्थित घांजी शहर से इन चीतों को गबोरोन से 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित प्राकृतिक अभयारण्य में लाया गया है। बोत्सवाना चारों तरफ से जमीन से घिरा राष्ट्र है, जिसका 70 प्रतिशत भूभाग कालाहारी रेगिस्तान के दायरे में आता है। मुर्मू ने कहा, ‘‘मुझे यह जानकर विशेष खुशी हो रही है कि बोत्सवाना, प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत में चीतों को पुनः लाने जा रहा है, जो भारत सरकार की एक अनूठी वन्यजीव संरक्षण पहल है।'' उन्होंने यहां राष्ट्रपति कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, ‘‘मैं राष्ट्रपति और बोत्सवाना के लोगों की आभारी हूं कि वे अपने चीते भारत भेज रहे हैं। हम उनकी अच्छी देखभाल करेंगे।'' मुर्मू मंगलवार को तीन-दिवसीय राजकीय यात्रा पर बोत्सवाना पहुंचीं। दक्षिणी अफ्रीका स्थित इस देश की किसी भारतीय राष्ट्रपति की यह पहली यात्रा है।










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