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बेमौसम बारिश से प्याज की कीमतों पर कोई असर नहीं, आपूर्ति बढ़ाने को ‘बफर स्टॉक' का उपयोग होगा'

 नयी दिल्ली। केंद्र ने गुरुवार को कहा कि बेमौसम बारिश का खरीफ प्याज उत्पादन पर ‘मामूली' प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि आने वाले हफ्तों में कीमतों में वृद्धि की आशंका नहीं है क्योंकि प्याज की कमी को पूरा करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त ‘बफर स्टॉक' है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने  कहा कि प्याज ही नहीं, दालों की कीमतें दिसंबर तक स्थिर रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘दिसंबर तक प्याज और दालों की कीमतें नहीं बढ़ेंगी क्योंकि हमारे पास पर्याप्त ‘बफर स्टॉक' उपलब्ध है।'' इस साल खरीफ सत्र में उगाए गए प्याज और दालों के उत्पादन और कीमतों पर बेमौसम बारिश के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, सचिव ने कहा, ‘‘... खरीफ प्याज उत्पादन पर मामूली असर हुआ हो सकता है। लेकिन ‘बफर स्टॉक' के होने के कारण हम इस कमी को पर्याप्त रूप से दूर करेंगे।'' उन्होंने कहा कि प्याज का केवल 45 प्रतिशत उत्पादन खरीफ (गर्मी) के मौसम से आता है और शेष 65 प्रतिशत उत्पादन रबी (सर्दियों) मौसम में होता है। सचिव ने कहा कि स्थानीय इलाकों में कीमतों के आधार पर ‘बफर स्टॉक' से प्याज बाजार में उतारा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी कीमतें राष्ट्रीय औसत से ऊपर होती हैं, हम वहां आपूर्ति करते हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि दिसंबर तक प्याज के संदर्भ में चिंता की कोई बात नहीं है।'' राष्ट्रीय बफर स्टॉक से अब तक 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लगभग 54,000 टन प्याज जारी किया गया है। इसके परिणामस्वरूप पूरे साल प्याज की कीमतें स्थिर रही हैं। इसके अलावा, प्याज की खुदरा कीमतों को स्थिर रखने के लिए, भारत सरकार ने सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों और मदर डेयरी, सफल, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार को प्याज के केंद्रीय बफर स्टॉक से 800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्याज उठाने की पेशकश की है। दालों के मामले में सचिव ने कहा कि सभी दलहनों को मिलाकर, सरकार के पास 43.82 लाख टन का स्टॉक है, जो बाजार के स्थिर रखने के लिए पर्याप्त मात्रा से कहीं अधिक है। सचिव ने आगे कहा कि सरकार दैनिक आधार पर कीमतों की स्थिति को बहुत करीब से नजर रख रही है।
 उन्होंने कहा कि जिस क्षण सरकार व्यापारियों के पास जमाखोरी या अतिरिक्त स्टॉक रखने की प्रवृत्ति देखती है, ‘‘हम केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधानों का उपयोग कर यह सुनिश्चित करते हैं कि प्याज की कीमतों को नरम बनाने के लिए इसे बाजार में लाया जाये।'' इससे पहले एक संवाददाता सम्मेलन में, सचिव ने कहा कि बफर स्टॉक से लगभग 54,000 टन प्याज पहले ही 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उतार दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप पूरे साल प्याज की कीमतें स्थिर रही हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में, प्याज के अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य में पिछले वर्ष की तुलना में 28 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। दालों के मामले में, सामान्य मौसमी कीमतों में वृद्धि को छोड़कर, प्रमुख दालों की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें वर्ष की शुरुआत से काफी स्थिर रही हैं। सचिव ने कहा कि चना और मसूर दाल की कीमतों में पिछले महीने की तुलना में थोड़ी गिरावट आई है, जबकि इसी अवधि में मामूली वृद्धि के साथ अरहर, उड़द और मूंग दाल की कीमतें लगभग स्थिर रही हैं।

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