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रत्न, आभूषण उद्योग ने सोने, चांदी पर सीमा शुल्क में कटौती का स्वागत किया

नयी दिल्ली.  रत्न एवं आभूषण उद्योग ने मंगलवार को आम बजट में सोने और चांदी पर सीमा शुल्क में कटौती करने के सरकार के कदम का स्वागत किया। उद्योग ने कहा कि इससे आदान (इनपुट) लागत कम होगी, मूल्य संवर्धन बढ़ेगा, निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और घरेलू विनिर्माण को लाभ मिलेगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा, ‘‘देश में सोने और कीमती धातु के आभूषणों में घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ाने के लिए, मैं सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को घटाकर छह प्रतिशत और प्लैटिनम पर 6.4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।'' पहले सोने और चांदी पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत था। सोने और चांदी के ‘डोर' पर शुल्क पहले के 14.35 प्रतिशत से घटाकर 5.35 प्रतिशत कर दिया गया। इसके अतिरिक्त प्लैटिनम, पैलेडियम, ऑस्मियम, रूथेनियम और इरीडियम पर सीमा शुल्क 15.4 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया गया। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के चेयरमैन विपुल शाह के अनुसार, आयात शुल्क में कमी हमारे उद्योग के लिए एक बड़ा बढ़ावा है, जो कार्यशील पूंजी जारी करके उपभोक्ताओं के लिए सामर्थ्य और विनिर्माण क्षेत्र के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाएगा। शाह ने कहा, ‘‘विशेष अधिसूचित क्षेत्रों (एसएनजेड) में बिक्री के लिए कच्चे हीरों पर दो प्रतिशत समानीकरण शुल्क को समाप्त करने और सुरक्षित बंदरगाह नियम की शुरूआत भारत को वैश्विक हीरा व्यापार केंद्र के रूप में मजबूती से स्थापित करेगी।'' उन्होंने कहा कि ये उपाय इस क्षेत्र के विकास को गति देंगे, छोटे पैमाने के हीरा तराशने वालों और पॉलिशरों के लिए लाखों नौकरियां पैदा करेंगे और वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनने के भारत के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय सीईओ (भारत) सचिन जैन ने कहा, ‘‘स्वर्ण उद्योग के लिए, सोने पर मूल सीमा शुल्क और कृषि अवसंरचना और विकास उपकर (एआईडीसी) में कमी से घरेलू आभूषण उद्योग की समग्र प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलेगा।'' उन्होंने कहा कि यह सोने पर कुल करों को प्रभावी रूप से जीएसटी सहित लगभग 18.5 प्रतिशत से घटाकर नौ प्रतिशत कर देगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह सही दिशा में एक बड़ा कदम है, क्योंकि यह सोने की तस्करी को हतोत्साहित करेगा। यह ईमानदार कारोबारियों को प्रतिस्पर्धा का समान अवसर देगा। सोने की कीमतें स्थानीय स्तर पर भी सही होंगी, जिससे खुदरा सोने की मांग को बढ़ावा मिलेगा - जो भारतीय स्वर्ण उद्योग के लिए एक और प्रोत्साहन है।'' अखिल भारतीय रत्न और आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा, ‘‘सीमा शुल्क में कमी से घरेलू आभूषण निर्माताओं, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों को लाभ होगा, जिससे उन्हें धीरे-धीरे औपचारिक चैनल की ओर संक्रमण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।'' इंडिया बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के उपाध्यक्ष अक्ष कंबोज ने कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि यह फैसला आभूषण और सर्राफा उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करेगा, आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा और नए अवसर पैदा करेगा।'' मालाबार समूह के चेयरमैन एम पी अहमद ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि शुल्क में कमी से सोने की तस्करी में भारी कमी आएगी, जिससे अवैध व्यापार पर अंकुश लगेगा और कर राजस्व में वृद्धि होगी। इस कटौती से संगठित खुदरा आभूषण विक्रेताओं, उपभोक्ताओं और सरकार को लाभ होगा।'' आयात शुल्क में कमी के साथ, पीएनजी ज्वैलर्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगिल को ‘‘सोने की खपत में वृद्धि और सोने की कीमतों में नरमी की उम्मीद है, जो हाल ही में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है।

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